आपका आज का दिन मंगलमय हो दिनाँक 08/03/2023 बुधवार प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष चैत्र समाप्ति काल)
तिथि |
प्रतिपदा 19:42:10 तक |
पक्ष |
कृष्ण |
नक्षत्र |
उoफाo28:18:58 |
योग |
शूल 21:17:31 |
करण |
बालव 06:58:19 |
करण |
कौलव 19:42:10 |
वार |
बुधवार |
माह |
चैत्र |
चन्द्र राशि |
सिंह 08:52:24 |
चन्द्र राशि |
कन्या |
सूर्य राशि |
कुम्भ |
रितु |
वसंत |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
06:38:06 |
सूर्यास्त |
18:22:19 |
दिन काल |
11:44:12 |
रात्री काल |
12:14:43 |
चंद्रोदय |
19:11:50 |
चंद्रास्त |
07:10:05 |
लग्न—–कुम्भ 21°1′ , 321°1′
सूर्य नक्षत्र |
पूर्वा भाद्रपदा |
चन्द्र नक्षत्र |
उत्तरा फाल्गुनी |
नक्षत्र पाया |
रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
टे |
उत्तरा फाल्गुनी 08:52:24 |
टो |
उत्तरा फाल्गुनी 15:22:32 |
पा |
उत्तरा फाल्गुनी 21:51:23 |
पी |
उत्तरा फाल्गुनी 28:18:58 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य |
कुम्भ 23 : 29 पू o भा o , 1 से |
चन्द्र |
सिंह28°:23, उ o फाo, 1 टे |
बुध |
कुम्भ 14 °: 34′ शतभिषा’ 3 सी |
शुक्र |
मीन 25 °05, रेवती ‘ 3 च |
मंगल |
वृषभ 27°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो |
गुरु |
मीन 19°30 ‘ रेवती , 1 दे |
शनि |
कुम्भ 05°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे |
राहू |
(व) मेष 12°35 अश्विनी , 4 ला |
केतु |
(व) तुला 12°35 स्वाति , 2 रे |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
12:30 – 13:58 अशुभ |
यम घंटा |
08:06 – 09:34 अशुभ |
गुली काल |
11:02 – 12:30 अशुभ |
अभिजित |
12:07 – 12:54 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
12:07 – 12:54 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
15:14 – 16:01 अशुभ |
वर्ज्यम |
10:11 – 11:55 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
लाभ |
06:38 – 08:06 शुभ |
अमृत |
08:06 – 09:34 शुभ |
काल |
09:34 – 11:02 अशुभ |
शुभ |
11:02 – 12:30 शुभ |
रोग |
12:30 – 13:58 अशुभ |
उद्वेग |
13:58 – 15:26 अशुभ |
चर |
15:26 – 16:54 शुभ |
लाभ |
16:54 – 18:22 शुभ |
अमृत |
16:54 – 18:21 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग |
18:22 – 19:54 अशुभ |
शुभ |
19:54 – 21:26 शुभ |
अमृत |
21:26 – 22:58 शुभ |
चर |
22:58 – 24:30* शुभ |
रोग |
24:30 – 26:02 अशुभ |
काल |
26:02 – 27:33 अशुभ |
लाभ |
27:33 – 29:05 शुभ |
उद्वेग |
29:05 – 30:37 अशुभ |
🚩होरा, दिन
बुध |
06:38 – 07:37 |
चन्द्र |
07:37 – 08:35 |
शनि |
08:35 – 09:34 |
बृहस्पति |
09:34 – 10:33 |
मंगल |
10:33 – 11:32 |
सूर्य |
11:32 – 12:30 |
शुक्र |
12:30 – 13:29 |
बुध |
13:29 – 14:28 |
चन्द्र |
14:28 – 15:26 |
शनि |
15:26 – 16:25 |
बृहस्पति |
16:25 – 17:24 |
मंगल |
17:24 – 18:22 |
🚩होरा, रात
सूर्य |
18:22 – 19:24 |
शुक्र |
19:24 – 20:25 |
बुध |
20:25 – 21:26 |
चन्द्र |
21:26 – 22:27 |
शनि |
22:27 – 23:28 |
बृहस्पति |
23:28 – 24:30 |
मंगल |
24:30* – 25:31 |
सूर्य |
25:31* – 26:32 |
शुक्र |
26:32* – 27:33 |
बुध |
27:33* – 28:35 |
चन्द्र |
28:35* – 29:36 |
शनि |
29:36* – 30:37 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
कुम्भ |
04: 14 से 06:34 तक |
मीन |
06:34 से 07:46 तक |
मेष |
07:45 से 09:16 तक |
वृषभ |
09:16 से 11:18 तक |
मिथुन |
11:18 से 14:04 तक |
कर्क |
14:04 से 16:48 तक |
सिंह |
16:48 से 18:06 तक |
कन्या |
18:06 से 21:12 तक |
तुला |
21:12 से 23:48 तक |
वृश्चिक |
23:52 से 00:52 तक |
धनु |
00:48 से 02: 50 तक |
मकर |
02:50 से 04: 00 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 +1 + 4 + 1 = 21÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ= शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
गणगौर पूजा प्रारम्भ
डोलोत्सव, बिहारी जी श्री राधावल्लभ जी वृन्दावन
विश्व महिला दिवस