कभी किसी को हराने की कोशिश मत करो,बस सभी को जिताने या दिल जीतने का प्रयास करें ,कभी किसी पर हंसने की कोशिश न करें,लेकिन सबके साथ हंसने की कोशिश करें आपका आज का दिन मंगलमय हो

16/01/2023, सोमवार नवमी, कृष्ण पक्ष,माघ समाप्ति काल

तिथि नवमी 19:19:53 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र स्वाति 19:22:16
योग धृति 10:30:27
करण तैतिल 07:38:38
करण गर 19:19:53
करण वणिज 30:48:39
वार सोमवार
माह माघ
चन्द्र राशि तुला
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:12:17
सूर्यास्त 17:45:37
दिन काल 10:33:19
रात्री काल 13:26:32
चंद्रास्त 12:37:09
चंद्रोदय 26:15:27

लग्न—- मकर 1°28′ , 271°28′

सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र स्वाति
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

रे स्वाति 07:22:29
रो स्वाति 13:23:54
ता स्वाति 19:22:16
ती विशाखा 25:17:35
तू विशाखा 31:09:53

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 01 : 29 उ oषाo , 2 भो
चन्द्र तुला 13°:23, स्वाति , 2 रे
बुध धनु 14°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू
शुक्र मकर 22°05, श्रवण ‘ 4 खो
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि मकर 29°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू (व)मेष 15°10 भरणी , 1 ली
केतु (व)तुला 15°10 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 08:31 – 09:51 अशुभ
यम घंटा 11:10 – 12:29 अशुभ
गुली काल 13:48 – 15:07 अशुभ
अभिजित 12:08 – 12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 12:50 – 13:32 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:57 – 15:39 अशुभ
वर्ज्यम 24:54 – 26:28 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 07:12 – 08:31 शुभ
काल 07:12 – 08:31 अशुभ
शुभ 09:51 – 11:10 शुभ
रोग 11:10 – 12:29 अशुभ
उद्वेग 12:29 – 13:48 अशुभ
चर 13:48 – 15:07 शुभ
लाभ 15:07 – 16:26 शुभ
अमृत 16:26 – 17:46 शुभ
काल 08:31 – 09:51 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 17:46 – 19:26 शुभ
लाभ 17:44 – 19:25 शुभ
उद्वेग 24:29 – 26:10 अशुभ
शुभ 26:10 – 27:51 शुभ
अमृत 27:51 – 29:31 शुभ
चर 29:31 – 31:12 शुभ
रोग 19:26 – 21:07 अशुभ
काल 21:07 – 22:48 अशुभ
लाभ 22:48 – 24:29* शुभ

🚩होरा, दिन

चन्द्र 07:12 – 08:05
शनि 08:05 – 08:58
बृहस्पति 08:58 – 09:51
मंगल 09:51 – 10:43
सूर्य 10:43 – 11:36
शुक्र 11:36 – 12:29
बुध 12:29 – 13:22
चन्द्र 13:22 – 14:15
शनि 14:15 – 15:07
बृहस्पति 15:07 – 16:00
मंगल 16:00 – 16:53
सूर्य 16:53 – 17:46

🚩होरा, रात

बृहस्पति 17:45 – 18:52
मंगल 18:52 – 19:59
सूर्य 19:59 – 21:07
शुक्र 17:46 – 18:53
बुध 18:53 – 20:00
चन्द्र 20:00 – 21:07
शनि 21:07 – 22:14
बृहस्पति 22:14 – 23:22
मंगल 23:22 – 24:29
सूर्य 24:29* – 25:36
शुक्र 25:36* – 26:43
बुध 26:43* – 27:51
चन्द्र 27:51* – 28:58
शनि 28:58* – 30:05
बृहस्पति 30:05* – 31:12

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

धनु 04:06 से 06:04 तक
मकर 06:04 से 07:50 तक
कुम्भ 07:50 से 09:30 तक
मीन 09: 30 से 10:50 तक
मेष 10:50 से 12:32 तक
वृषभ 12:32 से 16:50 तक
कर्क 16:50 से 19:02 तक
सिंह 19:02 से 21:16 तक
कन्या 21:16 से 11:26 तक
तुला 11:26 से 02:34 तक
वृश्चिक 02:34 से 03:44 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट–दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 9 + 2 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 30:48 से प्रारम्भ
पाताल लोक = शुभ कारक

विशेष जानकारी

गोपेश्वरशरण देवाचार्य पाटोत्सव