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आपका आज का दिन मंगलमय हो दिनाँक:-20/03/2023, सोमवार चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष, चैत्र (समाप्ति काल)
| तिथि | द्वादशी 08:06:39 तक |
| तिथि | चतुर्दशी 25:46:45 तक |
| पक्ष | कृष्ण |
| नक्षत्र | शतभिषा 19:38:24 |
| योग | साध्य 16:18:47 |
| करण | विष्टि भद्र 15:19:40 |
| करण | शकुनी 25:46:45 |
| वार | सोमवार |
| माह | चैत्र |
| चन्द्र राशि | कुम्भ |
| सूर्य राशि | मीन |
| रितु | वसंत |
| आयन | उत्तरायण |
| संवत्सर | नल |
| विक्रम संवत | 2079 |
| शक संवत | 1944 |
| सूर्योदय | 06:24:56 |
| सूर्यास्त | 18:28:54 |
| दिन काल | 12:03:58 |
| रात्री काल | 11:54:54 |
| चंद्रोदय | 30:12:07 |
| चंद्रास्त | 17:08:06 |
लग्न—–मीन 4°58′ , 334°58′
| सूर्य नक्षत्र | उo भाo |
| चन्द्र नक्षत्र | शतभिषा |
| नक्षत्र पाया | ताम्र |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
| सा | शतभिषा 08:49:57 |
| सी | शतभिषा 14:13:56 |
| सू | शतभिषा 19:38:24 |
| से | पूर्वा भाद्रपदा 25:03:33 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
| सूर्य | मीन 04 : 59 उ o भा o , 1 दू |
| चन्द्र | मकर 27°:23, शतभिषा, 2 सा |
| बुध | मीन 07°: 34′ उ oभाo’ 2 थ |
| शुक्र | मेष 09 °05, अश्विनी ‘ 3 चो |
| मंगल | मिथुन 03°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का |
| गुरु | मीन 22°30 ‘ रेवती , 2 दो |
| शनि | कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो |
| राहू | (व) मेष 11°50 अश्विनी , 4 ला |
| केतु | (व) तुला 11°50 स्वाति , 2 रे |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
| राहू काल | 07:55 – 09:26 अशुभ |
| यम घंटा | 10:56 – 12:27 अशुभ |
| गुली काल | 13:57 – 15:28 अशुभ |
| अभिजित | 12:03 – 12:51 शुभ |
| दूर मुहूर्त | 12:51 – 13:39 अशुभ |
| दूर मुहूर्त | 15:16 – 16:04 अशुभ |
| वर्ज्यम | 25:25 – 26:52 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
| अमृत | 10:57 – 12:27 शुभ |
| काल | 12:27 – 13:58 अशुभ |
| शुभ | 13:58 – 15:28 शुभ |
| रोग | 15:28 – 16:58 अशुभ |
| उद्वेग | 16:58 – 18:28 अशुभ |
| चर | 07:56 – 09:27 शुभ |
| लाभ | 09:27 – 10:57 शुभ |
| अमृत | 10:57 – 12:27 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
| चर | 18:29 – 19:58 शुभ |
| रोग | 19:58 – 21:28 अशुभ |
| काल | 21:28 – 22:57 अशुभ |
| लाभ | 22:57 – 24:26* शुभ |
| उद्वेग | 24:26 – 25:56 अशुभ |
| शुभ | 25:56 – 27:25 शुभ |
| अमृत | 27:25 – 28:54 शुभ |
| चर | 28:54 – 30:24 शुभ/td> |
🚩होरा, दिन
| चन्द्र | 06:25 – 07:25 |
| शनि | 07:25 – 08:26 |
| बृहस्पति | 08:26 – 09:26 |
| मंगल | 09:26 – 10:26 |
| सूर्य | 10:26 – 11:27 |
| शुक्र | 11:27 – 12:27 |
| बुध | 12:27 – 13:27 |
| चन्द्र | 13:27 – 14:28 |
| शनि | 14:28 – 15:28 |
| बृहस्पति | 15:28 – 16:28 |
| मंगल | 16:28 – 17:29 |
| सूर्य | 17:29 – 18:29 |
🚩होरा, रात
| शुक्र | 18:29 – 19:28 |
| बुध | 19:28 – 20:28 |
| चन्द्र | 20:28 – 21:28 |
| शनि | 21:28 – 22:27 |
| बृहस्पति | 22:27 – 23:27 |
| मंगल | 23:27 – 24:26 |
| सूर्य | 24:26* – 25:26 |
| शुक्र | 25:26* – 26:26 |
| बुध | 26:26* – 27:25 |
| चन्द्र | 27:25* – 28:25 |
| शनि | 28:25* – 29:24 |
| बृहस्पति | 29:24 – 30:24 |
| मीन | 05:22 से 06:46 तक |
| मेष | 06:46 से 08:30 तक |
| वृषभ | 08:30 से 10:28 तक |
| मिथुन | 10:28 से 12:38 तक |
| कर्क | 12:38 से 14:58 तक |
| सिंह | 14:58 से 17:06 तक |
| कन्या | 17:06 से 21:36 तक |
| तुला | 21:36 से 23:32 तक |
| वृश्चिक | 23:32 से 00:02 तक |
| धनु | 00:02 से 01:58 तक |
| मकर | 01:58 से 03:26 तक |
| कुम्भ | 03:26 से 05:18 तक |
| दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
| जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
| कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
| लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
| कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 14 + 2 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर 15:19 तक समाप्त
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनि
विशेष जानकारी
मास शिवरात्रि
मेला पिहोवा तीर्थ (हरियाणा)
