आपकी नीयत को चाहे कितनी भी अच्छी क्यों ना कर लो, दुनिया वाले आपको दिखावे से ही पहचानेंगे और दिखावा चाहे कितना भी कर लो, भगवान आपको नीयत से ही पहचानेंगे

दिनाँक:- 20/04/2023, गुरुवार अमावस्या, कृष्ण पक्ष, वैशाख समाप्ति काल

तिथि अमावस्या 09:41:30 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र अश्विनी 23:09:33
योग विश्कुम्भ 12:59:04
करण नाग 09:41:30
करण किन्स्तुघ्न 21:00:56
वार गुरूवार
माह वैशाख
चन्द्र राशि मेष
सूर्य राशि मेष
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:51:29
सूर्यास्त 18:45:13
दिन काल 12:53:43
रात्री काल 11:05:18
चंद्रोदय 06:10:42
चंद्रास्त 19:05:41

लग्न—– मेष 5°30′ , 5°30′

सूर्य नक्षत्र अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र अश्विनी
नक्षत्र पाया स्वर्ण

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

चे अश्विनी 11:27:14
चो अश्विनी 17:17:27
ला अश्विनी 23:09:33
ली भरणी 29:03:37

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मेष 05 : 59 अश्विनी , 2 चे
चन्द्र मेष 03:56 , अश्विनी , 2 चे
बुध मेष 21°: 34′ भरणी’ 3 ले
शुक्र वृषभ 16 °05, रोहिणी ‘ 2 वा
मंगल मिथुन 18°30 ‘ आर्द्रा ‘ 4 छ
गुरु मीन 29°30 ‘ रेवती , 4 ची
शनि कुम्भ 10°13 ‘ शतभिषा ‘ 2 सा
राहू (व) मेष 10°22 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 10°22 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 13:55 – 15:32 अशुभ
यम घंटा 05:51 – 07:28 अशुभ
गुली काल 09:05 – 10: 42 अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 10:09 – 11:01 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:19 – 16:10 अशुभ
वर्ज्यम 19:15 – 20:48 अशुभ

🚩गंड मूल 05:51 – 23:10 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 05:51 – 07:28 शुभ
रोग 07:28 – 09:05 अशुभ
उद्वेग 09:05 – 10:42 अशुभ
चर 10:42 – 12:18 शुभ
लाभ 12:18 – 13:55 शुभ
अमृत 13:55 – 15:32 शुभ
काल 15:32 – 17:09 अशुभ
शुभ 17:09 – 18:45 शुभ
रोग 17:08 – 18:44 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 18:45 – 20:08 शुभ
चर 20:08 – 21:32 शुभ
रोग 21:32 – 22:55 अशुभ
काल 22:55 – 24:18* अशुभ
लाभ 24:18 – 25:41 शुभ
उद्वेग 25:41 – 27:04 अशुभ
शुभ 27:04 – 28:27 शुभ
अमृत 28:27 – 29:51 शुभ

🚩होरा, दिन

बृहस्पति 05:51 – 06:56
मंगल 06:56 – 08:00
सूर्य 08:00 – 09:05
शुक्र 09:05 – 10:09
बुध 10:09 – 11:14
चन्द्र 11:14 – 12:18
शनि 12:18 – 13:23
बृहस्पति 13:23 – 14:27
मंगल 14:27 – 15:32
सूर्य 15:32 – 16:36
शुक्र 16:36 – 17:41
बुध 17:41 – 18:45

🚩होरा, रात

चन्द्र 18:45 – 19:41
शनि 19:41 – 20:36
बृहस्पति 20:36 – 21:32
मंगल 21:32 – 22:27
सूर्य 22:27 – 23:22
शुक्र 23:22 – 24:18
बुध 24:18* – 25:13
चन्द्र 25:13* – 26:09
शनि 26:09* – 27:04
बृहस्पति 27:04* – 27:59
मंगल 27:59* – 28:55
सूर्य 28:55* – 29:51

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मेष 04:42 से 07:26 तक
वृषभ 07:26 से 08:18 तक
मिथुन 08:18 से 10:38 तक
कर्क 10:38 से 12:36 तक
सिंह 12:36 से 15:02 तक
कन्या 15:02 से 17:28 तक
तुला 17:28 से 19:36 तक
वृश्चिक 19:36 से 2142 तक
धनु 21:42 से 11:48 तक
मकर 11:48 से 01:32 तक
कुम्भ 01:32 से 03:32 तक
मीन 03:32 से 05:38 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 15 + 5 + 1 = 36 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

देवकार्य अमावस्या

शुकदेव मुनि जयंती

सर्वार्थ सिद्धि योग 23:10 तक

वर्ष 2023 का प्रथम सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा सूतक नहीं लगेगा