जीवन बहुत सरल हो जाता है, जब परखने वाले नहीं,समझने वाले मिल जाते हैं आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 28/03/2023, मंगलवार* सप्तमी, शुक्ल पक्ष, चैत्र समाप्ति काल

तिथि सप्तमी 19:01:51 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र मृगशिरा 17:31:05
योग सौभाग्य 23:33:28
करण वणिज 19:01:51
करण कौलव 28:54:27
वार मंगलवार
माह चैत्र
चन्द्र राशि मिथुन
चन्द्र राशि मेष 19:24:08
सूर्य राशि मीन
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 06:15:56
सूर्यास्त 18:33:05
दिन काल 12:17:08
रात्री काल 11:41:43
चंद्रोदय 10:42:36
चंद्रास्त 25:21:11

लग्न—–मीन 12°54′ , 342°54′

सूर्य नक्षत्र उo भाo
चन्द्र नक्षत्र मृगशिरा
नक्षत्र पाया लोहा

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

का मृगशिरा 0:56:40
की मृगशिरा 17:31:05
कु आर्द्रा 24:07:22

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मीन 12 : 59 उ o भा o , 3 झ
चन्द्र मिथुन 00°:23, मृगशिरा, 3 का
बुध मीन 23°: 34′ रेवती’ 3 च
शुक्र मेष 19 °05, भरणी ‘ 2 लू
मंगल मिथुन 07°30 ‘ आर्द्रा ‘ 1 कु
गुरु मीन 23°30 ‘ रेवती , 3 च
शनि कुम्भ 7°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू (व) मेष 11°30 अश्विनी , 4 ला
केतु (व) तुला 11°30 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 15:29 – 17:01 अशुभ
यम घंटा 09:20 – 10:52 अशुभ
गुली काल 12:25 – 13:57 अशुभ
अभिजित 11:59 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 08:43 – 09:33 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:14 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 26:46 – 28:33 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 06:16 – 07:48 अशुभ
उद्वेग 07:48 – 09:20 अशुभ
चर 09:20 – 10:52 शुभ
लाभ 10:52 – 12:25 शुभ
अमृत 12:25 – 13:57 शुभ
काल 13:57 – 15:29 अशुभ
शुभ 15:29 – 17:01 शुभ
रोग 17:01 – 18:33 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

काल 18:33 – 20:01 अशुभ
लाभ 20:01 – 21:29 शुभ
उद्वेग 21:29 – 22:56 अशुभ
शुभ 22:56 – 24:24* शुभ
अमृत 24:24 – 25:52 शुभ
चर 25:52 – 27:19 शुभ
रोग 27:19 – 28:47 अशुभ
काल 28:47 – 30:15 अशुभ

🚩होरा, दिन

मंगल 06:16 – 07:17
सूर्य 07:17 – 08:19
शुक्र 08:19 – 09:20
बुध 09:20 – 10:22
चन्द्र 10:22 – 11:23
शनि 11:23 – 12:25
बृहस्पति 12:25 – 13:26
मंगल 13:26 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:29
शुक्र 15:29 – 16:30
बुध 16:30 – 17:32
चन्द्र 17:32 – 18:33

🚩होरा, रात

शनि 18:33 – 19:32
बृहस्पति 19:32 – 20:30
मंगल 20:30 – 21:29
सूर्य 21:29 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:25
बुध 23:25 – 24:24
चन्द्र 24:24* – 25:22
शनि 25:22* – 26:21
बृहस्पति 26:21* – 27:19
मंगल 27:19* – 28:18
सूर्य 28:18* – 29:16
शुक्र 29:16* – 30:15

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मीन 04:44 से 06:14 तक
मेष 06:14 से 08:00 तक
वृषभ 08:00 से 09:52 तक
मिथुन 09:52 से 12:10 तक
कर्क 12:10 से 14:22 तक
सिंह 14:22 से 16:34 तक
कन्या 16:34 से 18:44 तक
तुला 18:44 से 21:00 तक
वृश्चिक 21:00 से 00:20 तक
धनु 23:20 से 01:26 तक
मकर 01:26 से 03:00 तक
कुम्भ 03:00 से 04:40 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–उत्तर

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

7 + 3 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
सभायां = कष्ट कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 19:02 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक

विशेष जानकारी

नवरात्रि सप्तम दिवस कालरात्रि पूजन

दुर्गा पूजन (बंगाल)