जो ‘आज’ का लाभ नहीं ले सकता, निश्चित ही वह असफल व्यक्त‍ि है, ऐसे व्यक्तियों का साथ आपके सौभाग्य को खिलने नहीं देगा महकने नहीं देगा। आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:-23/01/2023, सोमवार, द्वितीया, शुक्ल पक्ष, माघ

तिथि द्वितीया 18:42:55 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र धनिष्ठा 24:25:32
योग व्यतिपात 25:26:28
करण बालव 08:32:48
करण कौलव 18:42:55
करण तैतुल 28:58:44
वार सोमवार
माह माघ
चन्द्र राशि मकर 13:50:16
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:10:53
सूर्यास्त 17:51:17
दिन काल 10:40:24
रात्री काल 13:19:17
चंद्रास्त 19:39:30
चंद्रोदय 08:31:44

लग्न—- मकर 8°35′ , 278°35′

सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र धनिष्ठा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

गा धनिष्ठा 08:34:36
गी धनिष्ठा 13:50:16
गु धनिष्ठा 19:07:10
गे धनिष्ठा 24:25:32
गो शतभिषा 29:45:30

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 08 : 29 उ oषाo , 4 जी
चन्द्र मकर 25°:23, धनिष्ठा , 1 गा
बुध धनु 15°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू
शुक्र मकर 29°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि मकर 00°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व)मेष 14°50 भरणी , 1 ली
केतु (व)तुला 14°50 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 08:31 – 09:51 अशुभ
यम घंटा 11:11 – 12:31 अशुभ
गुली काल 13:51 – 15: 11अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 12:52 – 13:35 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:01 – 15:43 अशुभ
वर्ज्यम 30:50 – 32:15 अशुभ

🚩पंचक 13:50 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 15:11 – 16:31 शुभ
अमृत 07:11 – 08:31 शुभ
काल 08:31 – 09:51अशुभ
शुभ 09:51 – 11:11 शुभ
रोग 11:11 – 12:31 अशुभ
उद्वेग 12:31 – 13:51 अशुभ
चर 13:51 – 15:11 शुभ
अमृत 16:31 – 17:51 शुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 17:50 – 19:31 शुभ
अमृत 27:51 – 29:31 शुभ
चर 17:51 – 19:31 शुभ
रोग 19:31 – 21:11 अशुभ
काल 21:11 – 22:51 अशुभ
लाभ 22:51 – 24:31* शुभ
उद्वेग 24:31 – 26:11 अशुभ
शुभ 26:11 – 27:51 शुभ
चर 29:31 – 31:11 शुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 07:11 – 08:04
शुक्र 08:04 – 08:58
बुध 08:58 – 09:51
चन्द्र 09:51 – 10:44
शनि 10:44 – 11:38
बृहस्पति 08:58 – 09:51
मंगल 09:51 – 10:44
सूर्य 10:44 – 11:38
शुक्र 11:38 – 12:31
बुध 12:31 – 13:24
चन्द्र 13:24 – 14:18
शनि 14:18 – 15:11
बृहस्पति 15:11 – 16:05
मंगल 16:05 – 16:58
सूर्य 16:58 – 17:51

🚩होरा, रात

बुध 18:58 – 20:05
बृहस्पति 22:18 – 23:24
मंगल 23:24 – 24:31
सूर्य 24:31* – 25:38
शुक्र 17:51 – 18:58
बुध 26:44* – 27:51
चन्द्र 20:05 – 21:11
शनि 21:11 – 22:18
बृहस्पति 30:04* – 31:11
मंगल 26:44* – 27:51
सूर्य 27:51* – 28:57
शुक्र 25:38* – 26:44
चन्द्र 27:51* – 28:57
शनि 28:57* – 30:04

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

धनु 03:20 से 05:30 तक
मकर 05:38 से 07:26 तक
कुम्भ 07:26 से 09:06 तक
मीन 09: 06 से 10:26 तक
मेष 10:26 से 12:08 तक
वृषभ 12:08 से 16:26 तक
कर्क 16:26 से 18:38 तक
सिंह 18:38 से 20:52 तक
कन्या 20:52 से 11:02 तक
तुला 11:02 से 02:10 तक
वृश्चिक 02:10 से 03:20 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

2 + 2 + 1 = 5 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

2 + 2+ 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

पंचक प्रारंभ 13:50 से
नेताजी सुभाषचन्द्र जयंती