जीवन में प्रसिद्ध होने का सब से बड़ा दंड यह है कि व्यक्ति को निरंतर उन्नतिशील रहना पड़ता है,अपना 100% सदैव देते रहे
आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 25/01/2023, बुधवार चतुर्थी, शुक्ल पक्ष, माघ समाप्ति काल, विनायक चतुर्थी आज

तिथि चतुर्थी 12:33:34 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र पूoभाo 20:04:13
योग परिघ 18:13:52
करण विष्टि भद्र 12:33:34
करण बव 23:24:51
वार बुधवार
माह माघ
चन्द्र राशि कुम्भ 14:28:31
चन्द्र राशि मीन
सूर्य राशि मकर
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:10:15
सूर्यास्त 17:52:55
दिन काल 10:42:39
रात्री काल 13:16:59
चंद्रोदय 09:50:53
चंद्रास्त 21:52:52

लग्न—- मकर 10°37′ , 280°37′

सूर्य नक्षत्र श्रवण
चन्द्र नक्षत्र पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

सो पूर्वा भाद्रपदा 08:55:28
दा पूर्वा भाद्रपदा 14:28:31
दी पूर्वा भाद्रपदा 20:04:13
दू उत्तरा भाद्रपदा 25:42:42

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य मकर 10 : 29 श्रवण , 1 खी
चन्द्र कुम्भ 25°:23, पू oभा o , 2 सो
बुध धनु 16°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू
शुक्र मकर 03°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि मकर 00°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू (व) मेष 14°50 भरणी , 1 ली
केतु (व) तुला 14°50 स्वाति , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 12:32 – 13:52 अशुभ
यम घंटा 08:31 – 09:51 अशुभ
गुली काल 11:11 – 12:32 अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:53 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:10 – 12:53 अशुभ
वर्ज्यम 29:07 – 30:38 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 16:33 – 17:53 शुभ
काल 09:51 – 11:11 अशुभ
शुभ 11:11 – 12:32 शुभ
रोग 12:32 – 13:52 अशुभ
उद्वेग 13:52 – 15:12 अशुभ
चर 15:12 – 16:33 शुभ
अमृत 08:31 – 09:51 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 21:12 – 22:52 शुभ
चर 22:52 – 24:31* शुभ
रोग 24:31 – 26:11 अशुभ
काल 26:11 – 27:51 अशुभ
लाभ 27:51 – 29:30 शुभ
उद्वेग 29:30 – 31:10 अशुभ
शुभ 19:33 – 21:12 शुभ
काल 29:30 – 31:10 अशुभ

🚩होरा, दिन

बुध 07:10 – 08:04
चन्द्र 08:04 – 08:57
शनि 08:57 – 09:51
बृहस्पति 09:51 – 10:44
मंगल 10:44 – 11:38
सूर्य 11:38 – 12:32
शुक्र 12:32 – 13:25
बुध 13:25 – 14:19
चन्द्र 14:19 – 15:12
मंगल 16:59 – 17:53
शनि 15:12 – 16:06
बृहस्पति 16:06 – 16:59

🚩होरा, रात

बुध 20:06 – 21:12
बृहस्पति 18:59 – 20:05
मंगल 20:05 – 21:12
सूर्य 17:53 – 18:59
शुक्र 18:59 – 20:06
चन्द्र 21:12 – 22:19
शनि 22:19 – 23:25
बृहस्पति 23:25 – 24:31
मंगल 24:31* – 25:38
सूर्य 25:38* – 26:44
शुक्र 26:44* – 27:51
शनि 30:03* – 31:10
बुध 27:51* – 28:57
चन्द्र 28:57* – 30:03

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

धनु 03:18 से 05:28 तक
मकर 05:30 से 07:18 तक
कुम्भ 07:18 से 08:58 तक
मीन 08: 58 से 10:18 तक
मेष 10:18 से 12:00 तक
वृषभ 12:00 से 16:18 तक
कर्क 16:18 से 18:30 तक
सिंह 18:30 से 20:40 तक
कन्या 20:40 से 10:50 तक
तुला 10:50 से 02:02 तक
वृश्चिक 02:02 से 03:12 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———— उत्तर

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

4 + 4 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 12:33 तक समाप्त
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

विशेष जानकारी

विनायक चतुर्थी

भारतीय पर्यटन दिवस

भारतीय मतदान दिवस