जो सिरफिरे होते हैं वे इतिहास लिखते है, समझदार लोग तो सिर्फ उनके बारे में पढ़ते है आपका आज का दिन मंगलमय हो सुप्रभात

दिनाँक:-07/04/2023, शुक्रवार प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष, चैत्र (समाप्ति काल)

तिथि प्रतिपदा 10:20:23 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र चित्रा 13:32:13
योग हर्शण 25:23:44
करण कौलव 10:20:23
करण तैतुल 22:18:34
वार शुक्रवार
माह चैत्र
चन्द्र राशि तुला
सूर्य राशि मीन
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 06:04:53
सूर्यास्त 18:38:17
दिन काल 12:33:23
रात्री काल 11:25:31
चंद्रोदय 19:52:29
चंद्रास्त 06:39:45

लग्न—– मीन 22°46′ , 352°46′

सूर्य नक्षत्र रेवती
चन्द्र नक्षत्र चित्रा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

रा चित्रा 07:21:49
री चित्रा 13:32:13
रू स्वाति 19:40:59
रे स्वाति 25:48:09

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मीन 22 : 59 रेवती , 2 दो
चन्द्र तुला 02:56, चित्रा , 3 रा
बुध मेष 11°: 34′ अश्वनी’ 4 ला
शुक्र वृषभ 00 °05, कृतिका ‘ 2 ई
मंगल मिथुन 12°30 ‘ आर्द्रा ‘ 2 घ
गुरु मीन 26°30 ‘ रेवती , 3 च
शनि कुम्भ 9°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू (व) मेष 11°02 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 11°02 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 10:47 – 12:22 अशुभ
यम घंटा 15:30 – 17:04 अशुभ
गुली काल 07:39 – 09:13 अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 08:36 – 09:26 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:47 – 13:37 अशुभ
वर्ज्यम 19:16 – 20:55 अशुभ

🚩गंड मूल 06:09 – 07:23 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

चर 06:05 – 07:39 शुभ
लाभ 07:39 – 09:13 शुभ
अमृत 09:13 – 10:47 शुभ
काल 10:47 – 12:22 अशुभ
शुभ 12:22 – 13:56 शुभ
रोग 13:56 – 15:30 अशुभ
उद्वेग 15:30 – 17:04 अशुभ/td>
चर 17:04 – 18:38 शुभ

🚩चोघडिया, रात

रोग 18:38 – 20:04 अशुभ
काल 20:04 – 21:30 अशुभ
लाभ 21:30 – 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 – 24:21* अशुभ
शुभ 24:21 – 25:47 शुभ
अमृत 25:47 – 27:12 शुभ
चर 27:12 – 28:38 शुभ
रोग 28:38 – 30:04 अशुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 06:05 – 07:08
बुध 07:08 – 08:10
चन्द्र 08:10 – 09:13
शनि 09:13 – 10:16
बृहस्पति 10:16 – 11:19
मंगल 11:19 – 12:22
सूर्य 12:22 – 13:24
शुक्र 13:24 – 14:27
बुध 14:27 – 15:30
चन्द्र 15:30 – 16:33
शनि 16:33 – 17:36
बृहस्पति 17:36 – 18:38

🚩होरा, रात

मंगल 18:38 – 19:35
सूर्य 19:35 – 20:33
शुक्र 20:33 – 21:30
बुध 21:30 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:24
शनि 23:24 – 24:21
बृहस्पति 24:21* – 25:18
मंगल 25:18* – 26:15
सूर्य 26:15* – 27:12
शुक्र 27:12* – 28:10
बुध 28:10* – 29:07
चन्द्र 29:07* – 30:04

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मीन 04:10 से 05:42 तक
मेष 05:42 से 07:28 तक
वृषभ 07:28 से 0918 तक
मिथुन 09:18 से 11:38 तक
कर्क 11:38 से 13:50 तक
सिंह 13:50 से 16:02 तक
कन्या 16:02 से 18:12 तक
तुला 18:12 से 20:28 तक
वृश्चिक 20:28 से 22:28 तक
धनु 22:28 से 00:44 तक
मकर 00:44 से 02:28 तक
कुम्भ 02:28 से 04:04 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 1+ 6 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चंद्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

विश्व स्थापना दिवस