सम्बन्ध को जोड़ना एक कला है, लेकिन सम्बन्ध को निभाना एक साधना आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 18/06/2023, रविवार अमावस्या, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ (समाप्ति काल )

तिथि अमावस्या 10:06:05 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र मृगशिरा 18:05:21
योग गण्ड 24:57:40
करण नाग 10:06:05
करण किन्स्तुघ्न 22:42:34
वार रविवार
माह आषाढ
चन्द्र राशि मिथुन
सूर्य राशि मिथुन
रितु ग्रीष्म
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:25:08
सूर्यास्त 19:15:30
दिन काल 13:50:22
रात्री काल 10:09:47
चंद्रोदय 05:44:20
चंद्रास्त 19:44:30

लग्न—– मिथुन 2°21′ , 62°21′

सूर्य नक्षत्र मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र मृगशिरा
नक्षत्र पाया लोहा

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

का मृगशिरा 11:37:51
की मृगशिरा 18:05:21
कु आर्द्रा 24:34:18

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मिथुन 02: 30 मृगशिरा , 3 का
चन्द्र वृषभ 00:16 , मृगशिरा , 3 का
बुध वृषभ 17°: 34′ रोहिणी , 3 वी
शुक्र कर्क 16°05, अश्लेषा ‘ 1 डी
मंगल कर्क 22°30 ‘ अश्लेषा ‘ 2 डू
गुरु मेष 12°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि कुम्भ 13°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू (व) मेष 07°10 अश्विनी , 3 चो
केतु (व) तुला 07°10 स्वाति , 1 रू

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 17:32 – 19:16 अशुभ
यम घंटा 12:20 – 14:04 अशुभ
गुली काल 15:48 – 17: 32अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 08:19 – 09:12 अशुभ
दूर मुहूर्त 17:25 – 18:20 अशुभ
वर्ज्यम 27:10 – 28:54 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 05:25 – 07:09 अशुभ
चर 07:09 – 08:53 शुभ
लाभ 08:53 – 10:37 शुभ
अमृत 10:37 – 12:20 शुभ
काल 12:20 – 14:04 अशुभ
शुभ 14:04 – 15:48 शुभ
रोग 15:48 – 17:32 अशुभ
उद्वेग 17:32 – 19:16 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 19:16 – 20:32 शुभ
अमृत 20:32 – 21:48 शुभ
चर 21:48 – 23:04 शुभ
रोग 23:04 – 24:20* अशुभ
काल 24:20 – 25:37 अशुभ
लाभ 25:37 – 26:53 शुभ
उद्वेग 26:53 – 28:09 अशुभ
शुभ 28:09 – 29:25 शुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 05:25 – 06:34
शुक्र 06:34 – 07:44
बुध 07:44 – 08:53
चन्द्र 08:53 – 10:02
शनि 10:02 – 11:11
बृहस्पति 11:11 – 12:20
मंगल 12:20 – 13:30
सूर्य 13:30 – 14:39
शुक्र 14:39 – 15:48
बुध 15:48 – 16:57
चन्द्र 16:57 – 18:06
शनि 18:06 – 19:16

🚩होरा, रात

बृहस्पति 19:16 – 20:06
मंगल 20:06 – 20:57
सूर्य 21:34 – 22:28
शुक्र 21:48 – 22:39
बुध 22:39 – 23:30
चन्द्र 23:30 – 24:20
शनि 24:20* – 25:11
बृहस्पति 25:11* – 26:02
मंगल 26:02* – 26:53
सूर्य 26:53* – 27:44
शुक्र 27:44* – 28:34
बुध 28:34* – 29:25

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मिथुन 04:30 से 06:34 तक
कर्क 06:34 से 09:02 तक
सिंह 09:02 से 12:16 तक
कन्या 12:16 से 14:32 तक
तुला 14:32 से 15:32 तक
वृश्चिक 15:32 से 17:57 तक
धनु 18:56 से 20:00 तक
मकर 20:00 से 21:46 तक
कुम्भ 21:46 से 23:36 तक
मीन 23:36 से 00:50 तक
मेष 00:50 से 02:28 तक
वृषभ 02:28 से 04:26 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 15 + 1 + 1 =32 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

💮 शिव वास एवं फल -:

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

देवकार्य अमावस्या

काली पोशाक धारण श्री राधावल्लभ जी

महारानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस