मन बड़ा चमत्कारी शब्द है इसके आगे न लगाने पर यह (नमन) हो जाता है और पीछे न लगाने पर (मनन) हो जाता है जीवन मे नमन और मनन करते चलिये जीवन सफल ही नही सार्थक भी हो जायेगा
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक:-11/01/2023, बुधवार चतुर्थी, कृष्ण पक्ष, मघा “समाप्ति काल)
तिथि | चतुर्थी 14:30:52 तक |
पक्ष | कृष्ण |
नक्षत्र | मघा 11:49:01 |
योग | आयुष्मान 12:00:12 |
करण | बालव 14:30:52 |
करण | कौलव 27:36:18 |
वार | बुधवार |
माह | माघ |
चन्द्र राशि | सिंह |
सूर्य राशि | धनु |
रितु | शिशिर |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | नल |
विक्रम संवत | 2079 |
शक संवत | 1944 |
सूर्योदय | 07:12:31 |
सूर्यास्त | 17:41:40 |
दिन काल | 10:29:09 |
रात्री काल | 13:30:51 |
चंद्रोदय | 21:34:14 |
चंद्रास्त | 10:06:09 |
लग्न—- धनु 26°22′ , 266°22′
सूर्य नक्षत्र | पूर्वाषाढा |
चन्द्र नक्षत्र | मघा |
नक्षत्र पाया | रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
मे | मघा 11:49:01 |
मो | पूर्वा फाल्गुनी 18:29:18 |
टा | पूर्वा फाल्गुनी 25:08:34 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह | राशी , अंश ,नक्षत्र, पद |
सूर्य | धनु 26 : 29 उ oषाo , 1 भे |
चन्द्र | सिंह 17°:23, अश्लेषा , 4 डो |
बुध | धनु 19°: 34′ पू o फा o ‘ 2 टा |
शुक्र | मकर 17°05, श्रवण ‘ 2 खू |
मंगल | वृषभ 13°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा |
गुरु | मीन 08°30 ‘ उ o भा o, 2 थ |
शनि | मकर 29°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी |
राहू | (व)मेष 15°30 भरणी , 1 ली |
केतु | (व)तुला 15°30 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 12:27 – 13:46 अशुभ |
यम घंटा | 08:31 – 09:50 अशुभ |
गुली काल | 11:08 – 12:27 अशुभ |
अभिजित | 12:06 – 12:48 अशुभ |
दूर मुहूर्त | 12:06 – 12:48 अशुभ |
वर्ज्यम | 20:43 – 22:29 अशुभ |
🚩गंड मूल 07:13 – 11:49 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर | 15:04 – 16:23 शुभ |
लाभ | 07:13 – 08:31 शुभ |
अमृत | 08:31 – 09:50 शुभ |
काल | 09:50 – 11:08 अशुभ |
शुभ | 11:08 – 12:27 शुभ |
रोग | 12:27 – 13:46 अशुभ |
उद्वेग | 13:46 – 15:04 अशुभ |
लाभ | 16:23 – 17:42 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग | 17:42 – 19:23 अशुभ |
शुभ | 19:23 – 21:04 शुभ |
अमृत | 21:04 – 22:46 शुभ |
चर | 22:46 – 24:27* शुभ |
रोग | 24:27 – 26:08 अशुभ |
काल | 26:08 – 27:50 अशुभ |
लाभ | 27:50 – 29:31 शुभ |
उद्वेग | 29:31 – 31:13 अशुभ |
🚩होरा, दिन
चन्द्र | 08:05 – 08:57 |
शनि | 08:57 – 09:50 |
बृहस्पति | 09:50 – 10:42 |
मंगल | 10:42 – 11:35 |
सूर्य | 11:35 – 12:27 |
शुक्र | 12:27 – 13:20 |
चन्द्र | 14:12 – 15:04 |
शनि | 15:04 – 15:57 |
मंगल | 16:49 – 17:42 |
सूर्य | 14:11 – 15:04 |
शुक्र | 15:04 – 15:56 |
बुध | 13:20 – 14:12 |
बृहस्पति | 15:57 – 16:49 |
🚩होरा, रात
बृहस्पति | 18:49 – 19:56 |
मंगल | 19:56 – 21:04 |
सूर्य | 17:42 – 18:49 |
शुक्र | 18:49 – 19:57 |
बुध | 19:57 – 21:04 |
चन्द्र | 21:04 – 22:12 |
शनि | 22:12 – 23:20 |
बृहस्पति | 23:20 – 24:27 |
मंगल | 24:27* – 25:35 |
सूर्य | 25:35* – 26:42 |
शुक्र | 26:42* – 27:50 |
बुध | 27:50* – 28:57 |
चन्द्र | 28:57* – 30:05 |
शनि | 30:05* – 31:13 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
धनु | 04:22 से 06:32 तक |
मकर | 06:32 से 08:12 तक |
कुम्भ | 08:12 से 09:50 तक |
मीन | 09: 50 से 11:10 तक |
मेष | 11:10 से 12:54 तक |
वृषभ | 12:54 से 17:12 तक |
कर्क | 17:12 से 19:23 तक |
सिंह | 19:23 से 21:38 तक |
कन्या | 21:38 से 11:48 तक |
तुला | 11:48 से 02:56 तक |
वृश्चिक | 02:56 से 04:06 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————- उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 4 + 4 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है मंगल ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर 12:08 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनि
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
लाल बहादुर शास्त्री पुण्य तिथि