जीवन में आपको वह नहीं मिलता जो आप चाहते है, बल्कि आप जिसके योग्य है वही मिलेगा यही इस संसार का विधान है
आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:-22/02/2023, बुधवारतृतीया, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि तृतीया 27:23:58 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र शतभिषा 08:59:20
नक्षत्र उत्तराभाद्रपद 28:48:53
योग साध्य 23:44:57
योग सिद्ध 27:06:37
करण तैतिल 16:35:47
करण गर 27:23:58
करण कौलव 29:57:13
वार बुधवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि मीन
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:52:01
सूर्यास्त 18:13:45
दिन काल 11:21:43
रात्री काल 12:37:21
चंद्रास्त 20:36:06
चंद्रोदय 08:18:50

लग्न—- कुम्भ 8°58′ , 308°58′

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र उत्तरा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

दू उत्तरभाद्रपदा 12:06:30
उत्तरभाद्रपदा 17:38:10
उत्तरभाद्रपदा 23:12:15
उत्तरभाद्रपदा 28:48:53

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 08 : 29 शतभिषा , 1 गो
चन्द्र मीन 03°:23, उ o भा o , 1 दू
बुध मकर 21 °: 34′ श्रवण’ 4 खो
शुक्र मीन 07 °05, उ o भा o ‘ 2 थ
मंगल वृषभ 22°30 ‘ रोहिणी’ 4 वू
गुरु मीन 16°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि कुम्भ 04°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व) मेष 13°20 भरणी , 1 ली
केतु (व) तुला 13°20 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 12:33 – 13:58 अशुभ
यम घंटा 08:17 – 09:42 अशुभ
गुली काल 11:08 – 12:33 अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:10 – 12:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:02* अशुभ
वर्ज्यम 15:25 – 16:54 अशुभ

🚩💮 गंड मूल 26:01* – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 06:52 – 08:17 शुभ
अमृत 08:17 – 09:42 शुभ
काल 09:42 – 11:08 अशुभ
शुभ 11:08 – 12:33 शुभ
रोग 12:33 – 13:58 अशुभ
उद्वेग 13:58 – 15:23 अशुभ
चर 15:23 – 16:49 शुभ
लाभ 16:49 – 18:14 शुभ

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 18:14 – 19:48 अशुभ
शुभ 19:48 – 21:23 शुभ
अमृत 21:23 – 22:58 शुभ
चर 22:58 – 24:32* शुभ
रोग 24:32 – 26:07 अशुभ
काल 26:07 – 27:42 अशुभ
लाभ 27:42 – 29:16 शुभ
उद्वेग 29:16 – 30:51 अशुभ

🚩होरा, दिन

बुध 06:52 – 07:49
चन्द्र 07:49 – 08:46
शनि 08:46 – 09:42
बृहस्पति 09:42 – 10:39
मंगल 10:39 – 11:36
सूर्य 11:36 – 12:33
शुक्र 12:33 – 13:30
बुध 13:30 – 14:27
चन्द्र 14:27 – 15:23
शनि 15:23 – 16:20
बृहस्पति 16:20 – 17:17
मंगल 17:17 – 18:14

🚩होरा, रात

सूर्य 18:14 – 19:17
शुक्र 19:17 – 20:20
बुध 20:20 – 21:23
चन्द्र 21:23 – 22:26
शनि 21:23 – 22:26
बृहस्पति 23:29 – 24:32
मंगल 24:32* – 25:36
सूर्य 25:36* – 26:39
शुक्र 26:39* – 27:42
बुध 27:42* – 28:45
चन्द्र 28:45* – 29:48
शनि 29:48* – 30:51

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 03:40 से 05: 22 तक
कुम्भ 05: 22 से 07:26 तक
मीन 07:26 से 08:34 तक
मेष 08:34 से 10:08 तक
वृषभ 10:08 से 12:10 तक
मिथुन 12:10 से 14:38 तक
कर्क 14:38 से 17:42 तक
सिंह 17:42 से 18:54 तक
कन्या 18:54 से 22:02 तक
तुला 22:02 से 00:30 तक
वृश्चिक 00:30 से 01:36 तक
धनु 01:36 से 03: 38 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

3 + 4 + 1 = 8 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

विश्व स्काउट दिवस
कस्तूरबा गांधी पुण्य तिथि
पंडित लेखराम वीर पुण्यतिथि