ठहराव और गति के बीच के सन्तुलन का नाम ही जीवन है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 16/04/2023, रविवार एकादशी, कृष्ण पक्ष, वैशाख(समाप्ति काल)

तिथि एकादशी 18:13:51 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र शतभिषा 28:05:53
योग शुक्ल 24:11:42
करण बव 07:29:15
करण बालव 18:13:51
करण कौलव 28:59:09
वार रविवार
माह वैशाख
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्य राशि मेष
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:55:27
सूर्यास्त 18:43:03
दिन काल 12:47:36
रात्री काल 11:11:23
चंद्रोदय 28:09:03
चंद्रास्त 14:52:28

लग्न—– मेष 1°35′ , 1°35′

सूर्य नक्षत्र अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र शतभिषा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

गो शतभिष 11:24:05
सा शतभिषा 16:57:50
सी शतभिषा 22:31:44
सू शतभिषा 28:05:53

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मेष 01 : 59 अश्विनी , 1 चू
चन्द्र कुंभ 06:56, शराभिषा , 1 गो
बुध मेष 20°: 34′ भरणी’ 3 ले
शुक्र वृषभ 11 °05, रोहिणी ‘ 1 ओ
मंगल मिथुन 16°30 ‘ आर्द्रा ‘ 4 छ
गुरु मीन 28°30 ‘ रेवती , 4 ची
शनि कुम्भ 10°53 ‘ शतभिषा ‘ 2 सा
राहू (व) मेष 10°32 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 10°32 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 17:07 – 18:43 अशुभ
यम घंटा 12:19 – 13:55 अशुभ
गुली काल 15:31 – 17:07 अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 08:30 – 09:21 अशुभ
दूर मुहूर्त 17:01 – 17:52 अशुभ
वर्ज्यम 12:31 – 13:59 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 05:55 – 07:31 अशुभ
चर 07:31 – 09:07 शुभ
लाभ 09:07 – 10:43 शुभ
अमृत 10:43 – 12:19 शुभ
काल 12:19 – 13:55 अशुभ
शुभ 13:55 – 15:31 शुभ
रोग 15:31 – 17:07 अशुभ
उद्वेग 17:07 – 18:43 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 18:43 – 20:07 शुभ
अमृत 20:07 – 21:31 शुभ
चर 21:31 – 22:55 शुभ
रोग 22:55 – 24:19* अशुभ
काल 24:19 – 25:43 अशुभ
लाभ 25:43 – 27:07 शुभ
उद्वेग 27:07 – 28:31 अशुभ
शुभ 28:31 – 29:54 शुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 05:55 – 06:59
शुक्र 06:59 – 08:03
बुध 08:03 – 09:07
चन्द्र 09:07 – 10:11
शनि 10:11 – 11:15
बृहस्पति 11:15 – 12:19
मंगल 12:19 – 13:23
सूर्य 13:23 – 14:27
शुक्र 14:27 – 15:31
बुध 15:31 – 16:35
चन्द्र 16:35 – 17:39
शनि 17:39 – 18:43

🚩होरा, रात

बृहस्पति 18:43 – 19:39
मंगल 19:39 – 20:35
सूर्य 20:35 – 21:31
शुक्र 21:31 – 22:27
बुध 22:27 – 23:23
चन्द्र 23:23 – 24:19
शनि 24:19* – 25:15
बृहस्पति 25:15* – 26:11
मंगल 26:11* – 27:07
सूर्य 27:07* – 28:03
शुक्र 28:03* – 28:59
बुध 28:59* – 29:54

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मेष 05:04 से 07:50 तक
वृषभ 07:50 से 08:40 तक
मिथुन 08:40 से 11:00 तक
कर्क 11:00 से 1308 तक
सिंह 13:12 से 15:24 तक
कन्या 15:24 से 17:40 तक
तुला 17:40 से 19:54 तक
वृश्चिक 19:54 से 21:54 तक
धनु 21:54 से 00:10 तक
मकर 00:10 से 01:54 तक
कुम्भ 01:54 से 03:50 तक
मीन 03:36 से 05:04 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 11 + 1 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहू ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

वरुथिनी एकादशी व्रत (सर्वेषां
श्री बल्लभाचार्य जयंती