मुश्किलों में ,मुस्कुराना सीखिए ,फूल बंजर में उगाना सीखिए !आँधियाँ , जब दे रही हों दस्तकें ,तब दिये की लौ , बचाना सीखिये
आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:-22/01/2023, रविवार* प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष, माघ समाप्ति काल

तिथि प्रतिपदा 22:26:58 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र श्रवण 27:20:02
योग वज्र 10:04:35
योग सिद्वि 29:39:08
करण किन्स्तुघ्न 12:23:57
करण बव 22:26:58
वार रविवार
माह माघ
चन्द्र राशि मकर
चन्द्र राशि मकर
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:11:10
सूर्यास्त 17:50:29
दिन काल 10:39:18
रात्री काल 13:20:24
चंद्रास्त 18:27:05
चंद्रोदय 31:30:22

लग्न—- मकर 7°34′ , 277°34′

सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र श्रवण
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

खी श्रवण 11:40:52
खू श्रवण 16:53:21
खे श्रवण 22:06:21
खो श्रवण 27:20:02

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 07 : 29 उ oषाo , 4 जी
चन्द्र मकर 10°:23, श्रवण , 1 खी
बुध धनु 14°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू
शुक्र मकर 29°05, धनिष्ठा ‘ 2 गी
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि मकर 00°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व)मेष 14°50 भरणी , 1 ली
केतु (व)तुला 14°50 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 16:31 – 17:50 अशुभ
यम घंटा 12:31 – 13:51 अशुभ
गुली काल 15:11 – 16: 31अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 16:25 – 17:08 अशुभ
वर्ज्यम 09:57 – 11:20 अशुभ

🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 07:11 – 08:31 अशुभ
लाभ 09:51 – 11:11 शुभ
अमृत 11:11 – 12:31 शुभ
काल 12:31 – 13:51 अशुभ
शुभ 13:51 – 15:11 शुभ
रोग 15:11 – 16:31 अशुभ
उद्वेग 16:31 – 17:50 अशुभ
चर 08:31 – 09:51 शुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 17:50 – 19:31 शुभ
अमृत 19:31 – 21:11 शुभ
चर 21:11 – 22:51 शुभ
रोग 22:51 – 24:31* अशुभ
काल 24:31 – 26:11 अशुभ
लाभ 26:11 – 27:51 शुभ
उद्वेग 27:51 – 29:31 अशुभ
शुभ 29:31 – 31:11 शुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 07:11 – 08:04
शुक्र 08:04 – 08:58
बुध 08:58 – 09:51
चन्द्र 09:51 – 10:44
शनि 10:44 – 11:38
बृहस्पति 11:38 – 12:31
मंगल 12:31 – 13:24
सूर्य 13:24 – 14:17
शुक्र 14:17 – 15:11
बुध 15:11 – 16:04
चन्द्र 16:04 – 16:57
शनि 16:57 – 17:50

🚩होरा, रात

बुध 30:04* – 31:11
बृहस्पति 17:50 – 18:57
मंगल 18:57 – 20:04
सूर्य 20:04 – 21:11
शुक्र 21:11 – 22:17
बुध 22:17 – 23:24
चन्द्र 23:24 – 24:31
शनि 24:31* – 25:37
बृहस्पति 25:37* – 26:44
मंगल 26:44* – 27:51
सूर्य 27:51* – 28:57
शुक्र 28:57* – 30:04

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

धनु 03:24 से 05:34 तक
मकर 05:42 से 07:30 तक
कुम्भ 07:30 से 09:10 तक
मीन 09: 10 से 10:30 तक
मेष 10:30 से 12:12 तक
वृषभ 12:12 से 16:30 तक
कर्क 16:30 से 18:42 तक
सिंह 18:42 से 20:56 तक
कन्या 20:56 से 11:06 तक
तुला 11:06 से 02:14 तक
वृश्चिक 02:14 से 03:24 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चोरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

1 + 1 + 1 = 3 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

माघ गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ

मोहन का भी ,टोपी दुशाला के दर्शन श्री राधावल्लभ जी

गौतम जयंती