निंदा छोड़िए ईर्ष्या छोड़िए ईश्वर को धन्यवाद कीजिए आपके पास जितना है,न जाने कितनों के पास उतना भी नहीं है सुप्रभात आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 28/06/2023, बुधवार दशमी, शुक्ल पक्ष,आषाढ (समाप्ति काल)

तिथि दशमी 27:18:04 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र चित्रा 15:59:33
योग शिव 29:14:12
करण 15:17:27
करण गर 27:18:04
वार बुधवार
माह आषाढ
चन्द्र राशि तुला
सूर्य राशि मिथुन
रितु वर्षा
आयन दक्षिणायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:27:31
सूर्यास्त 19:17:17
दिन काल 13:49:46
रात्री काल 10:10:33
चंद्रोदय 14:09:42
चंद्रास्त 25:37:16

लग्न—– मिथुन 11°54′ , 71°54′

सूर्य नक्षत्र आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र चित्रा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

रा चित्रा 09:44:35
री चित्रा 15:59:33
रू स्वाति 22:11:31
रे स्वाति 28:20:24

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मिथुन 12: 30 आर्द्रा , 2 घ
चन्द्र कन्या 18:16 , स्वाति , 1 रू
बुध मिथुन 07°: 34′ आर्द्रा , 1 कु
शुक्र कर्क 24°05, अश्लेषा ‘ 3 डे
मंगल कर्क 28°30 ‘ अश्लेषा ‘ 4 डो
गुरु मेष 14°30 ‘ भरणी , 1 ली
शनि कुम्भ 13°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू (व) मेष 06°40 अश्विनी , 3 चो
केतु (व) तुला 06°40 स्वाति , 1 रू

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 12:22 – 14:06 अशुभ
यम घंटा 07:11 – 08:55 अशुभ
गुली काल 10:39 – 12: 22अशुभ
अभिजित 11:55 – 12:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:55 – 12:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:12 – 24:04* अशुभ
वर्ज्यम 21:47 – 23:26 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 05:28 – 07:11 शुभ
अमृत 07:11 – 08:55 शुभभ
काल 08:55 – 10:39 अशुभ
शुभ 10:39 – 12:22 शुभ
रोग 12:22 – 14:06 अशुभ
उद्वेग 14:06 – 15:50 अशुभ
चर 15:50 – 17:34 शुभ
लाभ 17:34 – 19:17 शुभ

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 19:17 – 20:34 अशुभ
शुभ 20:34 – 21:50 शुभ
अमृत 21:50 – 23:06 शुभ
चर 23:06 – 24:23* शुभ
रोग 24:23 – 25:39 अशुभ
काल 25:39 – 26:55 अशुभ
लाभ 26:55 – 28:12 शुभ
उद्वेग 28:12 – 29:28 अशुभ

🚩होरा, दिन

बुध 05:28 – 06:37
चन्द्र 06:37 – 07:46
शनि 07:46 – 08:55
बृहस्पति 08:55 – 10:04
मंगल 10:04 – 11:13
सूर्य 11:13 – 12:22
शुक्र 12:22 – 13:32
बुध 13:32 – 14:41
चन्द्र 14:41 – 15:50
शनि 15:50 – 16:59
बृहस्पति 16:59 – 18:08
मंगल 18:08 – 19:17

🚩होरा, रात

सूर्य 19:17 – 20:08
शुक्र 20:08 – 20:59
बुध 20:59 – 21:50
चन्द्र 21:50 – 22:41
शनि 22:41 – 23:32
बृहस्पति 23:32 – 24:23
मंगल 24:23* – 25:13
सूर्य 25:13* – 26:04
शुक्र 26:04* – 26:55
बुध 26:55* – 27:46
चन्द्र 27:46* – 28:37
शनि 28:37* – 29:28

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मिथुन 03:50 से 06:02 तक
कर्क 06:02 से 08:20 तक
सिंह 08:20 से 11:44 तक
कन्या 11:44 से 14:00 तक
तुला 14:00 से 15:00 तक
वृश्चिक 15:00 से 17:24 तक
धनु 17:24 से 19:28 तक
मकर 19:28 से 21:14 तक
कुम्भ 21:14 से 23:04 तक
मीन 23:04 से 00:18 तक
मेष 00:18 से 01:56 तक
वृषभ 01:56 से 03:44 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

10 + 4 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

10 + 10 + 5 = 25 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

माधवाचार्य पाटोत्सव