जीवन न तो पीड़ा है,और न ही आनंद,यह वैसा ही बन जाता है जैसा आप उसे बनाते है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 14/04/2023, शुक्रवार नवमी, कृष्ण पक्ष, वैशाख (समाप्ति काल)

तिथि नवमी 23:12:50 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र उत्तराषाढा 09:13:16
योग सिद्ध 09:35:24
करण तैतिल 12:24:28
करण गर 23:12:50
वार शुक्रवार
माह वैशाख
चन्द्र राशि मकर
सूर्य राशि मीन 14:57:49
सूर्य राशि मेष
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:57:294
सूर्यास्त 18:41:59
दिन काल 12:44:29
रात्री काल 11:14:29
चंद्रोदय 26:50:18
चंद्रास्त 12:37:04

लग्न—– मीन 29°38′ , 359°38′

सूर्य नक्षत्र रेवती
चन्द्र नक्षत्र उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

जी उत्तराषाढा 09:13:16
खी श्रवण 14:49:21
खू श्रवण 20:24:54
खे श्रवण 25:59:57

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मीन 29 : 59 रेवती , 4 ची
चन्द्र मकर 08:56, उत्तराषाढा , 4 जी
बुध मेष 18°: 34′ भरणी’ 2 लू
शुक्र वृषभ 09 °05, कृतिका ‘ 4 ए
मंगल मिथुन 18°30 ‘ आर्द्रा ‘ 3 ङ
गुरु मीन 28°30 ‘ रेवती , 4 ची
शनि कुम्भ 9°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू (व) मेष 10°32 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 10°32 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 10:44 – 12:20 अशुभ
यम घंटा 15:31 – 17:06 अशुभ
गुली काल 07:33 – 09:09 अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 08:30 – 09:21 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:45 – 13:36 अशुभ
वर्ज्यम 12:57 – 14:27 अशुभ

🚩गंड मूल 05:59 – 11:58 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

चर 05:57 – 07:33 शुभ
लाभ 07:33 – 09:09 शुभ
अमृत 09:09 – 10:44 शुभ
काल 10:44 – 12:20 अशुभ
शुभ 12:20 – 13:55 शुभ
रोग 13:55 – 15:31 अशुभ
उद्वेग 15:31 – 17:06 अशुभ
चर 17:06 – 18:42 शुभ

🚩चोघडिया, रात

रोग 18:42 – 20:06 अशुभ
काल 20:06 – 21:31 अशुभ
लाभ 21:31 – 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 – 24:19* अशुभ
शुभ 24:19 – 25:44 शुभ
अमृत 25:44 – 27:08 शुभ
चर 27:08 – 28:32 शुभ
रोग 28:32 – 29:56 अशुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 05:57 – 07:01
बुध 07:01 – 08:05
चन्द्र 08:05 – 09:09
शनि 09:09 – 10:12
बृहस्पति 10:12 – 11:16
मंगल 11:16 – 12:20
सूर्य 12:20 – 13:23
शुक्र 13:23 – 14:27
बुध 14:27 – 15:31
चन्द्र 15:31 – 16:35
शनि 16:35 – 17:38
बृहस्पति 17:38 – 18:42

🚩होरा, रात

मंगल 18:42 – 19:38
सूर्य 19:38 – 20:34
शुक्र 20:34 – 21:31
बुध 21:31 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:23
शनि 23:23 – 24:19
बृहस्पति 24:19* – 25:15
मंगल 25:15* – 26:12
सूर्य 26:12* – 27:08
शुक्र 27:08* – 28:04
बुध 28:04* – 29:00
चन्द्र 29:00* – 29:56

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मीन 03:40 से 05:08 तक
मेष 05:08 से 07:54 तक
वृषभ 07:54 से 08:44 तक
मिथुन 08:44 से 11:04 तक
कर्क 11:04 से 13:16 तक
सिंह 13:16 से 15:28 तक
कन्या 15:3 से 17:44 तक
तुला 17:44 से 19:58 तक
वृश्चिक 19:58 से 21:58 तक
धनु 21:58 से 00:14 तक
मकर 00:14 से 01:58 तक
कुम्भ 01:58 से 03:54 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 9 + 6 + 1 = 31 ÷ 4 = 3शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहू ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

चंडिका नवमी
सर्वार्थ सिद्धि योग 09:13 से
मेषे अर्क 14:59