यदि आप बहुत अधिक लोगो पर निर्भर रहते हैं तो आपके निराश होने के अवसर भी अधिक हो जाते हैं ,परिश्रमी बने आत्मनिर्भर बनें| आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:- 24/02/2023, शुक्रवार पंचमी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि पंचमी 24:30:50 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र अश्विनी 27:25:29
योग शुक्ल 18:46:15
करण बव 12:55:40
करण बालव 24:30:50
वार शुक्रवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि मेष
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:50:10
सूर्यास्त 18:15:03
दिन काल 11:24:52
रात्री काल 12:34:10
चंद्रोदय 09:26:12
चंद्रास्त 22:40:16

लग्न—- कुम्भ 10°59′ , 310°59′

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र अश्विनी
नक्षत्र पाया स्वर्ण

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

चु अश्विनी 09:34:04
चे अश्विनी 15:28:05
चो अश्विनी 21:25:13
ला अश्विनी 27:25:29

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 10 : 29 शतभिषा , 2 सा
चन्द्र मेष 01°:23, अश्विनी , 1 चू
बुध मकर 24 °: 34′ धनिष्ठा’ 1 गा
शुक्र मीन 10 °05, उ o भा o ‘ 3 झ
मंगल वृषभ 23°30 ‘ रोहिणी’ 4 वू
गुरु मीन 16°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि कुम्भ 04°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व) मेष 13°10 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 13°10 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 11:07 – 12:33 अशुभ
यम घंटा 15:24 – 16:49 अशुभ
गुली काल 08:16 – 09:41 अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:07 – 09:53 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:55 – 13:41 अशुभ
वर्ज्यम 23:25 – 25:01* अशुभ

🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक 06:50 – 27:25* अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 13:58 – 15:24 अशुभ
उद्वेग 15:24 – 16:49 अशुभ
चर 06:50 – 08:16 शुभ
लाभ 08:16 – 09:41 शुभ
अमृत 09:41 – 11:07 शुभ
काल 11:07 – 12:33 अशुभ
शुभ 12:33 – 13:58 शुभ
चर 16:49 – 18:15 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 27:41 – 29:15 शुभ
रोग 18:15 – 19:49 अशुभ
काल 19:49 – 21:24 अशुभ
लाभ 21:24 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:32* अशुभ
शुभ 24:32 – 26:06 शुभ
अमृत 26:06 – 27:41 शुभ
रोग 29:15 – 30:49 अशुभ

🚩होरा, दिन

बृहस्पति 10:38 – 11:36
शुक्र 06:50 – 07:47
बुध 07:47 – 08:44
चन्द्र 08:44 – 09:41
शनि 09:41 – 10:38
बृहस्पति 17:18 – 18:15
मंगल 11:36 – 12:33
सूर्य 12:33 – 13:30
शुक्र 13:30 – 14:27
बुध 14:27 – 15:24
चन्द्र 15:24 – 16:21
शनि 16:21 – 17:18

🚩होरा, रात

मंगल 18:15 – 19:18
सूर्य 19:18 – 20:21
शुक्र 20:21 – 21:24
बुध 21:24 – 22:26
चन्द्र 22:26 – 23:29
शनि 23:29 – 24:32
बृहस्पति 24:32* – 25:35
मंगल 25:35* – 26:38
सूर्य 26:38* – 27:41
शुक्र 27:41* – 28:44
बुध 28:44* – 29:46
चन्द्र 29:46* – 30:49

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 03:36 से 05: 18 तक
कुम्भ 05: 10 से 07:22 तक
मीन 07:22 से 08:30 तक
मेष 08:30 से 10:04 तक
वृषभ 10:04 से 12:06 तक
मिथुन 12:06 से 14:34 तक
कर्क 14:34 से 17:36 तक
सिंह 17:36 से 18:50 तक
कन्या 18:50 से 21:56 तक
तुला 21:56 से 00:32 तक
वृश्चिक 00:32 से 01:32 तक
धनु 01:32 से 03: 34 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————पश्चिम

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

5 + 6 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

5+ 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 14:22 से रात्रि 25:33 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

विशेष जानकारी

सर्वार्थ सिद्धि योग 27:25 से
याज्ञवल्क्य जयंती