प्रतिदिन अपने आप को खुश रखने के तरीके खोजें,क्योंकि तकलीफें तो आपको खोज ही रही हैं आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 02/02/2023, गुरुवार द्वादशी, शुक्ल पक्ष, माघ (समाप्ति काल)

तिथि द्वादशी 16:25:38 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र आर्द्रा 30:16:58
योग वैधृति 12:10:36
करण बालव 16:25:37
करण कौलव 29:40:57
वार गुरूवार
माह माघ
चन्द्र राशि वृषभ 13:58:13
चन्द्र राशि मिथुन
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
गुजराती संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:06:44
सूर्यास्त 17:59:18
दिन काल 10:52:33
रात्री काल 13:06:53
चंद्रोदय 14:56:23
चंद्रास्त 29:32:00

लग्न—- मकर 18°45′ , 288°45′

सूर्य नक्षत्र श्रवण
चन्द्र नक्षत्र आर्द्रा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

कु आर्द्रा 10:05:08
आर्द्रा 16:48:42
आर्द्रा 23:32:41
आर्द्रा 30:16:58

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 18 : 29 श्रवण , 3 खे
चन्द्र मिथुन 08°:23, आर्द्रा , 1 कु
बुध धनु 23°: 34′ पूo षा o ‘ 3 फा
शुक्र कुम्भ 13°05, शतभिषा ‘ 2 सा
मंगल वृषभ 16°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि कुम्भ 01°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व) मेष 14°30 भरणी , 1 ली
केतु (व)तुला 14°30 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 15:16 16.38 अशुभ
यम घंटा 07:07 – 08:28 अशुभ
गुली काल 09:50 – 11: 11अशुभ
अभिजित 12:11 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 10:44 – 11:28 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:05 – 15:49 अशुभ
वर्ज्यम 12:47 – 14:34 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 13:55 – 15:16 शुभ
काल 15:16 – 16:38 अशुभ
शुभ 07:07 – 08:28 शुभ
रोग 08:28 – 09:50 अशुभ
उद्वेग 09:50 – 11:11 अशुभ
चर 11:11 – 12:33 शुभ
लाभ 12:33 – 13:55 शुभ
शुभ 16:38 – 17:59 शुभ

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 17:59 – 19:37 अशुभ
शुभ 27:49 – 29:28 शुभ
अमृत 17:59 – 19:38 शुभ
चर 19:38 – 21:16 शुभ
रोग 21:16 – 22:54 अशुभ
काल 22:54 – 24:33* अशुभ
लाभ 24:33 – 26:11 शुभ
उद्वेग 26:11 – 27:49 अशुभ
अमृत 29:28 – 31:06 शुभ

🚩होरा, दिन

बुध 10:44 – 11:39
चन्द्र 11:39 – 12:33
शनि 12:33 – 13:27
बृहस्पति 07:07 – 08:01
मंगल 08:01 – 08:56
सूर्य 08:56 – 09:50
शुक्र 09:50 – 10:44
बुध 17:05 – 17:59
चन्द्र 14:21 – 15:16
शनि 15:16 – 16:10
बृहस्पति 13:27 – 14:22
मंगल 14:22 – 15:16
सूर्य 15:16 – 16:11
शुक्र 16:11 – 17:05

🚩होरा, रात

सूर्य 22:22 – 23:27
शुक्र 23:27 – 24:33
बुध 24:33* – 25:38
चन्द्र 17:59 – 19:05
शनि 19:05 – 20:10
बृहस्पति 20:10 – 21:16
मंगल 21:16 – 22:22
सूर्य 30:01* – 31:06
शुक्र 26:44* – 27:50
बुध 27:50* – 28:55
चन्द्र 25:38* – 26:44
शनि 26:44* – 27:49
बृहस्पति 27:49* – 28:55
मंगल 28:55* – 30:01

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 04:58 से 06: 40 तक
कुम्भ 06: 40 से 08:28 तक
मीन 08: 28 से 09:50 तक
मेष 09:50 से 11:26 तक
वृषभ 11:26 से 15:50 तक
कर्क 15:50 से 18:54 तक
सिंह 18:54 से 20:06 तक
कन्या 20:06 से 10:14 तक
तुला 10:14 से 01:36 तक
वृश्चिक 01:36 से 02:48 तक
धनु 02:48 से 04: 50 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———— दक्षिण

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

12 + 12 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

सर्वार्थ सिद्धि योग 30:17 से

दस्तकार दिवस

कैंसर सुरक्षा दिवस

बृज महोत्सव प्रारम्भ (भरतपुर)