जो दूसरों की भलाई करता है, वह अपनी भलाई अपने-आप कर लेता है,भलाई फल में नहीं अपितु कर्म करने में ही है क्योंकि शुभ कर्म करने का भाव ही अच्छा पुरस्कार है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 03/03/2023, शुक्रवार* एकादशी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन (समाप्ति काल)

तिथि एकादशी 09:10:36 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र पुनर्वसु 15:42:11
योग सौभाग्य 18:43:13
करण विष्टि भद्र 09:10:35
करण बव 22:27:11
वार शुक्रवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि मिथुन 08:57:02
चन्द्र राशि कर्क
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:43:19
सूर्यास्त 18:19:23
दिन काल 11:36:04
रात्री काल 12:22:53
चंद्रोदय 14:37:49
चंद्रास्त 28:58:20

लग्न—-कुम्भ 18°1′ , 318°1′

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र पुनर्वसु
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

हा पुनर्वसु 08:57:02
ही पुनर्वसु 15:42:11
हु पुष्य 22:27:13
हे पुष्य 29:12:01

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 18 : 29 शतभिषा , 4 सू
चन्द्र मिथुन 28°:23, पुनर्वसु, 3 हा
बुध कुम्भ 06 °: 34′ धनिष्ठा’ 4 गे
शुक्र मीन 18 °05, रेवती ‘ 1 दे
मंगल वृषभ 25°30 ‘ मृगशिरा’ 1 वे
गुरु मीन 18°30 ‘ रेवती , 1 दे
शनि कुम्भ 05°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व)मेष 12°50 अश्विनी , 4 ला
केतु (व)तुला 12°50 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 11:04 – 12:31 अशुभ
यम घंटा 15:25 – 16:52 अशुभ
गुली काल 08:10 – 09:37 अशुभ
अभिजित 12:08 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:03 – 09:49 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:55 – 13:41 अशुभ
वर्ज्यम 24:42 – 26:30 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

चर 06:43 – 08:10 शुभ
उद्वेग 15:25 – 16:52 अशुभ
लाभ 08:10 – 09:37 शुभ
अमृत 09:37 – 11:04 शुभ
काल 11:04 – 12:31 अशुभ
शुभ 12:31 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:25 अशुभ
चर 16:52 – 18:19 शुभ

🚩चोघडिया, रात

रोग 18:19 – 19:52 अशुभ
काल 19:52 – 21:25 अशुभ
लाभ 21:25 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:31* अशुभ
शुभ 24:31 – 26:04 शुभ
अमृत 26:04 – 27:37 शुभ
चर 27:37 – 29:09 शुभ
रोग 29:09 – 30:42 अशुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 06:43 – 07:41
बुध 07:41 – 08:39
चन्द्र 08:39 – 09:37
शनि 09:37 – 10:35
बृहस्पति 10:35 – 11:33
मंगल 11:33 – 12:31
सूर्य 12:31 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:27
बुध 14:27 – 15:25
चन्द्र 15:25 – 16:23
शनि 16:23 – 17:21
बृहस्पति 17:21 – 18:19

🚩होरा, रात

मंगल 18:19 – 19:21
सूर्य 19:21 – 20:23
शुक्र 20:23 – 21:25
बुध 21:25 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:29
शनि 23:29 – 24:31
बृहस्पति 24:31* – 25:33
मंगल 25:33* -26:35
सूर्य 26:35* – 27:37
शुक्र 27:37* – 28:38
बुध 28:38* – 29:40
चन्द्र 29:40* – 30:42

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 03:10 से 04: 20 तक
कुम्भ 04: 34 से 06:58 तक
मीन 06:58 से 08:06 तक
मेष 08:06 से 09:36 तक
वृषभ 09:36 से 11:38 तक
मिथुन 11:38 से 14:24 तक
कर्क 14:24 से 17:08 तक
सिंह 17:08 से 18:26 तक
कन्या 18:26 से 21:32 तक
तुला 21:32 से 00:08 तक
वृश्चिक 00:08 से 01:08 तक
धनु 01:08 से 03: 10 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

11 + 6 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अ शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 19:11 तक समाप्त

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

विशेष जानकारी

*आमलकी एकादशी व्रत (सर्वेषां)

* रंग भरनी एकादशी (वृन्दावन मथुरा )

एकादशी वृद्धि

लट्ठमार होली जन्मभूमि मथुरा

सर्वार्थ सिद्धि योग 15:42 तक

मुख्य मेला खाटूश्याम जी