सहनशीलता आपको सत्कार के योग्य अवश्य बना देगी,मगर मन मे सम्मान की चाह रखना श्रेष्ठ पुरुषों के स्वभाव के विपरीत है
आपका आज का दिन मंगलमय हो

19/01/2023, गुरुवार* द्वादशी, कृष्ण पक्ष, माघ समाप्ति काल प्रदोष व्रत आज

तिथि द्वादशी 13:17:51 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र ज्येष्ठा 15:16:58
योग ध्रुव 23:02:46
करण तैतुल 13:17:51
करण गर 23:42:12
वार गुरूवार
माह माघ
चन्द्र राशि वृश्चिक 15:16:58
चन्द्र राशि धनु
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:11:51
सूर्यास्त 17:48:03
दिन काल 10:36:11
रात्री काल 13:23:35
चंद्रास्त 14:56:57
चंद्रोदय 29:39:35

लग्न—- मकर 4°31′ , 274°31′

सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

यी ज्येष्ठा 09:51:39
यू ज्येष्ठा 15:16:58
ये मूल 20:40:14
यो मूल 26:01:36

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 04 : 29 उ oषाo , 3 जा
चन्द्र वृश्चिक 25°:23, ज्येष्ठा , 3 यी
बुध धनु 13°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू
शुक्र मकर 25°05, धनिष्ठा ‘ 1 गा
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि मकर 00°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व) मेष 15°05 भरणी , 1 ली
केतु (व)तुला 15°05 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 15:09 16:29 अशुभ
यम घंटा 07:12 – 08:31 अशुभ
गुली काल 09:51 – 11:10 अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 10:44 – 11:26 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:58 – 15:41 अशुभ
वर्ज्यम 35:15 – 36:39 अशुभ

🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 12:30 – 13:49 शुभ
अमृत 13:49 – 15:09 शुभ
काल 15:09 – 16:29 अशुभ
शुभ 07:12 – 08:31 शुभ
रोग 08:31 – 09:51 अशुभ
उद्वेग 09:51 – 11:10 अशुभ
चर 11:10 – 12:30 शुभ
लाभ 12:30 – 13:49 शुभ
शुभ 16:29 – 17:48 शुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 27:51 – 29:31 शुभ
अमृत 17:48 – 19:29 शुभ
चर 19:29 – 21:09 शुभ
रोग 21:09 – 22:49 अशुभ
काल 22:49 – 24:30* अशुभ
लाभ 24:30 – 26:10 शुभ
उद्वेग 26:10 – 27:51 अशुभ
अमृत 29:31 – 31:12 शुभ

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट–दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 12 + 5 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है केतु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

सीतलनाथ जयंती

तिल द्वादशी