किसी भी रिश्ते को जीवंत रखने के लिये, हृदय में प्रेम अति आवश्यक है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 17/07/2023, सोमवार अमावस्या, कृष्ण पक्ष, श्रावण समाप्ति काल

तिथि अमावस्या 24:00:50 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र पुनर्वसु 29:10:12
योग व्याघात 08:56:12
करण चतुष्पद 11:02:07
करण नाग 24:00:50
वार सोमवार
माह श्रावण
चन्द्र राशि मिथुन 22:30:41
चन्द्र राशि कर्क
सूर्य राशि कर्क
रितु वर्षा
आयन दक्षिणायण
संवत्सर शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 19:14:53
सूर्यास्त 19:15:48
दिन काल 13:39:17
रात्री काल 10:21:12
चंद्रोदय 05:54:48
चंद्रास्त 19:20:03

लग्न—-कर्क 0°1′ , 90°1′

सूर्य नक्षत्र पुनर्वसु
चन्द्र नक्षत्र पुनर्वसु
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

के पुनर्वसु 09:14:27
को पुनर्वसु 15:52:05
हा पुनर्वसु 22:30:41
ही पुनर्वसु 29:10:12

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मिथुन 29:30 पुनर्वसु , 3 हा
चन्द्र मिथुन 17:16 , आर्द्रा , 4 छ
बुध कर्क 16°: 34′ पुष्य , 4 ड
शुक्र सिंह 03°05, मघा ‘ 2 मी
मंगल सिंह 09°30 ‘ मघा ‘ 3 मू
गुरु मेष 17°30 ‘ भरणी , 2 लू
शनि कुम्भ 12°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू (व) मेष 05°40 अश्विनी , 2 चे
केतु (व) तुला 05°40 चित्रा , 4 री

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 07:18 – 09:00 अशुभ
यम घंटा 10:43 – 12:25 अशुभ
गुली काल 14:08 – 15: 50अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 12:53 – 13:47 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:36 – 16:31 अशुभ
वर्ज्यम 15:52 – 17:38 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 05:36 – 07:18 शुभ
काल 07:18 – 09:00 अशुभ
शुभ 09:00 – 10:43 शुभ
रोग 10:43 – 12:25 अशुभ
उद्वेग 12:25 – 14:08 अशुभ
चर 14:08 – 15:50 शुभ
लाभ 15:50 – 17:32 शुभ
अमृत 17:32 – 19:15 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 19:15 – 20:33 शुभ
रोग 20:33 – 21:50 अशुभ
काल 21:50 – 23:08 अशुभ
लाभ 23:08 – 24:26* शुभ
उद्वेग 24:26 – 25:43 अशुभ
शुभ 25:43 – 27:01 शुभ
अमृत 27:01 – 28:18 शुभ
चर 28:18 – 29:36 शुभ

🚩होरा, दिन

चन्द्र 05:36 – 06:44
शनि 06:44 – 07:52
बृहस्पति 07:52 – 09:00
मंगल 09:00 – 10:09
सूर्य 10:09 – 11:17
शुक्र 11:17 – 12:25
बुध 12:25 – 13:34
चन्द्र 13:34 – 14:42
शनि 14:42 – 15:50
बृहस्पति 15:50 – 16:58
मंगल 16:58 – 18:07
सूर्य 18:07 – 19:15

🚩होरा, रात

शुक्र 19:15 – 20:07
बुध 20:07 – 20:58
चन्द्र 20:58 – 21:50
शनि 21:50 – 22:42
बृहस्पति 22:42 – 23:34
मंगल 23:34 – 24:26
सूर्य 24:26* – 25:17
शुक्र 25:17* – 26:09
बुध 26:09* – 27:01
चन्द्र 27:01* – 27:53
शनि 27:53* – 28:44
बृहस्पति 28:44* – 29:36

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मिथुन 02:46 से 04:50 तक
कर्क 04:50 से 07:08 तक
सिंह 07:20 से 10:44 तक
कन्या 10:32 से 12:48 तक
तुला 12:48 से 13:48 तक
वृश्चिक 13:48 से 16:08 तक
धनु 16:08 से 18:16 तक
मकर 18:16 से 20:02 तक
कुम्भ 20:02 से 21:52 तक
मीन 21:52 से 23:06 तक
मेष 23:06 से 00:48 तक
वृषभ 00:48 से 02:32 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 +15 + 2 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधो = शुभ कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

सोमवती अमावस्या
देवपितृकार्य अमावस्या
हरियालीमावस