प्रसन्न रहने के दो ही उपाय हैं, आवश्यकताएँ कम करें ,और परिस्थितियों से तालमेल बिठाएँ आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:-10/02/2023, शुक्रवार* चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि चतुर्थी 07:57:52 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र हस्त 24:16:42
योग धृति 16:42:43
करण बालव 07:57:52
करण कौलव 20:36:17
वार शुक्रवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि कन्या
सूर्य राशि मकर
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:01:46
सूर्यास्त 18:05:23
दिन काल 11:03:36
रात्री काल 12:55:40
चंद्रास्त 09:35:29
चंद्रोदय 22:10:31

लग्न—- मकर 26°51′ , 296°51′

सूर्य नक्षत्र धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र हस्त
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

हस्त 11:24:35
हस्त 17:51:29
हस्त 24:16:42
पे चित्रा 30:40:09

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मकर 26 : 29 धनिष्ठा , 2 गी
चन्द्र कन्या 14°:23, हस्त। , 2 ष
बुध मकर 03 °: 34′ उ o षा o’ 3 जा
शुक्र कुम्भ 23 °05, पू o भा o ‘ 1 से
मंगल वृषभ 18°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी
गुरु मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि कुम्भ 02°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व) मेष 14°10 भरणी , 1 ली
केतु (व)तुला 14°10 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 11:11 – 12:34 अशुभ
यम घंटा 15:19 – 16:42 अशुभ
गुली काल 08:25 – 09: 48अशुभ
अभिजित 12:11 – 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 09:15 – 09:59 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:56 – 13:40 अशुभ
वर्ज्यम 07:32 – 09:15 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 13:57 – 15:19 अशुभ
उद्वेग 15:19 – 16:42 अशुभ
चर 07:02 – 08:25 शुभ
लाभ 08:25 – 09:48 शुभ
अमृत 09:48 – 11:11 शुभ
काल 11:11 – 12:34 अशुभ
शुभ 12:34 – 13:57 शुभ
चर 16:42 – 18:05 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 27:47 – 29:24 शुभ
रोग 18:05 – 19:42 अशुभ
काल 19:42 – 21:19 अशुभ
लाभ 21:19 – 22:56 शुभ
उद्वेग 22:56 – 24:33* अशुभ
शुभ 24:33 – 26:10 शुभ
अमृत 26:10 – 27:47 शुभ
रोग 29:24 – 31:01 अशुभ

🚩होरा, दिन

बृहस्पति 10:43 – 11:38
मंगल 07:58 – 08:53
सूर्य 08:53 – 09:48
शुक्र 07:02 – 07:57
बुध 07:57 – 08:52
चन्द्र 08:52 – 09:48
शनि 09:48 – 10:43
बृहस्पति 17:10 – 18:05
मंगल 11:38 – 12:34
सूर्य 12:34 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:24
बुध 14:24 – 15:19
चन्द्र 15:19 – 16:15
शनि 16:15 – 17:10

🚩होरा, रात

चन्द्र 22:24 – 23:29
शनि 23:29 – 24:33
बृहस्पति 24:33* – 25:38
मंगल 18:05 – 19:10
सूर्य 19:10 – 20:15
शुक्र 20:15 – 21:19
बुध 21:19 – 22:24
चन्द्र 29:56* – 31:01
शनि 26:43* – 27:48
मंगल 25:38* – 26:43
सूर्य 26:43* – 27:47
शुक्र 27:47* – 28:52
बुध 28:52* – 29:56

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 04:28 से 06: 12 तक
कुम्भ 06: 12 से 08:00 तक
मीन 08: 00 से 09:22 तक
मेष 09:22 से 10:52 तक
वृषभ 10:52 से 12:54 तक
मिथुन 12:54 से 15:22 तक
कर्क 15:22 से 18:26 तक
सिंह 18:26 से 19:38 तक
कन्या 19:38 से 22:46 तक
तुला 22:46 से 01:08 तक
वृश्चिक 01:08 से 02:20 तक
धनु 02:20 से 04: 22 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————पश्चिम

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 4 + 6 + 1 = 26÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

चतुर्थी तिथि वृद्धि