परिवर्तन कठिन है लेकिन परिवर्तन जरूरी है, जो व्यक्ति स्वयं में परिवर्तन लाता है वही सफलता प्राप्त करता है
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 26/03/2023 रविवार*
पंचमी, शुक्ल पक्ष,
चैत्र समाप्ति काल
तिथि—- पंचमी 16:32:21 तक
पक्ष——— शुक्ल
नक्षत्र——— कृत्तिका 13:59:58
योग———- प्रीति 23:30:48
करण———– बालव 16:32:22
करण———– कौलव 28:54:27
वार———————- रविवार
माह—————— चैत्र
चन्द्र राशि————– वृषभ
सूर्य राशि————- मीन
रितु—————— वसंत
आयन———— उत्तरायण
संवत्सर———- पिंगल
विक्रम संवत——— 2080
शक संवत———- 1945
सूर्योदय———– 06:18:11
सूर्यास्त—————- 18:33:05
दिन काल————- 12:17:08
रात्री काल————- 11:45:00
चंद्रोदय—————- 09:10:55
चंद्रास्त—————- 23:27:16
लग्न—- मीन 10°56′ , 340°56′
सूर्य नक्षत्र—————– उo भाo
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————- लोहा
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
उ—- कृत्तिका 07:45:12
ए—- कृत्तिका 13:59:58
ओ—- रोहिणी 20:17:31
वा—- रोहिणी 26:37:47
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 10 : 59 उ o भा o , 3 झ
चन्द्र=वृषभ 05°:23, कृतिका, 3 उ
बुध =मीन 19°: 34′ रेवती’ 1 दे
शुक्र=मेष 16 °05, भरणी ‘ 2 लू
मंगल=मिथुन 06°30 ‘ मृगशिरा’ 4 की
गुरु=मीन 23°30 ‘ रेवती , 3 च
शनि=कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू=(व) मेष 11°40 अश्विनी , 4 ला
केतु=(व) तुला 11°40 स्वाति , 2 रे
🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩
राहू काल 17:00 – 18:32 अशुभ
यम घंटा 12:25 – 13:57 अशुभ
गुली काल 15:29 – 17:00 अशुभ
अभिजित 12:01 – 12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 16:54 – 17:43 अशुभ
वर्ज्यम 30:53 – 32:35 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 06:16 – 07:48 अशुभ
उद्वेग 07:48 – 09:20 अशुभ
चर 09:20 – 10:52 शुभ
लाभ 10:52 – 12:25 शुभ
अमृत 12:25 – 13:57 शुभ
काल 13:57 – 15:29 अशुभ
शुभ 15:29 – 17:01 शुभ
रोग 17:01 – 18:33 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 18:33 – 20:01 अशुभ
लाभ 20:01 – 21:29 शुभ
उद्वेग 21:29 – 22:56 अशुभ
शुभ 22:56 – 24:24* शुभ
अमृत 24:24 – 25:52 शुभ
चर 25:52 – 27:19 शुभ
रोग 27:19 – 28:47 अशुभ
काल 28:47 – 30:15 अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 06:16 – 07:17
सूर्य 07:17 – 08:19
शुक्र 08:19 – 09:20
बुध 09:20 – 10:22
चन्द्र 10:22 – 11:23
शनि 11:23 – 12:25
बृहस्पति 12:25 – 13:26
मंगल 13:26 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:29
शुक्र 15:29 – 16:30
बुध 16:30 – 17:32
चन्द्र 17:32 – 18:33
🚩होरा, रात
शनि 18:33 – 19:32
बृहस्पति 19:32 – 20:30
मंगल 20:30 – 21:29
सूर्य 21:29 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:25
बुध 23:25 – 24:24
चन्द्र 24:24* – 25:22
शनि 25:22* – 26:21
बृहस्पति 26:21* – 27:19
मंगल 27:19* – 28:18
सूर्य 28:18* – 29:16
शुक्र 29:16* – 30:15
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मीन > 04:44 से 06:14 तक
मेष > 06:14 से 08:00 तक
वृषभ > 08:00 से 09:52 तक
मिथुन > 09:52 से 12:10 तक
कर्क > 12:10 से 14:22 तक
सिंह > 14:22 से 16:34 तक
कन्या > 16:34 से 18:44 तक
तुला > 18:44 से 21:00 तक
वृश्चिक > 21:00 से 00:20 तक
धनु > 23:20 से 01:26 तक
मकर > 01:26 से 03:00 तक
कुम्भ > 03:00 से 04:40 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
7 + 3 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
सभायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 19:02 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
नवरात्रि सप्तम दिवस कालरात्रि पूजन
