संघर्ष विधाता का दिया हुआ अनूठा आमन्त्रण है जो इसे सरलता से स्वीकार करता है वही जीवन में आगे बढ़ता है
आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनांक 16/02/2023, गुरुवार,एकादशी, कृष्ण पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि एकादशी 26:48:50 तक
तिथि दशमी 29:32:21(क्षय )
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र मूल 22:51:48
योग हर्शण 07:01:41
योग वज्र 27:34:19
करण बव 16:14:49
करण बालव 26:48:50
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि धनु
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:57:12
सूर्यास्त 18:09:42
दिन काल 11:12:29
रात्री काल 12:46:41
चंद्रास्त 13:40:18
चंद्रोदय 28:24:48

लग्न—- कुम्भ 2°55′ , 302°55′

सूर्य नक्षत्र धनिष्ठा
चन्द्र मूल
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

यो मूल 11:52:52
भा मूल 17:23:23
भी मूल 22:51:48
भू पूर्वाषाढा 28:18:17

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 02 : 29 धनिष्ठा , 3 गु
चन्द्र धनु 03°:23, मूल , 2 यो
बुध मकर 12 °: 34′ श्रवण’ 1 खी
शुक्र कुम्भ 00 °05, पू o भा o ‘ 4 दी
मंगल वृषभ 20°30 ‘ रोहिणी’ 4 वू
गुरु मीन 14°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि कुम्भ 03°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व) मेष 13°40 भरणी , 1 ली
केतु (व) तुला 13°40 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 15:22 – 16.46अशुभ
यम घंटा 06:57 – 08:21 अशुभ
गुली काल 09:45 – 11:09 अशुभ
अभिजित 12:11 – 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 12:11 – 12:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:10 – 15:55 अशुभ
वर्ज्यम 21:24 – 22:52 अशुभ

🚩💮 गंड मूल 26:01* – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 06:57 – 08:21 शुभ
रोग 08:21 – 09:45 अशुभ
उद्वेग 09:45 – 11:09 अशुभ
चर 11:09 – 12:33 शुभ
लाभ 12:33 – 13:58 शुभ
अमृत 13:58 – 15:22 शुभ
काल 15:22 – 16:46 अशुभ
शुभ 16:46 – 18:10 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 18:10 – 19:46 शुभ
चर 19:46 – 21:21 शुभ
रोग 21:21 – 22:57 अशुभ
काल 22:57 – 24:33* अशुभ
लाभ 24:33 – 26:09 शुभ
उद्वेग 26:09 – 27:45 अशुभ
शुभ 27:45 – 29:21 शुभ
अमृत 29:21 – 30:56 शुभ

🚩होरा, दिन

बृहस्पति 06:57 – 07:53
मंगल 07:53 – 08:49
सूर्य 08:49 – 09:45
शुक्र 09:45 – 10:41
बुध 10:41 – 11:37
चन्द्र 11:37 – 12:33
शनि 12:33 – 13:29
बृहस्पति 13:29 – 14:26
मंगल 14:26 – 15:22
सूर्य 15:22 – 16:18
शुक्र 16:18 – 17:14
बुध 17:14 – 18:10

🚩होरा, रात

चन्द्र 18:10 – 19:14
शनि 19:14 – 20:17
बृहस्पति 20:17 – 21:21
मंगल 21:21 – 22:25
सूर्य 22:25 – 23:29
शुक्र 23:29 – 24:33
बुध 24:33* – 25:37
चन्द्र 25:37* – 26:41
शनि 26:41* – 27:45
बृहस्पति 27:45* – 28:49
मंगल 28:49* – 29:53
सूर्य 29:53* – 30:56

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 04:04 से 05: 46 तक
कुम्भ 05: 46 से 07:40 तक
मीन 07:40 से 09:02 तक
मेष 09:02 से 10:32 तक
वृषभ 10:32 से 12:34 तक
मिथुन 12:34 से 15:02 तक
कर्क 15:02 से 1806 तक
सिंह 18:06 से 19:18 तक
कन्या 19:18 से 22:26 तक
तुला 22:26 से 00:50 तक
वृश्चिक 00:50 से 02:00 तक
धनु 02:00 से 04: 02 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 11 + 5 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

सांय 18:40 से रात्रि 29:32 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक

विशेष जानकारी

विजया एकादशी व्रत (स्मार्त)
जयशंकर प्रसाद जयंती