सिर्फ सांसें चलते रहने को ही ज़िंदगी नहीं कहते ,आँखों में कुछ सपने और दिल मे उम्मीदें होना भी जरूरी है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 19/06/2023, सोमवार प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष, आषाढ (समाप्ति काल)

तिथि प्रतिपदा 11:24:57 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र आर्द्रा 20:09:35
योग वृद्वि 25:13:24
करण बव 11:24:57
करण बालव 24:13:06
वार सोमवार
माह आषाढ
चन्द्र राशि मिथुन
सूर्य राशि मिथुन
रितु ग्रीष्म
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 05:25:18
सूर्यास्त 19:15:46
दिन काल 13:50:28
रात्री काल 10:09:42
चंद्रोदय 05:58:35
चंद्रास्त 20:36:45

लग्न—– मिथुन 3°19′ , 63°19′

सूर्य नक्षत्र मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र आर्द्रा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

आर्द्रा 07:04:39
आर्द्रा 13:36:25
आर्द्रा 20:09:35
के पुनर्वसु 26:44:06

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मिथुन 03: 30 मृगशिरा , 3 का
चन्द्र वृषभ 12:16 , आर्द्रा, 2 घ
बुध वृषभ 19°: 34′ रोहिणी , 3 वी
शुक्र कर्क 17°05, अश्लेषा ‘ 1 डी
मंगल कर्क 22°30 ‘ अश्लेषा ‘ 2 डू
गुरु मेष 12°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि कुम्भ 13°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू (व) मेष 07°10 अश्विनी , 3 चो
केतु (व) तुला 07°10 स्वाति , 1 रू

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 07:09 – 08:53 अशुभ
यम घंटा 10:37 – 12:21 अशुभ
गुली काल 14:04 – 15: 48अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 12:48 – 13:44 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:34 – 16:30 अशुभ
वर्ज्यम 33:20 – 35:06 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 05:25 – 07:09 शुभ
काल 07:09 – 08:53 अशुभ
शुभ 08:53 – 10:37 शुभ
रोग 10:37 – 12:21 अशुभ
उद्वेग 12:21 – 14:04 अशुभ
चर 14:04 – 15:48 शुभ
लाभ 15:48 – 17:32 शुभ
अमृत 17:32 – 19:16 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 19:16 – 20:32 शुभ
रोग 20:32 – 21:48 अशुभ
काल 21:48 – 23:04 अशुभ
लाभ 23:04 – 24:21* शुभ
उद्वेग 24:21 – 25:37 अशुभ
शुभ 25:37 – 26:53 शुभ
अमृत 26:53 – 28:09 शुभ
चर 28:09 – 29:25 शुभ

🚩होरा, दिन

चन्द्र 05:25 – 06:35
शनि 06:35 – 07:44
बृहस्पति 07:44 – 08:53
मंगल 08:53 – 10:02
सूर्य 10:02 – 11:11
शुक्र 11:11 – 12:21
बुध 12:21 – 13:30
चन्द्र 13:30 – 14:39
शनि 14:39 – 15:48
बृहस्पति 15:48 – 16:57
मंगल 16:57 – 18:07
सूर्य 18:07 – 19:16

🚩होरा, रात

शुक्र 19:16 – 20:07
बुध 20:07 – 20:57
चन्द्र 20:57 – 21:48
शनि 21:48 – 22:39
बृहस्पति 22:39 – 23:30
मंगल 23:30 – 24:21
सूर्य 24:21* – 25:11
शुक्र 25:11* – 26:02
बुध 26:02* – 26:53
चन्द्र 26:53* – 27:44
शनि 27:44* – 28:35
बृहस्पति 28:35* – 29:25

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मिथुन 04:26 से 06:30 तक
कर्क 06:30 से 08:58 तक
सिंह 08:58 से 12:12 तक
कन्या 12:12 से 14:28 तक
तुला 14:28 से 15:28 तक
वृश्चिक 15:28 से 17:52 तक
धनु 17:52 से 19:56 तक
मकर 19:56 से 21:42 तक
कुम्भ 21:42 से 23:32 तक
मीन 23:32 से 00:46 तक
मेष 00:546 से 02:24 तक
वृषभ 02:24 से 04:22 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

1 + 2 + 1 = 4 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

💮 शिव वास एवं फल -:

1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ
चन्द्र दर्शन