दुर्गा पूजन (बंगाल)जीवन बहुत सरल हो जाता है, जब परखने वाले नहीं,समझने वाले मिल जाते हैं
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 28/03/2023, मंगलवार*
सप्तमी, शुक्ल पक्ष,
चैत्र समाप्ति काल
तिथि—- सप्तमी 19:01:51 तक
पक्ष——— शुक्ल
नक्षत्र——— मृगशिरा 17:31:05
योग———- सौभाग्य 23:33:28
करण———– वणिज 19:01:51
वार———————- मंगलवार
माह—————— चैत्र
चन्द्र राशि————–मिथुन
सूर्य राशि————- मीन
रितु—————— वसंत
आयन———— उत्तरायण
संवत्सर———- पिंगल
विक्रम संवत——— 2080
शक संवत———- 1945
सूर्योदय———– 06:15:56
सूर्यास्त—————- 18:33:05
दिन काल————- 12:17:08
रात्री काल————- 11:41:43
चंद्रोदय—————- 10:42:36
चंद्रास्त—————- 25:21:11
लग्न—- मीन 12°54′ , 342°54′
सूर्य नक्षत्र—————– उo भाo
चन्द्र नक्षत्र—————- मृगशिरा
नक्षत्र पाया——————- लोहा
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
का—- मृगशिरा 10:56:40
की—- मृगशिरा 17:31:05
कु—- आर्द्रा 24:07:22
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 12 : 59 उ o भा o , 3 झ
चन्द्र=मिथुन 00°:23, मृगशिरा, 3 का
बुध =मीन 23°: 34′ रेवती’ 3 च
शुक्र=मेष 19 °05, भरणी ‘ 2 लू
मंगल=मिथुन 07°30 ‘ आर्द्रा ‘ 1 कु
गुरु=मीन 23°30 ‘ रेवती , 3 च
शनि=कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू=(व) मेष 11°30 अश्विनी , 4 ला
केतु=(व) तुला 11°30 स्वाति , 2 रे
🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩
राहू काल 15:29 – 17:01 अशुभ
यम घंटा 09:20 – 10:52 अशुभ
गुली काल 12:25 – 13:57 अशुभ
अभिजित 11:59 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 08:43 – 09:33 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:14 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 26:46 – 28:33 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 06:16 – 07:48 अशुभ
उद्वेग 07:48 – 09:20 अशुभ
चर 09:20 – 10:52 शुभ
लाभ 10:52 – 12:25 शुभ
अमृत 12:25 – 13:57 शुभ
काल 13:57 – 15:29 अशुभ
शुभ 15:29 – 17:01 शुभ
रोग 17:01 – 18:33 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 18:33 – 20:01 अशुभ
लाभ 20:01 – 21:29 शुभ
उद्वेग 21:29 – 22:56 अशुभ
शुभ 22:56 – 24:24* शुभ
अमृत 24:24 – 25:52 शुभ
चर 25:52 – 27:19 शुभ
रोग 27:19 – 28:47 अशुभ
काल 28:47 – 30:15 अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 06:16 – 07:17
सूर्य 07:17 – 08:19
शुक्र 08:19 – 09:20
बुध 09:20 – 10:22
चन्द्र 10:22 – 11:23
शनि 11:23 – 12:25
बृहस्पति 12:25 – 13:26
मंगल 13:26 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:29
शुक्र 15:29 – 16:30
बुध 16:30 – 17:32
चन्द्र 17:32 – 18:33
🚩होरा, रात
शनि 18:33 – 19:32
बृहस्पति 19:32 – 20:30
मंगल 20:30 – 21:29
सूर्य 21:29 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:25
बुध 23:25 – 24:24
चन्द्र 24:24* – 25:22
शनि 25:22* – 26:21
बृहस्पति 26:21* – 27:19
मंगल 27:19* – 28:18
सूर्य 28:18* – 29:16
शुक्र 29:16* – 30:15
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मीन > 04:44 से 06:14 तक
मेष > 06:14 से 08:00 तक
वृषभ > 08:00 से 09:52 तक
मिथुन > 09:52 से 12:10 तक
कर्क > 12:10 से 14:22 तक
सिंह > 14:22 से 16:34 तक
कन्या > 16:34 से 18:44 तक
तुला > 18:44 से 21:00 तक
वृश्चिक > 21:00 से 00:20 तक
धनु > 23:20 से 01:26 तक
मकर > 01:26 से 03:00 तक
कुम्भ > 03:00 से 04:40 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
7 + 3 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
सभायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 19:02 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
नवरात्रि सप्तम दिवस कालरात्रि पूजन
दुर्गा पूजन (बंगाल)