जीवन में किसी भी कार्य का श्रेय मिले न मिले लेकिन अपना सर्वश्रेष्ठ देना कभी बंद ना करे आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 20/06/2023, मंगलवार द्वितीया, शुक्ल पक्ष, आषाढ समाप्ति काल

तिथि द्वितीया 13:06:46 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र पुनर्वसु 22:35:27
योग ध्रुव 25:46:03
करण कौलव 13:06:46
करण तैतुल 26:05:38
वार मंगलवार
माह आषाढ
चन्द्र राशि मिथुन 15:57:05
चन्द्र राशि कर्क
सूर्य राशि मिथुन
रितु ग्रीष्म
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:25:28
सूर्यास्त 19:16:00
दिन काल 13:50:32
रात्री काल 10:09:39
चंद्रोदय 06:53:49
चंद्रास्त 21:23:12

लग्न—– मिथुन 4°16′ , 64°16′

सूर्य नक्षत्र मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र पुनर्वसु
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

को पुनर्वसु 09:19:57
हा पुनर्वसु 15:57:05
ही पुनर्वसु 22:35:27
हु पुष्य 29:14:58

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मिथुन 04: 30 मृगशिरा , 3 का
चन्द्र मिथुन 12:16 , पुनर्वसु, 2 को
बुध वृषभ 21°: 34′ रोहिणी , 3 वी
शुक्र कर्क 18°05, अश्लेषा ‘ 1 डी
मंगल कर्क 23°30 ‘ अश्लेषा ‘ 3 डे
गुरु मेष 13°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि कुम्भ 13°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू (व) मेष 07°10 अश्विनी , 3 चो
केतु (व) तुला 07°10 स्वाति , 1 रू

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 15:48 – 17:32 अशुभ
यम घंटा 08:53 – 10:37 अशुभ
गुली काल 12:21 – 14: 05 अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 08:12 – 09:07 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:20 – 24:15* अशुभ
वर्ज्यम 09:20 – 11:06 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 05:25 – 07:09 अशुभ
उद्वेग 07:09 – 08:53 अशुभ
चर 08:53 – 10:37 शुभ
लाभ 10:37 – 12:21 शुभ
अमृत 12:21 – 14:05 शुभ
काल 14:05 – 15:48 अशुभ
शुभ 15:48 – 17:32 शुभ
रोग 17:32 – 19:16 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

काल 19:16 – 20:32 अशुभ
लाभ 20:32 – 21:48 शुभ
उद्वेग 21:48 – 23:05 अशुभ
शुभ 23:05 – 24:21* शुभ
अमृत 24:21 – 25:37 शुभ
चर 25:37 – 26:53 शुभ
रोग 26:53 – 28:09 अशुभ
काल 28:09 – 29:26 अशुभ

🚩होरा, दिन

मंगल 05:25 – 06:35
सूर्य 06:35 – 07:44
शुक्र 07:44 – 08:53
बुध 08:53 – 10:02
चन्द्र 10:02 – 11:12
शनि 11:12 – 12:21
बृहस्पति 12:21 – 13:30
मंगल 13:30 – 14:39
सूर्य 14:39 – 15:48
शुक्र 15:48 – 16:58
बुध 16:58 – 18:07
चन्द्र 18:07 – 19:16

🚩होरा, रात

शनि 19:16 – 20:07
बृहस्पति 20:07 – 20:58
मंगल 20:58 – 21:48
सूर्य 21:48 – 22:39
शुक्र 22:39 – 23:30
बुध 23:30 – 24:21
चन्द्र 24:21* – 25:12
शनि 25:12* – 26:02
बृहस्पति 26:02* – 26:53
मंगल 26:53* – 27:44
सूर्य 27:44* – 28:35
शुक्र 28:35* – 29:26

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मिथुन 04:26 से 06:30 तक
कर्क 06:30 से 08:58 तक
सिंह 08:58 से 12:12 तक
कन्या 12:12 से 14:28 तक
तुला 14:28 से 15:28 तक
वृश्चिक 15:28 से 17:52 तक
धनु 17:52 से 19:56 तक
मकर 19:56 से 21:42 तक
कुम्भ 21:42 से 23:32 तक
मीन 23:32 से 00:46 तक
मेष 00:546 से 02:24 तक
वृषभ 02:24 से 04:22 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

2 + 2 + 1 = 5 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

💮 शिव वास एवं फल -:

2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

नवरात्रि द्वितीय दिवस

श्री जगन्नाथ रथ यात्रा

श्री बिहारी जी , राधावल्लभ जी रथयात्रा