दिनाँक 10/03/2023, शुक्रवार* तृतीया, कृष्ण पक्ष, चैत्र समाप्ति काल

तिथि तृतीया 21:41:59 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र चित्रा 31:09:59
योग वृद्वि 20:37:32
करण वणिज 09:20:49
करण विष्टि भद्र 21:41:59
वार शुक्रवार
माह चैत्र
चन्द्र राशि कन्या 18:35:564
चन्द्र राशि तुला
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:35:58
सूर्यास्त 18:23:27
दिन काल 11:47:29
रात्री काल 12:11:25
चंद्रोदय 21:01:45
चंद्रास्त 08:07:34

लग्न—–कुम्भ 25°1′ , 325°1′

सूर्य नक्षत्र पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र चित्रा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

पे चित्रा 12:16:39
पो चित्रा 18:35:56
रा चित्रा 24:53:43

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 25 : 29 पू o भा o , 2 सो
चन्द्र कन्या 23°:23, चित्रा , 1 पे
बुध कुम्भ 18 °: 34′ शतभिषा’ 4 सू
शुक्र मीन 28 °05, रेवती ‘ 4 ची
मंगल वृषभ 28°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु मीन 19°30 ‘ रेवती , 1 दे
शनि कुम्भ 05°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व) मेष 12°30 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 12°30 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 11:01 – 12:30 अशुभ
यम घंटा 15:27 – 16:55 अशुभ
गुली काल 08:04 – 09: 33 अशुभ
अभिजित 12:06 – 12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 08:57 – 09:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:53 – 13:40 अशुभ
वर्ज्यम 14:23 – 16:04 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

चर 06:36 – 08:04 शुभ
लाभ 08:04 – 09:33 शुभ
अमृत 09:33 – 11:01 शुभ
काल 11:01 – 12:30 अशुभ
शुभ 12:30 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:27 अशुभ
उद्वेग 15:27 – 16:55 अशुभ
चर 16:55 – 18:23 शुभ

🚩चोघडिया, रात

रोग 18:23 – 19:55 अशुभ
काल 19:55 – 21:26 अशुभ
लाभ 21:26 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:29* अशुभ
शुभ 24:29 – 26:01 शुभ
अमृत 26:01 – 27:32 शुभ
चर 27:32 – 29:03 शुभ
रोग 29:03 – 30:35 अशुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 06:36 – 07:35
बुध 07:35 – 08:34
चन्द्र 08:34 – 09:33
शनि 09:33 – 10:32
बृहस्पति 10:32 – 11:31
मंगल 11:31 – 12:30
सूर्य 12:30 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:28
बुध 14:28 – 15:27
चन्द्र 15:27 – 16:26
शनि 16:26 – 17:25
बृहस्पति 17:25 – 18:23

🚩होरा, रात

मंगल 18:23 – 19:24
सूर्य 19:24 – 20:25
शुक्र 20:25 – 21:26
बुध 21:26 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:28
शनि 23:28 – 24:29
बृहस्पति 24:29* – 25:30
मंगल 25:30* – 26:31
सूर्य 26:31* – 27:32
शुक्र 27:32* – 28:33
बुध 28:33* – 29:34
चन्द्र 29:34* – 30:35

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

कुम्भ 04: 10 से 06:30 तक
मीन 06:30 से 07:42 तक
मेष 07:42 से 09:12 तक
वृषभ 09:12 से 11:14 तक
मिथुन 11:14 से 14:00 तक
कर्क 14:00 से 16:44 तक
सिंह 16:44 से 18:02 तक
कन्या 18:02 से 21:08 तक
तुला 21:08 से 23:44 तक
वृश्चिक 23:44 से 00:44 तक
धनु 00:44 से 02: 46 तक
मकर 02:46 से 04: 00 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 3 + 6 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 09:17 से रात्रि 21:42 तक
पाताल लोक = धन लाभ कारक

विशेष जानकारी

केंदीय औद्योगिक सुरक्षा बल स्थापना दिवस