जीवन में किसी भी कार्य का श्रेय मिले न मिले लेकिन अपना सर्वश्रेष्ठ देना कभी बंद ना करे
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 18/03/2023, शनिवार* एकादशी, कृष्ण पक्ष, चैत्र (समाप्ति काल)
तिथि | एकादशी 11:13:19 तक |
पक्ष | कृष्ण |
नक्षत्र | श्रवण 24:28:18 |
योग | शिव 23:51:58 |
योग | परिघ 27:31:29 |
करण | बालव 11:13:19 |
करण | कौलव 21:41:11 |
वार | शनिवार |
माह | चैत्र |
चन्द्र राशि | मकर |
सूर्य राशि | मीन |
रितु | वसंत |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | नल |
विक्रम संवत | 2079 |
शक संवत | 1944 |
सूर्योदय | 06:27:10 |
सूर्यास्त | 18:27:50 |
दिन काल | 12:00:40 |
रात्री काल | 11:58:12 |
चंद्रोदय | 28:53:56 |
चंद्रास्त | 14:49:22 |
लग्न—–मीन 1°59′ , 331°59′
सूर्य नक्षत्र | पूर्वा भाद्रपदा |
चन्द्र नक्षत्र | श्रवण |
नक्षत्र पाया | ताम्र |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
खी | श्रवण 08:12:19 |
खू | श्रवण 13:38:24 |
खे | श्रवण 19:03:41 |
खो | श्रवण 24:28:18 |
गा | धनिष्ठा 29:52:24 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य | मीन 02 : 29 पू o भा o , 4 दी |
चन्द्र | मकर 12°:23, श्रवण, 1 खी |
बुध | मीन 03°: 34′ पूoभाo’ 4 दी |
शुक्र | मेष 07 °05, अश्विनी ‘ 3 चो |
मंगल | मिथुन 02°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का |
गुरु | मीन 21°30 ‘ रेवती , 2 दो |
शनि | कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो |
राहू | (व) मेष 12°08 अश्विनी , 4 ला |
केतु | (व) तुला 12°08 स्वाति , 2 रे |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 09:27 – 10:57 अशुभ |
यम घंटा | 13:58 – 15:28 अशुभ |
गुली काल | 06:27 – 07:57 अशुभ |
अभिजित | 12:03 – 12:52 शुभ |
दूर मुहूर्त | 08:03 – 08:51 अशुभ |
वर्ज्यम | 28:04 – 29:31 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
काल | 06:27 – 07:57 अशुभ |
शुभ | 07:57 – 09:27 शुभ |
रोग | 09:27 – 10:57 अशुभ |
उद्वेग | 10:57 – 12:28 अशुभ |
चर | 12:28 – 13:58 शुभ |
लाभ | 13:58 – 15:28 शुभ |
अमृत | 15:28 – 16:58 शुभ |
काल | 16:58 – 18:28 अशुभ |
🚩चोघडिया, रात
लाभ | 18:28 – 19:58 शुभ |
उद्वेग | 19:58 – 21:27 अशुभ |
शुभ | 21:27 – 22:57 शुभ |
अमृत | 22:57 – 24:27* शुभ |
चर | 24:27 – 25:57 शुभ |
रोग | 25:57 – 27:27 अशुभ |
काल | 27:27 – 28:56 अशुभ |
लाभ | 28:56 – 30:26 शुभ |
🚩होरा, दिन
शनि | 06:27 – 07:27 |
बृहस्पति | 07:27 – 08:27 |
मंगल | 08:27 – 09:27 |
सूर्य | 09:27 – 10:27 |
शुक्र | 10:27 – 11:27 |
बुध | 11:27 – 12:28 |
चन्द्र | 12:28 – 13:28 |
शनि | 13:28 – 14:28 |
बृहस्पति | 14:28 – 15:28 |
मंगल | 15:28 – 16:28 |
सूर्य | 16:28 – 17:28 |
शुक्र | 17:28 – 18:28 |
🚩होरा, रात
बुध | 18:28 – 19:28 |
चन्द्र | 19:28 – 20:28 |
शनि | 20:28 – 21:27 |
बृहस्पति | 21:27 – 22:27 |
मंगल | 22:27 – 23:27 |
सूर्य | 23:27 – 24:27 |
शुक्र | 24:27* – 25:27 |
बुध | 25:27* – 26:27 |
चन्द्र | 26:27* – 27:27 |
शनि | 27:27* – 28:26 |
बृहस्पति | 28:26* – 29:26 |
मंगल | 29:26* – 30:26 |
मीन | 05:25 से 06:50 तक |
मेष | 06:50 से 08:34 तक |
वृषभ | 08:54 से 10:32 तक |
मिथुन | 10:32 से 12:42 तक |
कर्क | 12:42 से 15:02 तक |
सिंह | 15:02 से 17:10 तक |
कन्या | 17:10 से 21:40 तक |
तुला | 21:40 से 23:36 तक |
वृश्चिक | 23:36 से 00:06 तक |
धनु | 00:06 से 02:03 तक |
मकर | 02:03 से 03:30 तक |
कुम्भ | 03: 30 से 05:22 तक |
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 11 + 7 + 1 = 34 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
पापमोचनी एकादशी व्रत (सर्वेषां)
सर्वार्थ सिद्धि योग 24:28 तक