जीवन में जो लोग स्वयं का सम्मान करना जानते है, वही लोग दूसरों का मान पा सकते हैं
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 24/03/2023, शुक्रवार* तृतीया, शुक्ल पक्ष, चैत्र समाप्ति काल
तिथि | तृतीया 16:59:16 तक |
पक्ष | शुक्ल |
नक्षत्र | अश्विनी 13:21:12 |
योग | वैधृति 25:41:33 |
करण | गर 16:59:16 |
करण | वणिज 28:35:08 |
वार | शुक्रवार |
माह | चैत्र |
चन्द्र राशि | मेष |
सूर्य राशि | मीन |
रितु | वसंत |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | पिंगल |
विक्रम संवत | 2080 |
गुजराती संवत | 2079 |
शक संवत | 1945 |
सूर्योदय | 06:20:26 |
सूर्यास्त | 18:31:00 |
दिन काल | 12:10:34 |
रात्री काल | 11:48:18 |
चंद्रोदय | 07:54:50 |
चंद्रास्त | 21:23:57 |
लग्न—–मीन 8°57′ , 338°57′
सूर्य नक्षत्र | उo भाo |
चन्द्र नक्षत्र | अश्विनी |
नक्षत्र पाया | स्वर्ण |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
चो | अश्विनी 07:28:54 |
ला | अश्विनी 13:21:12 |
ली | भरणी 19:16:11 |
लू | भरणी 25:13:56 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य | मीन 08 : 59 उ o भा o , 2 थ |
चन्द्र | मेष 09°:23, अश्विनी, 3 चो |
बुध | मीन 14°: 34′ उ oभाo’ 4 ञ |
शुक्र | मेष 14 °05, भरणी ‘ 1 ली |
मंगल | मिथुन 05°30 ‘ मृगशिरा’ 4 की |
गुरु | मीन 22°30 ‘ रेवती , 2 दो |
शनि | कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो |
राहू | (व) मेष 11°45 अश्विनी , 4 ला |
केतु | (व) तुला 11°45 स्वाति , 2 रे |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 10:54 – 12:26 अशुभ |
यम घंटा | 15:28 – 16:59 अशुभ |
गुली काल | 07:52 – 09:23 अशुभ |
अभिजित | 12:01 – 12:50 शुभ |
दूर मुहूर्त | 08:47 – 09:35 अशुभ |
दूर मुहूर्त | 12:50 – 13:39 अशुभ |
वर्ज्यम | 09:26 – 10:59 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
चर | 06:20 – 07:52 शुभ |
लाभ | 07:52 – 09:23 शुभ |
अमृत | 09:23 – 10:54 शुभ |
काल | 15:28 – 16:59 अशुभ |
शुभ | 12:26 – 13:57 शुभ |
रोग | 13:57 – 15:28 अशुभ |
उद्वेग | 15:28 – 16:59 अशुभ |
चर | 16:59 – 18:31 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
रोग | 18:31 – 19:59 अशुभ |
काल | 19:59 – 21:28 अशुभ |
लाभ | 21:28 – 22:57 शुभ |
उद्वेग | 22:57 – 24:25* अशुभ |
शुभ | 24:25 – 25:54 शुभ |
अमृत | 25:54 – 27:22 शुभ |
चर | 27:22 – 28:51 शुभ |
रोग | 28:51 – 30:19 अशुभ |
🚩होरा, दिन
शुक्र | 06:20 – 07:21 |
बुध | 07:21 – 08:22 |
चन्द्र | 08:22 – 09:23 |
शनि | 09:23 – 10:24 |
बृहस्पति | 10:24 – 11:25 |
मंगल | 11:25 – 12:26 |
सूर्य | 12:26 – 13:27 |
शुक्र | 13:27 – 14:27 |
बुध | 14:27 – 15:28 |
चन्द्र | 15:28 – 16:29 |
शनि | 16:29 – 17:30 |
बृहस्पति | 17:30 – 18:31 |
🚩होरा, रात
मंगल | 18:31 – 19:30 |
सूर्य | 19:30 – 20:29 |
शुक्र | 20:29 – 21:28 |
बुध | 21:28 – 22:27 |
चन्द्र | 22:27 – 23:26 |
शनि | 23:26 – 24:25 |
बृहस्पति | 24:25* – 25:24 |
मंगल | 25:24* – 26:23 |
सूर्य | 26:23* – 27:22 |
शुक्र | 27:22* – 28:21 |
बुध | 28:21* – 29:20 |
चन्द्र | 29:20* – 30:19 |
मीन | 05:02 से 06:32 तक |
मेष | 06:32 से 08:16 तक |
वृषभ | 08:16 से 10:10 तक |
मिथुन | 10:10 से 12:24 तक |
कर्क | 12:24 से 14:40 तक |
सिंह | 14:40 से 16:52 तक |
कन्या | 16:52 से 19:02 तक |
तुला | 19:02 से 21:18 तक |
वृश्चिक | 21:18 से 00:38 तक |
धनु | 23:36 से 01:44 तक |
मकर | 01:44 से 03:16 तक |
कुम्भ | 03:26 से 04:58 तक |
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
3 + 6 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 28:41 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
विशेष जानकारी
नवरात्रि द्वितीय दिवस ब्रह्मचारिणी पूजन
नवरात्रि तृतीय दिवस चंद्रघंटा पूजन
गण गौर पूजन
मत्स्य जयंती
सर्वार्थ सिद्धि योग 13:21 तक