लोग चाहते हैं कि आप प्रगति करें लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे ज्यादा प्रगति करें
आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 04/03/2023, शनिवार द्वादशी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि तिथि–द्वादशी 11:42:40 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र पुष्य 18:40:19
योग शोभन 19:34:57
करण बालव 11:42:40
करण कौलव 24:56:06
वार शनिवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि कर्क
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:42:17
सूर्यास्त 18:19:59
दिन काल 11:37:41
रात्री काल 12:21:16
चंद्रोदय 15:33:32
चंद्रास्त 29:36:06

लग्न—–कुम्भ 19°1′ , 319°1

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र पुष्य
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

हो पुष्य 11:56:24
पुष्य 18:40:19
डी आश्लेषा 25:23:38

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 19 : 29 शतभिषा , 4 सू
चन्द्र कर्क 10°:23, पुष्य, 3 हो
बुध कुम्भ 07 °: 34′ शतभिषा’1 गो
शुक्र मीन 20 °05, रेवती ‘ 2 दो
मंगल वृषभ 26°30 ‘ मृगशिरा’ 1 वे
गुरु मीन 18°30 ‘ रेवती , 1 दे
शनि कुम्भ 05°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व) मेष 12°50 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 12°50 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 09:37 – 11:04 अशुभ
यम घंटा 13:58 – 15:26 अशुभ
गुली काल 06:42 – 08:10 अशुभ
अभिजित 12:08 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 08:15 – 09:02 अशुभ
वर्ज्यम 32:59 – 34:47 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

काल 06:42 – 08:10 अशुभ
शुभ 08:10 – 09:37 शुभ
रोग 09:37 – 11:04 अशुभ
उद्वेग 11:04 – 12:31 अशुभ
चर 12:31 – 13:58 शुभ
लाभ 13:58 – 15:26 शुभ
अमृत 15:26 – 16:53 शुभ
काल 16:53 – 18:20 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

लाभ 18:20 – 19:53 शुभ
उद्वेग 19:53 – 21:25 अशुभ
शुभ 21:25 – 22:58 शुभ
अमृत 22:58 – 24:31* शुभ
चर 24:31 – 26:03 शुभ
रोग 26:03 – 27:36 अशुभ
काल 27:36 – 29:09 अशुभ
लाभ 29:09 – 30:41 शुभ

🚩होरा, दिन

शनि 06:42 – 07:40
बृहस्पति 07:40 – 08:39
मंगल 08:39 – 09:37
सूर्य 09:37 – 10:35
शुक्र 10:35 – 11:33
बुध 11:33 – 12:31
चन्द्र 12:31 – 13:29
शनि 13:29 – 14:27
बृहस्पति 14:27 – 15:26
मंगल 15:26 – 16:24
सूर्य 16:24 – 17:22
शुक्र 17:22 – 18:20

🚩होरा, रात

बुध 18:20 – 19:22
चन्द्र 19:22 – 20:24
शनि 20:24 – 21:25
बृहस्पति 21:25 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:29
सूर्य 23:29 – 24:31
शुक्र 24:31* – 25:32
बुध 25:32* – 26:34
चन्द्र 26:34* – 27:36
शनि 27:36* – 28:38
बृहस्पति 28:38* – 29:39
मंगल 29:39* – 30:41

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

कुम्भ 04: 26 से 06:46 तक
मीन 06:46 से 07:58 तक
मेष 07:46 से 09:28 तक
वृषभ 09:28 से 11:30 तक
मिथुन 11:30 से 14:16 तक
कर्क 14:16 से 17:00 तक
सिंह 17:00 से 18:18 तक
कन्या 18:18 से 21:24 तक
तुला 21:24 से 24:00 तक
वृश्चिक 24:00 से 01:00 तक
धनु 01:00 से 03: 02 तक
मकर 03:02 से 04: 12 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

12 + 7 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

शनि प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

*गोविन्द द्वादशी

*मेला खाटूश्याम जी पूर्ण