उचाईयो तक पहुंचना थोड़ा कठिन है मगर ऊंचाई तक पहुंचकर अंहकार ना करना बहुत कठिन है, प्रयास करें सरल बनें
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक:-23/02/2023, गुरूवार चतुर्थी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल
तिथि |
चतुर्थी 25:33:09 तक |
पक्ष |
शुक्ल |
नक्षत्र |
रेवती 27:43:08 |
योग |
शुभ 20:56:35 |
योग |
सिद्ध 27:06:37 |
करण |
वणिज 14:22:48 |
करण |
विष्टि भद्र 25:33:09 |
करण |
कौलव 29:57:13 |
वार |
गुरुवार |
माह |
फाल्गुन |
चन्द्र राशि |
मीन 27:43:08 |
चन्द्र राशि |
मेष |
सूर्य राशि |
कुम्भ |
रितु |
वसंत |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
06:51:06 |
सूर्यास्त |
18:14:24 |
दिन काल |
11:23:17 |
रात्री काल |
12:35:46 |
चंद्रास्त |
21:38:51 |
चंद्रोदय |
08:52:44 |
लग्न—- कुम्भ 9°58′ , 309°58′
सूर्य नक्षत्र |
शतभिषा |
चन्द्र नक्षत्र |
रेवती |
नक्षत्र पाया |
स्वर्ण |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
दे |
रेवती 10:28:11 |
दो |
रेवती 16:10:16 |
च |
रेवती 21:55:13 |
ची |
रेवती 27:43:08 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य |
कुम्भ 09 : 29 शतभिषा , 1 गो |
चन्द्र |
मीन 17°:23, रेवती , 1 दे |
बुध |
मकर 22 °: 34′ श्रवण’ 4 खो |
शुक्र |
मीन 09 °05, उ o भा o ‘ 2 थ |
मंगल |
वृषभ 22°30 ‘ रोहिणी’ 4 वू |
गुरु |
मीन 16°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ |
शनि |
कुम्भ 04°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे |
राहू |
(व) मेष 13°20 भरणी , 1 ली |
केतु |
(व) तुला 13°20 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
15:24 16.49अशुभ |
यम घंटा |
06:51 – 08:17 अशुभ |
गुली काल |
09:42 – 11:07 अशुभ |
अभिजित |
12:10 – 12:56 शुभ |
दूर मुहूर्त |
10:39 – 11:24 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
15:12 – 15:58 अशुभ |
वर्ज्यम |
16:10 – 17:42 अशुभ |
🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ
🚩पंचक 06:51 – 27:43* अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ |
06:51 – 08:17 शुभ |
रोग |
08:17 – 09:42 अशुभ |
उद्वेग |
09:42 – 11:07 अशुभ |
चर |
11:07 – 12:33 शुभ |
लाभ |
12:33 – 13:58 शुभ |
अमृत |
13:58 – 15:24 शुभ |
काल |
15:24 – 16:49 अशुभ |
शुभ |
16:49 – 18:14 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
अमृत |
18:14 – 19:49 शुभ |
चर |
19:49 – 21:23 शुभ |
रोग |
22:58 – 24:32* अशुभ |
काल |
24:32 – 26:07 शुभ |
लाभ |
27:42 – 29:16 शुभ |
उद्वेग |
26:07 – 27:41 अशुभ |
शुभ |
27:41 – 29:16 शुभ |
अमृत |
29:16 – 30:50 शुभ |
🚩होरा, दिन
बृहस्पति |
06:51 – 07:48 |
मंगल |
07:48 – 08:45 |
सूर्य |
08:45 – 09:42 |
शुक्र |
09:42 – 10:39 |
बुध |
10:39 – 11:36 |
चन्द्र |
11:36 – 12:33 |
शनि |
12:33 – 13:30 |
बृहस्पति |
13:30 – 14:27 |
मंगल |
14:27 – 15:24 |
सूर्य |
15:24 – 16:21 |
शुक्र |
16:21 – 17:17 |
बुध |
17:17 – 18:14 |
🚩होरा, रात
चन्द्र |
18:14 – 19:17 |
शनि |
19:17 – 20:20 |
बृहस्पति |
20:20 – 21:23 |
मंगल |
21:23 – 22:26 |
सूर्य |
22:26 – 23:29 |
शुक्र |
23:29 – 24:32 |
बुध |
24:32* – 25:35 |
चन्द्र |
25:35* – 26:38 |
शनि |
26:38* – 27:41 |
बृहस्पति |
27:41* – 28:44 |
मंगल |
28:44* – 29:47 |
सूर्य |
29:47* – 30:50 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मकर |
03:36 से 05: 18 तक |
कुम्भ |
05: 18 से 07:22 तक |
मीन |
07:22 से 08:30 तक |
मेष |
08:30 से 10:04 तक |
वृषभ |
10:04 से 12:06 तक |
मिथुन |
12:06 से 14:34 तक |
कर्क |
14:34 से 17:36 तक |
सिंह |
17:36 से 18:50 तक |
कन्या |
18:50 से 21:56 तक |
तुला |
21:56 से 00:32 तक |
वृश्चिक |
00:30 से 01:36 तक |
धनु |
01:32 से 03: 34 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
4 + 5 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
4 + 4+ 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर 14:22 से रात्रि 25:33 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
विशेष जानकारी
विश्वाचार्य पाटोत्सव
अविघ्न चतुर्थी
संत चतुर्थी
सरदार अजीतसिंह जयंती
गाडगे महाराज जयंती