सम्बन्ध को जोड़ना एक कला है,लेकिन सम्बन्ध को निभाना एक साधना भी है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 07/07/2023, शुक्रवार पंचमी, कृष्ण पक्ष (समाप्ति काल)

तिथि पंचमी 24:16:45 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र शतभिषा 22:14:52
योग आयुष्मान 20:28:14
करण कौलव 13:41:05
करण तैतुल 24:16:45
वार शुक्रवार
माह श्रावण
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्य राशि मिथुन
रितु वर्षा
आयन दक्षिणायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:30:54
सूर्यास्त 19:17:09
दिन काल 13:46:15
रात्री काल 10:14:10
चंद्रोदय 22:46:07
चंद्रास्त 09:31:06

लग्न—– मिथुन 20°29′ , 80°29′

सूर्य नक्षत्र पुनर्वसु
चन्द्र नक्षत्र शतभिषा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

गो शतभिषा 05:49:27
सा शतभिषा 11:16:17
सी शतभिषा 16:44:43
सू शतभिषा 22:14:52
से पूर्वा भाद्रपदा 27:46:51

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मिथुन 20:30 पुनर्वसु , 1 के
चन्द्र कुम्भ 09:16 , धनिष्ठा , 1 गो
बुध मिथुन 27°: 34′ पुनर्वसु , 3 हा
शुक्र सिंह 00°05, मघा ‘ 1 मा
मंगल सिंह 03°30 ‘ मघा ‘ 2 मी
गुरु मेष 16°30 ‘ भरणी , 1 ली
शनि कुम्भ 12°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू (व) मेष 06°15 अश्विनी , 2 चे
केतु (व) तुला 06°15 चित्रा , 4 री

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 10:41 – 12:24 अशुभ
यम घंटा 15:51 – 17:34 अशुभ
गुली काल 07:14 – 08: 57 अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 08:16 – 09:11 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:52 – 13:47 अशुभ
वर्ज्यम 06:55 – 08:22 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

चर 05:31 – 07:14 शुभ
लाभ 07:14 – 08:57 शुभ
अमृत 08:57 – 10:41 शुभ
काल 10:41 – 12:24 अशुभ
शुभ 12:24 – 14:07 शुभ
रोग 14:07 – 15:51 अशुभ
उद्वेग 15:51 – 17:34 अशुभ
चर 17:34 – 19:17 शुभ

🚩चोघडिया, रात

रोग 19:17 – 20:34 अशुभ
काल 20:34 – 21:51 अशुभ
लाभ 21:51 – 23:07 शुभ
उद्वेग 23:07 – 24:24* अशुभ
शुभ 24:24 – 25:41 शुभ
अमृत 25:41 – 26:58 शुभ
चर 26:58 – 28:15 शुभ
रोग 28:15 – 29:31 अशुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 05:31 – 06:40
बुध 06:40 – 07:49
चन्द्र 07:49 – 08:57
शनि 08:57 – 10:06
बृहस्पति 10:06 – 11:15
मंगल 11:15 – 12:24
सूर्य 12:24 – 13:33
शुक्र 13:33 – 14:42
बुध 14:42 – 15:51
चन्द्र 15:51 – 16:59
शनि 16:59 – 18:08
बृहस्पति 18:08 – 19:17

🚩होरा, रात

मंगल 19:17 – 20:08
सूर्य 20:08 – 20:59
शुक्र 20:59 – 21:51
बुध 21:51 – 22:42
चन्द्र 22:42 – 23:33
शनि 23:33 – 24:24
बृहस्पति 24:24* – 25:15
मंगल 25:15* – 26:07
सूर्य 26:07* – 26:58
शुक्र 26:58* – 27:49
बुध 27:49* – 28:40
चन्द्र 28:40* – 29:31

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मिथुन 03:10 से 05:26 तक
कर्क 05:26 से 07:44 तक
सिंह 07:44 से 11:08 तक
कन्या 11:08 से 13:24 तक
तुला 13:24 से 14:24 तक
वृश्चिक 14:24 से 16:44 तक
धनु 16:44 से 18:48 तक
मकर 18:48 से 20:38 तक
कुम्भ 20:38 से 22:28 तक
मीन 22:28 से 23:42 तक
मेष 23:42 से 01:24 तक
वृषभ 01:24 से 03:08 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 5 + 6 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 6:30 तक समाप्त
पाताल लोक = धनलाभ कारक

विशेष जानकारी

नाग पंचमी
नाग पंचमी मेला जयपुर