अगर आप हार नहीं मानते, तो विश्वास करें आपको कभी कोई नहीं हरा सकता आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 17/06/2023, शनिवार चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,आषाढ़ समाप्ति काल
| तिथि | चतुर्दशी 09:10:55 तक |
| पक्ष | कृष्ण |
| नक्षत्र | रोहिणी 16:24:02 |
| योग | शूल 25:00:07 |
| करण | शकुनी 09:10:55 |
| करण | चतुष्पद 21:35:32 |
| वार | शनिवार |
| माह | आषाढ |
| चन्द्र राशि | वृषभ 29:11:48 |
| चन्द्र राशि | मिथुन |
| सूर्य राशि | मिथुन |
| रितु | ग्रीष्म |
| आयन | उत्तरायण |
| संवत्सर | पिंगल |
| विक्रम संवत | 2080 |
| शक संवत | 1945 |
| सूर्योदय | 05:24:59 |
| सूर्यास्त | 19:15:13 |
| दिन काल | 13:50:13 |
| रात्री काल | 10:09:54 |
| चंद्रोदय | 05:44:11 |
| चंद्रास्त | 18:47:28 |
लग्न—– मिथुन 1°24′ , 61°24′
| सूर्य नक्षत्र | मृगशिरा |
| चन्द्र नक्षत्र | रोहिणी |
| नक्षत्र पाया | लोहा |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
| वी | रोहिणी 10:02:19 |
| वु | रोहिणी 16:24:02 |
| वे | मृगशिरा 22:47:12 |
| वो | मृगशिरा 29:11:48 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
| सूर्य | मिथुन 01: 30 मृगशिरा , 3 का |
| चन्द्र | मेष 17:16 , रोहिणी , 3 वी |
| बुध | वृषभ 15°: 34′ रोहिणी , 2 वा |
| शुक्र | कर्क 16°05, पुष्य ‘ 4 ड |
| मंगल | कर्क 21°30 ‘ अश्लेषा ‘ 2 डू |
| गुरु | मेष 12°30 ‘ अश्विनी , 4 ला |
| शनि | कुम्भ 13°13 ‘ शतभिषा ,2 सा |
| राहू | (व) मेष 07°20 अश्विनी , 3 चो |
| केतु | (व) तुला 07°20 स्वाति , 1 रू |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
| राहू काल | 08:53 – 10:36 अशुभ |
| यम घंटा | 14:04 – 15:48 अशुभ |
| गुली काल | 05:25 – 07:09 अशुभ |
| अभिजित | 11:52 – 12:48 शुभ |
| दूर मुहूर्त | 07:16 – 08:11 अशुभ |
| दूर मुहूर्त | 23:12 – 24:04* अशुभ |
| वर्ज्यम | 07:55 – 09:37 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
| काल | 05:25 – 07:09 अशुभ |
| शुभ | 07:09 – 08:53 शुभ |
| रोग | 08:53 – 10:36 अशुभ |
| उद्वेग | 10:36 – 12:20 अशुभ |
| चर | 12:20 – 14:04 शुभ |
| लाभ | 14:04 – 15:48 शुभ |
| अमृत | 15:48 – 17:31 शुभ |
| काल | 17:31 – 19:15 अशुभ |
🚩चोघडिया, रात
| लाभ | 19:15 – 20:31 शुभ |
| उद्वेग | 20:31 – 21:48 अशुभ |
| शुभ | 21:48 – 23:04 शुभ |
| अमृत | 23:04 – 24:20* शुभ |
| चर | 24:20 – 25:36 शुभ |
| रोग | 25:36 – 26:53 अशुभ |
| काल | 26:53 – 28:09 अशुभ |
| लाभ | 28:09 – 29:25 शुभ |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
| मिथुन | 04:34 से 06:38 तक |
| कर्क | 06:38 से 09:06 तक |
| सिंह | 56:06 से 12:20 तक |
| कन्या | 12:20 से 14:36 तक |
| तुला | 14:36 से 15:36 तक |
| वृश्चिक | 15:36 से 18:00 तक |
| धनु | 18:00 से 20:02 तक |
| मकर | 20:02 से 21:50 तक |
| कुम्भ | 21:50 से 23:40 तक |
| मेष | 00:54 से 02:32 तक |
| वृषभ | 02:32 से 04:30 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
| दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
| जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
| कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
| लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
| कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 14 + 7 + 1 = 37 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
देवकार्य अमावस्या
सर्वार्थ, अमृत सिद्धि योग 16:24 तक
