चलते रहने से शरीर और चलाते रहने से संबंध स्वस्थ रहते है दोनों को स्वस्थ रखिये आपका आज का दिन मंगलमय हो

दिनाँक 03/03/2023, सोमवार द्वादशी, शुक्ल पक्ष, चैत्र समाप्ति काल

तिथि द्वादशी 06:23:40 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र मघा 07:22:37
योग गण्ड 27:38:35
करण बालव 06:23:40
करण कौलव 19:17:26
वार सोमवार
माह चैत्र
चन्द्र राशि सिंह
सूर्य राशि मीन
रितु वसंत
आयन उत्तरायण
संवत्सर पिंगल
विक्रम संवत 2080
शक संवत 1945
सूर्योदय 06:09:16
सूर्यास्त 18:36:12
दिन काल 12:26:56
रात्री काल 11:31:57
चंद्रोदय 16:09:56
चंद्रास्त 29:11:43

लग्न—– मीन 18°50′ , 348°50′

सूर्य नक्षत्र रेवती
चन्द्र नक्षत्र मघा
नक्षत्र पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

मे मघा 07:22:37
मो पूर्वा फाल्गुनी 13:58:07
टा पूर्वा फाल्गुनी 20:32:07
टी पूर्वा फाल्गुनी 27:04:33

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

सूर्य मीन 18 : 59 रेवती , 1 दे
चन्द्र सिंह 12°:56, मघा , 4 मे
बुध मेष 04°: 34′ अश्वनी’ 2 चे
शुक्र मेष 26 °05, भरणी ‘ 4 लो
मंगल मिथुन 10°30 ‘ आर्द्रा ‘ 2 घ
गुरु मीन 25°30 ‘ रेवती , 3 च
शनि कुम्भ 8°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
राहू (व)मेष 11°10 अश्विनी , 4 ला
केतु (व)तुला 11°10 स्वाति , 2 रे

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 07:43 – 09:16 अशुभ
यम घंटा 10:49 – 12:23 अशुभ
गुली काल 13:56 – 15:29 अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 12:48 – 13:37 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:17 – 16:07 अशुभ
वर्ज्यम 16:10 – 17:55 अशुभ

🚩गंड मूल 06:09 – 07:23 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 15:29 – 17:02 अशुभ
चर 13:56 – 15:29 शुभ
लाभ 15:29 – 17:03 शुभ
अमृत 06:09 – 07:43 शुभ
काल 07:43 – 09:16 अशुभ
शुभ 09:16 – 10:49 शुभ
रोग 10:49 – 12:23 अशुभ
उद्वेग 12:23 – 13:56 अशुभ
अमृत 17:03 – 18:36 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 28:42 – 30:08 शुभ
अमृत 27:15 – 28:42 शुभ
चर 18:36 – 20:03 शुभ
रोग 20:03 – 21:29 अशुभ
काल 21:29 – 22:56 अशुभ
लाभ 22:56 – 24:22* शुभ
उद्वेग 24:22 – 25:49 अशुभ
शुभ 25:49 – 27:15 शुभ

🚩होरा, दिन

सूर्य 06:10 – 07:12
शुक्र 07:12 – 08:15
बुध 08:15 – 09:17
चन्द्र 06:09 – 07:12
शनि 07:12 – 08:14
बृहस्पति 08:14 – 09:16
मंगल 09:16 – 10:18
सूर्य 10:18 – 11:20
शुक्र 11:20 – 12:23
बुध 12:23 – 13:25
चन्द्र 13:25 – 14:27
शनि 14:27 – 15:29
बृहस्पति 15:29 – 16:32
मंगल 16:32 – 17:34
सूर्य 17:34 – 18:36

🚩होरा, रात

बृहस्पति 22:27 – 23:25
मंगल 23:25 – 24:22
सूर्य 24:22* – 25:20
शुक्र 18:36 – 19:34
बुध 19:34 – 20:32
चन्द्र 20:32 – 21:29
शनि 21:29 – 22:27
बृहस्पति 29:11* – 30:08
मंगल 23:25 – 24:22
सूर्य 24:22* – 25:20
शुक्र 25:20* – 26:18
बुध 26:18* – 27:15
चन्द्र 27:15* – 28:13
शनि 28:13* – 29:11

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

मीन 04:26 से 05:56 तक
मेष 05:56 से 07:42 तक
वृषभ 07:42 से 09:32 तक
मिथुन 09:32 से 11:52 तक
कर्क 11:52 से 14:04 तक
सिंह 14:04 से 16:16 तक
कन्या 16:16 से 18:26 तक
तुला 18:26 से 20:42 तक
वृश्चिक 20:42 से 23:02 तक
धनु 23:02 से 01:08 तक
मकर 01:08 से 02:42 तक
कुम्भ 02:42 से 04:22 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान———–पूर्व

परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

12+ 2 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

सोम प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
द्वादशी वृद्धि
अनंग त्रयोदशी