भरोसा रखें जब हम किसी का अच्छा कर रहे होते हैं, तब हमारे लिए भी कहीं कुछ अच्छा हो रहा होता है
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 29/03/2023, बुधवार* अष्टमी, शुक्ल पक्ष, चैत्र समाप्ति काल
तिथि | अष्टमी 21:06:40 तक |
पक्ष | शुक्ल |
नक्षत्र | आर्द्रा 20:05:41 |
योग | शोभन 24:10:50 |
करण | विष्टि भद्र 08:01:10 |
करण | बव 21:06:40 |
वार | बुधवार |
माह | चैत्र |
चन्द्र राशि | मिथुन |
चन्द्र राशि | मेष 19:24:08 |
सूर्य राशि | मीन |
रितु | वसंत |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | पिंगल |
विक्रम संवत | 2080 |
शक संवत | 1945 |
सूर्योदय | 06:14:49 |
सूर्यास्त | 18:33:37 |
दिन काल | 12:18:47 |
रात्री काल | 11:40:05 |
चंद्रोदय | 11:34:25 |
चंद्रास्त | 26:11:14 |
लग्न—–मीन 13°54′ , 343°54′
सूर्य नक्षत्र | उo भाo |
चन्द्र नक्षत्र | आर्द्रा |
नक्षत्र पाया | लोहा |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
घ | आर्द्रा 06:45:22 |
ङ | आर्द्रा 13:24:52 |
छ | आर्द्रा 20:05:41 |
के | पुनर्वसु 26:47:38 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य | मीन 13 : 59 उ o भा o , 4 ञ |
चन्द्र | मिथुन 13°:23, आर्द्रा , 2 घ |
बुध | मीन 25°: 34′ रेवती’ 3 च |
शुक्र | मेष 20 °05, भरणी ‘ 3 ले |
मंगल | मिथुन 07°30 ‘ आर्द्रा ‘ 1 कु |
गुरु | मीन 24°30 ‘ रेवती , 3 च |
शनि | कुम्भ 8°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो |
राहू | (व) मेष 11°30 अश्विनी , 4 ला |
केतु | (व) तुला 11°30 स्वाति , 2 रे |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 15:29 – 17:01 अशुभ |
यम घंटा | 09:20 – 10:52 अशुभ |
गुली काल | 12:25 – 13:57 अशुभ |
अभिजित | 11:59 – 12:49 शुभ |
दूर मुहूर्त | 08:43 – 09:33 अशुभ |
दूर मुहूर्त | 23:14 – 24:03* अशुभ |
वर्ज्यम | 26:46 – 28:33 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
रोग | 06:16 – 07:48 अशुभ |
उद्वेग | 07:48 – 09:20 अशुभ |
चर | 09:20 – 10:52 शुभ |
लाभ | 10:52 – 12:25 शुभ |
अमृत | 12:25 – 13:57 शुभ |
काल | 13:57 – 15:29 अशुभ |
शुभ | 15:29 – 17:01 शुभ |
रोग | 17:01 – 18:33 अशुभ |
🚩चोघडिया, रात
काल | 18:33 – 20:01 अशुभ |
लाभ | 20:01 – 21:29 शुभ |
उद्वेग | 21:29 – 22:56 अशुभ |
शुभ | 22:56 – 24:24* शुभ |
अमृत | 24:24 – 25:52 शुभ |
चर | 25:52 – 27:19 शुभ |
रोग | 27:19 – 28:47 अशुभ |
काल | 28:47 – 30:15 अशुभ |
🚩होरा, दिन
बुध | 09:20 – 10:22 |
चन्द्र | 10:22 – 11:23 |
शनि | 11:23 – 12:25 |
बृहस्पति | 12:25 – 13:26 |
मंगल | 13:26 – 14:27 |
सूर्य | 14:27 – 15:29 |
शुक्र | 15:29 – 16:30 |
बुध | 16:30 – 17:32 |
चन्द्र | 17:32 – 18:33 |
मंगल | 06:16 – 07:17 |
सूर्य | 07:17 – 08:19 |
शुक्र | 08:19 – 09:20 |
🚩होरा, रात
सूर्य | 18:34 – 19:32 |
शुक्र | 19:32 – 20:30 |
बुध | 20:30 – 21:29 |
चन्द्र | 21:29 – 22:27 |
शनि | 22:27 – 23:25 |
बृहस्पति | 23:25 – 24:24 |
मंगल | 24:24* – 25:22 |
सूर्य | 25:22* – 26:20 |
शुक्र | 26:20* – 27:19 |
बुध | 27:19* – 28:17 |
चन्द्र | 28:17* – 29:15 |
शनि | 29:15* – 30:14 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मीन | 04:44 से 06:14 तक |
मेष | 06:14 से 08:00 तक |
वृषभ | 08:00 से 09:52 तक |
मिथुन | 09:52 से 12:10 तक |
कर्क | 12:10 से 14:22 तक |
सिंह | 14:22 से 16:34 तक |
कन्या | 16:34 से 18:44 तक |
तुला | 18:44 से 21:00 तक |
वृश्चिक | 21:00 से 00:20 तक |
धनु | 23:20 से 01:26 तक |
मकर | 01:26 से 03:00 तक |
कुम्भ | 03:00 से 04:40 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–उत्तर
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
8 + 4 + 1 = 13 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
8 + 8 + 5 = 21 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 08:01 तक समाप्त
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
विशेष जानकारी
नवरात्रि अष्टम दिवस महागौरी पूजन
दुर्गाष्टमी व्रत
मेला नई सेमरी,माता कात्यायनी वृन्दावन
अन्नपूर्णा पूजन (बंगाल)