कस्तूरी को अपनी मौजूदगी कसम खा कर सिद्ध नहीं करनी पड़ती सुगंधित गुण खुद ही सामने आ जाते है आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक:- 25 02 23, शनिवार* षष्ठी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन समाप्ति काल

तिथि षष्ठी 24:19:42 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र भरणी 27:57:47
योग ब्रह्म 17:16:02
करण कौलव 12:18:51
करण तैतिल 24:19:42
वार शनिवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि मेष
सूर्य राशि कुम्भ
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 06:49:14
सूर्यास्त 18:15:41
दिन काल 11:26:27
रात्री काल 12:32:35
चंद्रोदय 10:00:41
चंद्रास्त 23:40:57

लग्न—- कुम्भ 11°59′ , 311°59′

सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र भरणी
नक्षत्र पाया स्वर्ण

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

ली भरणी 09:28:54
लू भरणी 15:35:26
ले भरणी 21:45:05
लो भरणी 27:57:47

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य कुम्भ 11 : 29 शतभिषा , 2 सा
चन्द्र मेष 15°:23, भरणी , 1 गा
बुध मकर 26 °: 34′ धनिष्ठा’ 1 गा
शुक्र मीन 11 °05, उ o भा o ‘ 3 झ
मंगल वृषभ 23°30 ‘ रोहिणी’ 4 वू
गुरु मीन 16°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि कुम्भ 04°53 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
राहू (व) मेष 13°10 अश्विनी , 4 ला
केतु (व)तुला 13°10 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 09:41 – 11:07 अशुभ
यम घंटा 13:58 – 15:24 अशुभ
गुली काल 06:49 – 08:15 अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 08:21 – 09:07 अशुभ
वर्ज्यम 13:08 – 14:46 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 09:41 – 11:07 अशुभ
उद्वेग 11:07 – 12:32 अशुभ
चर 12:32 – 13:58 शुभ
लाभ 13:58 – 15:24 शुभ
अमृत 15:24 – 16:50 शुभ
काल 06:49 – 08:15 अशुभ
शुभ 08:15 – 09:41 शुभ
चर 16:49 – 18:15 शुभ
काल 16:50 – 18:16 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 24:32 – 26:06 शुभ
रोग 26:06 – 27:40 अशुभ
काल 27:40 – 29:14 अशुभ
लाभ 18:16 – 19:50 शुभ
उद्वेग 19:50 – 21:24 अशुभ
शुभ 21:24 – 22:58 शुभ
अमृत 22:58 – 24:32* शुभ
लाभ 29:14 – 30:48 शुभ

🚩होरा, दिन

शुक्र 10:38 – 11:35
बुध 11:35 – 12:32
चन्द्र 12:32 – 13:30
शनि 06:49 – 07:46
बृहस्पति 07:46 – 08:44
मंगल 08:44 – 09:41
सूर्य 09:41 – 10:38
शुक्र 17:18 – 18:16
बुध 14:27 – 15:24
चन्द्र 15:24 – 16:21
शनि 13:30 – 14:27
मंगल 15:24 – 16:21
बृहस्पति 14:27 – 15:24
सूर्य 16:21 – 17:18

🚩होरा, रात

बुध 18:16 – 19:18
चन्द्र 19:18 – 20:21
शनि 20:21 – 21:24
बृहस्पति 21:24 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:29
सूर्य 23:29 – 24:32
शुक्र 24:32* – 25:35
बुध 25:35* – 26:37
चन्द्र 26:37* – 27:40
शनि 27:40* – 28:43
बृहस्पति 28:43* – 29:46
मंगल 29:46* – 30:48

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मकर 03:30 से 05: 14 तक
कुम्भ 05: 04 से 07:18 तक
मीन 07:18 से 08:26 तक
मेष 08:26 से 10:00 तक
वृषभ 10:00 से 12:02 तक
मिथुन 12:02 से 14:30 तक
कर्क 14:30 से 17:32 तक
सिंह 17:32 से 18:46 तक
कन्या 18:46 से 21:52 तक
तुला 21:52 से 00:28 तक
वृश्चिक 00:28 से 01:28 तक
धनु 01:28 से 03: 30 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो कालीमिर्च अथवा लौंग खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

6 + 7 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

6 + 6 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 14:22 से रात्रि 25:33 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

विशेष जानकारी

आचार्य सुन्दरशाह पुण्य तिथि
गोरूपिणी षष्ठी (बंगाल)