किसी के परामर्श से, हमें रास्ते तो जरुर मिल जायेंगे, परन्तु सफलता तो, स्वयं की मेहनत से ही मिलेगी
आपका का आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 13/02/2023, सोमवार* सप्तमी, कृष्ण पक्ष,फाल्गुन समाप्ति काल
तिथि |
सप्तमी 09:45:20 तक |
पक्ष |
कृष्ण |
नक्षत्र |
विशाखा 26:34:34 |
योग |
वृद्वि 14:14:55 |
करण |
बव 09:45:20 |
करण |
बालव 21:29:54 |
वार |
सोमवार |
माह |
फाल्गुन |
चन्द्र राशि |
तुला 20:36:25 |
चन्द्र राशि |
वृश्चिक |
सूर्य राशि |
मकर 09:43:10 |
सूर्य राशि |
कुम्भ 09:43:10 |
रितु |
वसंत |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
06:59:34 |
सूर्यास्त |
18:07:34 |
दिन काल |
11:07:59 |
रात्री काल |
12:51:13 |
चंद्रास्त |
11:11:47 |
चंद्रोदय |
25:07:13 |
लग्न—- मकर 29°53′ , 299°53′
सूर्य नक्षत्र |
धनिष्ठा |
चन्द्र नक्षत्र |
विशाखा |
नक्षत्र पाया |
रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
ती |
विशाखा 08:32:18 |
तू |
विशाखा 14:35:39 |
ते |
विशाखा 20:36:25 |
तो |
विशाखा 26:34:34 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य |
मकर 29 : 29 धनिष्ठा , 2 गी |
चन्द्र |
तुला 22°:23, विशाखा , 1 ती |
बुध |
मकर 08 °: 34′ उ o षा o’ 4 जी |
शुक्र |
कुम्भ 26 °05, पू o भा o ‘ 2 सो |
मंगल |
वृषभ 19°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी |
गुरु |
मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ |
शनि |
कुम्भ 03°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु |
राहू |
(व) मेष 13°40 भरणी , 1 ली |
केतु |
(व) तुला 13°40 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
08:23 – 09:47 अशुभ |
यम घंटा |
11:10 – 12:34 अशुभ |
गुली काल |
13:57 – 15: 21अशुभ |
अभिजित |
12:11 – 12:56 शुभ |
दूर मुहूर्त |
12:56 – 13:40 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
15:09 – 15:54 अशुभ |
वर्ज्यम |
08:08 – 09:45 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
अमृत |
06:59 – 08:23 शुभ |
काल |
08:23 – 09:47 अशुभ |
शुभ |
09:47 – 11:10 शुभ |
रोग |
11:10 – 12:34 अशुभ |
उद्वेग |
12:34 – 13:57 अशुभ |
चर |
13:57 – 15:21 शुभ |
लाभ |
15:21 – 16:44 शुभ |
अमृत |
16:44 – 18:08 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
चर |
18:08 – 19:44 शुभ |
रोग |
19:44 – 21:20 अशुभ |
काल |
21:20 – 22:57 अशुभ |
लाभ |
22:57 – 24:33* शुभ |
उद्वेग |
24:33 – 26:10 अशुभ |
शुभ |
26:10 – 27:46 शुभ |
अमृत |
27:46 – 29:22 शुभ |
चर |
29:22 – 30:59 शुभ |
🚩होरा, दिन
चन्द्र |
06:59 – 07:55 |
शनि |
07:55 – 08:51 |
बृहस्पति |
08:51 – 09:47 |
मंगल |
09:47 – 10:42 |
सूर्य |
10:42 – 11:38 |
शुक्र |
11:38 – 12:34 |
बुध |
12:34 – 13:29 |
चन्द्र |
13:29 – 14:25 |
शनि |
14:25 – 15:21 |
बृहस्पति |
15:21 – 16:16 |
मंगल |
16:16 – 17:12 |
सूर्य |
17:12 – 18:08 |
🚩होरा, रात
शुक्र |
18:08 – 19:12 |
बुध |
19:12 – 20:16 |
चन्द्र |
20:16 – 21:20 |
शनि |
21:20 – 22:25 |
बृहस्पति |
22:25 – 23:29 |
मंगल |
23:29 – 24:33 |
सूर्य |
24:33* – 25:37 |
शुक्र |
25:37* – 26:42 |
बुध |
26:42* – 27:46 |
चन्द्र |
27:46* – 28:50 |
शनि |
28:50* – 29:55 |
बृहस्पति |
29:55* – 30:59 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मकर |
04:16 से 06: 00 तक |
कुम्भ |
06: 00 से 07:48 तक |
मीन |
07:48 से 09:10 तकक |
मेष |
09:10 से 10:40 तक |
वृषभ |
10:40 से 12:42 तक |
मिथुन |
12:42 से 15:10 तक |
कर्क |
15:10 से 18:14 तक |
सिंह |
18:14 से 19:26 तक |
कन्या |
19:26 से 22:34 तक |
तुला |
22:34 से 00:58 तक |
वृश्चिक |
00:56 से 02:08 तक |
धनु |
02:08 से 04: 10 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 7 + 2 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
नंद सप्तमी
कालाष्टमी
कुंभे सूर्य: 09:43
सर्वार्थसिद्धि योग 26:34 से
सरोजिनी नायडू पुण्य तिथि