समय से पहले बोले गए शब्द और मौसम से पहले तोड़े गए फल, दोनों ही व्यर्थ होते है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 02/03/2023, गुरुवार* एकादशी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि एकादशी अहोरात्र तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र आर्द्रा 12:42:16
योग आयुष्मान 17:49:22
करण तैतुल 17:26:25
करण वणिज 19:54:03
वार गुरूवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि मिथुन
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:44:19
सूर्यास्त 18:18:47
दिन काल 11:34:27
रात्री काल 12:24:31
चंद्रोदय 13:43:05
चंद्रास्त 28:15:50

लग्न—-कुम्भ 17°0′ , 317°0′

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र आर्द्रा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

आर्द्रा 12:42:16
के पुनर्वसु 19:26:55
को पुनर्वसु 26:11:53

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 17 : 29 शतभिषा , 4 सू
चन्द्र मिथुन 17°:23, आर्द्रा , 4 छ
बुध कुम्भ 04 °: 34′ धनिष्ठा’ 4 गे
शुक्र मीन 17 °05, रेवती ‘ 1 दे
मंगल वृषभ 25°30 ‘ मृगशिरा’ 1 वे
गुरु मीन 17°30 ‘ रेवती , 1 दे
शनि कुम्भ 05°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व)मेष 12°50 अश्विनी , 4 ला
केतु (व)तुला 12°50 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 15:25 16.52 अशुभ
यम घंटा 06:44 – 08:11 अशुभ
गुली काल 09:38 – 11:05 अशुभ
अभिजित 12:08 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 10:36 – 11:22 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:14 – 15:59 अशुभ
वर्ज्यम 26:12 – 27:59 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 06:44 – 08:11 शुभ
उद्वेग 09:38 – 11:05 अशुभ
चर 11:05 – 12:32 शुभ
लाभ 12:32 – 13:58 शुभ
अमृत 13:58 – 15:25 शुभ
काल 15:25 – 16:52 अशुभ
शुभ 16:52 – 18:19 शुभ
रोग 08:11 – 09:38 अशुभ
लाभ 16:52 – 18:18 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 18:19 – 19:52 शुभ
रोग 21:25 – 22:58 अशुभ
काल 22:58 – 24:31* अशुभ
लाभ 24:31 – 26:04 शुभ
उद्वेग 26:04 – 27:37 अशुभ
शुभ 27:37 – 29:10 शुभ
अमृत 29:10 – 30:43 शुभ
चर 19:52 – 21:25 शुभ
उद्वेग 29:11 – 30:44 अशुभ

🚩होरा, दिन

बृहस्पति 06:44 – 07:42
मंगल 07:42 – 08:40
सूर्य 08:40 – 09:38
शुक्र 09:38 – 10:36
बुध 10:36 – 11:34
चन्द्र 11:34 – 12:32
शनि 12:32 – 13:29
बृहस्पति 13:29 – 14:27
मंगल 14:27 – 15:25
सूर्य 15:25 – 16:23
शुक्र 16:23 – 17:21
बुध 17:21 – 18:19

🚩होरा, रात

चन्द्र 18:19 – 19:21
शनि 19:21 – 20:23
बृहस्पति 20:23 – 21:25
मंगल 21:25 – 22:27
सूर्य 22:27 – 23:29
शुक्र 23:29 – 24:31
बुध 24:31* – 25:33
चन्द्र 25:33* – 26:35
शनि 26:35* – 27:37
बृहस्पति 27:37* – 28:39
मंगल 28:39* – 29:41
सूर्य 29:41* – 30:43

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 03:10 से 04: 20 तक
कुम्भ 04: 34 से 06:58 तक
मीन 06:58 से 08:06 तक
मेष 08:06 से 09:36 तक
वृषभ 09:36 से 11:38 तक
मिथुन 11:38 से 14:24 तक
कर्क 14:24 से 17:08 तक
सिंह 17:08 से 18:26 तक
कन्या 18:26 से 21:32 तक
तुला 21:32 से 00:08 तक
वृश्चिक 00:08 से 01:08 तक
धनु 01:08 से 03: 10 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–दक्षिण

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

11 + 5 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 19:55 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक

विशेष जानकारी

सर्वार्थ सिद्धि योग 12:42 से