दु:ख और परिश्रम मानव जीवन के लिये अत्यंत आवश्यक हैं,क्योंकि दु:ख के बिना ह्रदय निर्मल नहीं होता,और परिश्रम के बिना मनुष्य का विकास नहीं होता आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 19/03/2023,रविवार* द्वादशी, कृष्ण पक्ष, चैत्र (समाप्ति काल)

तिथि द्वादशी 08:06:39 तक
तिथि त्रयोदशी 28:54:45 (क्षय )
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र धनिष्ठा 22:02:56
योग सिद्ध 20:05:22
करण तैतिल 08:06:39
करण गर 18:30:48
करण वणिज 28:54:45
वार रविवार
माह चैत्र
चन्द्र राशि मकर 11:16:06
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्य राशि मीन
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:26:03
सूर्यास्त 18:28:22
दिन काल 12:02:19
रात्री काल 11:56:33
चंद्रोदय 29:35:07
चंद्रास्त 15:59:43

लग्न—–मीन 3°59′ , 333°59′

सूर्य नक्षत्र उत्तरा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र धनिष्ठा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

गी धनिष्ठा 11:16:06
गु धनिष्ठा 16:39:34
गे धनिष्ठा 22:02:56
गो शतभिष 27:26:20

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मीन 03 : 59 उ o भा o , 1 दू
चन्द्र मकर 27°:23, धनिष्ठा, 2 गी
बुध मीन 05°: 34′ उ oभाo’ 1 दू
शुक्र मेष 08 °05, अश्विनी ‘ 3 चो
मंगल मिथुन 02°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु मीन 21°30 ‘ रेवती , 2 दो
शनि कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू (व) मेष 12°00 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 12°00 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 16:58 – 18:28 अशुभ
यम घंटा 13:58 – 15:28 अशुभ
गुली काल 15:28 – 16:58 अशुभ
अभिजित 12:03 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 16:52 – 17:40 अशुभ
वर्ज्यम 28:31 – 29:57 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 06:26 – 07:56 अशुभ
चर 07:56 – 09:27 शुभ
लाभ 09:27 – 10:57 शुभ
अमृत 10:57 – 12:27 शुभ
काल 12:27 – 13:58 अशुभ
शुभ 13:58 – 15:28 शुभ
रोग 15:28 – 16:58 अशुभ
उद्वेग 16:58 – 18:28 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 18:28 – 19:58 शुभ
अमृत 19:58 – 21:28 शुभ
चर 21:28 – 22:57 शुभ
रोग 22:57 – 24:27* अशुभ
काल 24:27 – 25:56 अशुभ
लाभ 25:56 – 27:26 शुभ
उद्वेग 27:26 – 28:55 अशुभ
शुभ 28:55 – 30:25 शुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 06:26 – 07:26
शुक्र 07:26 – 08:26
बुध 08:26 – 09:27
चन्द्र 09:27 – 10:27
शनि 10:27 – 11:27
बृहस्पति 11:27 – 12:27
मंगल 12:27 – 13:27
सूर्य 13:27 – 14:28
शुक्र 14:28 – 15:28
बुध 15:28 – 16:28
चन्द्र 16:28 – 17:28
शनि 17:28 – 18:28

🚩होरा, रात

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

बृहस्पति 18:28 – 19:28
मंगल 19:28 – 20:28
सूर्य 20:28 – 21:28
शुक्र 21:28 – 22:27
बुध 22:27 – 23:27
चन्द्र 23:27 – 24:27
शनि 24:27* – 25:26
बृहस्पति 25:26* – 26:26
मंगल 26:26* – 27:26
सूर्य 27:26* – 28:26
शुक्र 28:26* – 29:25
बुध 29:25* – 30:25

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

मीन 05:25 से 06:50 तक
मेष 06:50 से 08:34 तक
वृषभ 08:54 से 10:32 तक
मिथुन 10:32 से 12:42 तक
कर्क 12:42 से 15:02 तक
सिंह 15:02 से 17:10 तक
कन्या 17:10 से 21:40 तक
तुला 21:40 से 23:36 तक
वृश्चिक 23:36 से 00:06 तक
धनु 00:06 से 02:03 तक
मकर 02:03 से 03:30 तक
कुम्भ 03: 30 से 05:22 तक
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पश्चिम

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 12 + 1 + 1 = 29 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 28:55 से प्रारम्भ
मृत्यु लोक =सर्वकार्य विनाशिनी

विशेष जानकारी

प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

त्रयोदशी क्षय

श्रीश्याम भट्टाचार्य, श्रीबालकृष्ण शरण देवाचार्य पाटोत्सव

वारिणी योग

मेला कैलादेवी करौली

पंचक प्रारम्भ 11:16 से