हम परिस्थिति, मौसम या हवा को नहीं बदल सकते, लेकिन स्वयं को बदल सकते हैं यह एक ऐसी चीज है जिस पर हमारा दायित्व है| आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:-28/02/2023, मंगलवार* नवमी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन”(समाप्ति काल

तिथि नवमी 28:18:15 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र रोहिणी 07:18:26
योग विश्कुम्भ 16:24:22
करण बालव 15:15:53
करण कौलव 28:18:15
वार मंगलवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि मिथुन
चन्द्र राशि वृषभ 20:31:16
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:46:19
सूर्यास्त 18:17:34
दिन काल 11:31:14
रात्री काल 12:27:45
चंद्रोदय 12:02:07
चंद्रास्त 26:35:51

लग्न—- कुम्भ 14°59′ , 314°59′

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र रोहिणी
नक्षत्र पाया लोहा

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

वु रोहिणी 07:18:26
वे मृगशिरा 13:53:57
वो मृगशिरा 20:31:16
का मृगशिरा 27:10:10

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 14 : 29 शतभिषा , 3 सी
चन्द्र वृषभ 23°:23, रोहिणी , 4 वू
बुध कुम्भ 00 °: 34′ धनिष्ठा’ 3 गु
शुक्र मीन 15 °05, उ o भा o ‘ 4 ञ
मंगल वृषभ 24°30 ‘ मृगशिरा’ 1 वे
गुरु मीन 17°30 ‘ रेवती , 1 दे
शनि कुम्भ 05°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व)मेष 13°00 अश्विनी , 4 ला
केतु (व)तुला 13°00 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 13.58 =15:25 अशुभ
यम घंटा 09:39 – 11:06 अशुभ
गुली काल 12:32 – 13:58 अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:05 – 09:51 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 13:28 – 15:13 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 06:46 – 08:13 अशुभ
उद्वेग 08:13 – 09:39 अशुभ
चर 09:39 – 11:06 शुभ
लाभ 11:06 – 12:32 शुभ
अमृत 12:32 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:25 अशुभ
शुभ 15:25 – 16:51 शुभ
रोग 16:51 – 18:18 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

रोग 27:38 – 29:12 अशुभ
काल 18:18 – 19:51 अशुभ
लाभ 19:51 – 21:25 शुभ
उद्वेग 21:25 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:31* शुभ
अमृत 24:31 – 26:05 शुभ
चर 26:05 – 27:38 शुभ
काल 29:12 – 30:45 अशुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 08:42 – 09:39
बुध 09:39 – 10:37
चन्द्र 10:37 – 11:34
शनि 11:34 – 12:32
बृहस्पति 12:32 – 13:30
मंगल 06:46 – 07:44
सूर्य 07:44 – 08:42
शुक्र 15:25 – 16:22
बुध 16:22 – 17:20
चन्द्र 17:20 – 18:18
मंगल 13:30 – 14:27
बृहस्पति 15:25 – 16:22
सूर्य 14:27 – 15:25

🚩होरा, रात

शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:31
चन्द्र 24:31* – 25:34
शनि 18:18 – 19:20
बृहस्पति 19:20 – 20:22
मंगल 20:22 – 21:25
सूर्य 21:25 – 22:27
शुक्र 29:43* – 30:45
बुध 23:29 – 24:31
चन्द्र 24:31* – 25:34
शनि 25:34* – 26:36
बृहस्पति 26:36* – 27:38
मंगल 27:38* – 28:41
सूर्य 28:41* – 29:43

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 03:18 से 04: 28 तक
कुम्भ 04: 42 से 07:06 तक
मीन 07:06 से 08:14 तक
मेष 08:14 से 09:48 तक
वृषभ 09:48 से 11:50 तक
मिथुन 11:50 से 14:18 तक
कर्क 14:18 से 17:20 तक
सिंह 17:20 से 18:34 तक
कन्या 18:34 से 21:40 तक
तुला 21:40 से 00:16 तक
वृश्चिक 00:16 से 01:16 तक
धनु 01:16 से 03: 18 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–उत्तर

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

9 + 3 + 1 = 13 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

* आनंदा नवमी

* लठ्ठमार होली बरसाना

* हरि: जयंती

* राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

* डा०राजेन्द्र प्रसाद पुण्य तिथि