कभी भी सीखना बन्द न करना क्योंकि ज़िंदगी कभी सिखाना बन्द नहीं करती हर परिस्थिति में सीखते चले। आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:-24/01/2023, मंगलवार* तृतीया, शुक्ल पक्ष, माघ समाप्ति काल

तिथि तृतीया 15:21:37 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र शतभिषा 21:56:51
योग वरियान 21:35:28
करण गर 15:21:37
करण वणिज 25:52:50
वार मंगलवार
माह माघ
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:10:35
सूर्यास्त 17:52:06
दिन काल 10:41:31
रात्री काल 13:18:09
चंद्रोदय 09:13:54
चंद्रास्त 20:48:10

लग्न—- मकर 9°36′ , 279°36′

सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र शतभिषा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

सा शतभिषा 11:07:17
सी शतभिषा 16:31:00
सू शतभिषा 21:56:51
से पूर्वा भाद्रपदा 27:24:57

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 09 : 29 उ oषाo , 4 जी
चन्द्र कुम्भ 10°:23, शतभिषा , 2 सा
बुध धनु 15°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू
शुक्र मकर 02°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि मकर 00°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व) मेष 14°50 भरणी , 1 ली
केतु (व) तुला 14°50 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 16:32 – 17:52अशुभ
यम घंटा 09:51 – 11:11 अशुभ
गुली काल 12:31 – 13:52 अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 09:19 – 10:02 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:12 – 23:54 अशुभ
वर्ज्यम 27:47 – 29:15 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 11:11 – 12:31 शुभ
काल 13:52 – 15:12 अशुभ
शुभ 15:12 – 16:32 शुभ
रोग 07:11 – 08:31 अशुभ
उद्वेग 08:31 – 09:51 अशुभ
चर 09:51 – 11:11 शुभ
अमृत 12:31 – 13:52 शुभ
रोग 16:32 – 17:52 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 24:31 – 26:11 शुभ
चर 26:11 – 27:51 शुभ
रोग 27:51 – 29:30 अशुभ
काल 17:52 – 19:32 अशुभ
लाभ 19:32 – 21:12 शुभ
उद्वेग 21:12 – 22:51 अशुभ
शुभ 22:51 – 24:31* शुभ
काल 29:30 – 31:10 अशुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 08:04 – 08:58
शुक्र 08:04 – 08:58
बुध 09:51 – 10:44
चन्द्र 10:44 – 11:38
शनि 11:38 – 12:31
बृहस्पति 12:31 – 13:25
मंगल 13:25 – 14:18
सूर्य 14:18 – 15:12
शुक्र 15:12 – 16:05
बुध 16:05 – 16:59
चन्द्र 16:59 – 17:52
मंगल 07:11 – 08:04

🚩होरा, रात

बुध 23:25 – 24:31
बृहस्पति 18:59 – 20:05
मंगल 20:05 – 21:12
सूर्य 21:12 – 22:18
शुक्र 22:18 – 23:25
चन्द्र 24:31* – 25:38
शनि 17:52 – 18:59
बृहस्पति 26:44* – 27:51
मंगल 27:51* – 28:57
सूर्य 28:57* – 30:04
शुक्र 30:04* – 31:10
शनि 25:38* – 26:44

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

धनु 03:16 से 05:26 तक
मकर 05:30 से 07:22 तक
कुम्भ 07:22 से 09:02 तक
मीन 09: 02 से 10:22 तक
मेष 10:22 से 12:04 तक
वृषभ 12:04 से 16:22 तक
कर्क 16:22 से 18:34 तक
सिंह 18:34 से 20:48 तक
कन्या 20:48 से 22:58 तक
तुला 22:58 से 02:06 तक
वृश्चिक 02:06 से 03:16 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———— उत्तर

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

3 + 3 + 1 = 7 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 25:52 से प्रारम्भ
मृत्यु लोक = सर्वकर्य विनाशीनी

विशेष जानकारी

गौरी तृतीया

तिल चतुर्थी

वरद (कुंद) चतुर्थी

राष्ट्रीय बालिका दिवस

पंचक