एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 13/01/2023, शुक्रवार षष्ठी, कृष्ण पक्ष, माघ समाप्ति काल
तिथि | षष्ठी 18:16:46 तक |
पक्ष | कृष्ण |
नक्षत्र | उत्तरा फाल्गुनी 16:34:26 |
योग | शोभन 12:43:35 |
करण | वणिज 18:16:46 |
करण | विष्टि भद्र 30:54:23 |
वार | शुक्रवार |
माह | माघ |
चन्द्र राशि | कन्या |
सूर्य राशि | धनु |
रितु | शिशिर |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | नल |
विक्रम संवत | 2079 |
शक संवत | 1944 |
सूर्योदय | 07:12:30 |
सूर्यास्त | 17:43:17 |
दिन काल | 10:30:43 |
रात्री काल | 13:29:13 |
चंद्रोदय | 23:20:59 |
चंद्रास्त | 19:45:55 |
लग्न—- धनु 28°24′ , 268°24′
सूर्य नक्षत्र | उत्तराषाढा |
चन्द्र नक्षत्र | उत्तरा फाल्गुनी |
नक्षत्र पाया | रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
पा | उत्तरा फाल्गुनी 10:04:24 |
पी | उत्तरा फाल्गुनी 16:34:26 |
पू | हस्त 23:02:27 |
ष | हस्त 29:28:17 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह | राशी , अंश ,नक्षत्र, पद |
सूर्य | 28 : 29 उ oषाo,1 भे |
चन्द्र | कन्या 05°:23, उ o फ़ा o ,3 पा |
बुध | धनु 16°: 34′ पूo षा o’1 भू |
शुक्र | मकर 18°05,श्रवण’3 खे |
मंगल | वृषभ 13°30 ‘रोहिणी’2 वा |
गुरु | मीन 08°30 ‘उ o भा o,2 थ |
शनि | मकर 29°43 ‘धनिष्ठा’2 गी |
राहू | (व) मेष 15°25 भरणी ,1ली |
केतु | (व)तुला 15°25 स्वाति,3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 11:09 – 12:28 अशुभ |
यम घंटा | 15:06 – 16:24 अशुभभ |
गुली काल | 08:31 – 09:50 अशुभ |
अभिजित | 12:07 – 12:49 शुभ |
दूर मुहूर्त | 09:19 – 10:01 अशुभ |
दूर मुहूर्त | 12:49 – 13:31 अशुभ |
वर्ज्यम | 25:37 – 27:20 अशुभ |
🚩गंड मूल 30:04* – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर | 07:13 – 08:31 शुभ |
लाभ | 08:31 – 09:50 शुभ |
अमृत | 09:50 – 11:09 शुभ |
काल | 11:09 – 12:28 अशुभ |
शुभ | 12:28 – 13:47 शुभ |
रोग | 13:47 – 15:06 अशुभ |
उद्वेग | 15:06 – 16:24 अशुभ |
चर | 16:24 – 17:43 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
रोग | 17:43 – 19:24 अशुभ |
काल | 19:24 – 21:06 अशुभ |
लाभ | 21:06 – 22:47 शुभ |
उद्वेग | 22:47 – 24:28* अशुभ |
शुभ | 24:28 – 26:09 शुभ |
अमृत | 26:09 – 27:50 शुभ |
चर | 27:50 – 29:31 शुभ |
रोग | 29:31 – 31:12 अशुभ |
🚩होरा, दिन
शुक्र | 07:13 – 08:05 |
बुध | 08:05 – 08:58 |
चन्द्र | 08:58 – 09:50 |
शनि | 09:50 – 10:43 |
बृहस्पति | 10:43 – 11:35 |
मंगल | 11:35 – 12:28 |
सूर्य | 12:28 – 13:20 |
शुक्र | 14:13 – 15:06 |
चन्द्र | 15:06 – 15:58 | शनि | 15:58 – 16:51 | बृहस्पति | 16:51 – 17:43 |
🚩होरा, रात
मंगल | 17:43 – 18:51 |
सूर्य | 18:51 – 19:58 |
शुक्र | 19:58 – 21:06 |
बुध | 21:06 – 22:13 |
चन्द्र | 22:13 – 23:20 |
शनि | 23:20 – 24:28 |
बृहस्पति | 24:28* – 25:35 |
मंगल | 25:35* – 26:43 |
सूर्य | 26:43* – 27:50 |
शुक्र | 27:50* – 28:58 |
बुध | 28:58* – 30:05 |
चन्द्र | 30:05* – 31:12 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
धनु | 04:14 से 06:24 तक |
मकर | 06:24 से 08:04 तक |
कुम्भ | 08:04 से0 9:4 तक |
मीन | 09: 42से11:02 तक |
मेष | 11:02 से 12:46 तक |
वृषभ | 12:46से 17:04तक |
कर्क | 17:04 से 19:16तक |
सिंह | 19:16 से 21:30 तक |
कन्या | 21:30 से 11:40 तक |
तुला | 11:40 से 02:48 तक |
वृश्चिक | 02:48 से 03:58 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट— नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 6 + 6 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
सांय 18:16 से रात्रि 30:54 तक
पाताल लोक = धनलाभा कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
लोहड़ी पर्व (पंजाब)
ज्योतिष साधना
Jyotis sadhna