परिवर्तन से मत डरिए,अगर आप कुछ अच्छा खो सकते हो,तो उससे अच्छा प्राप्त भी कर सकते हो परिवर्तन सृष्टि का नियम है आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक03/01/2023, शुक्रवार* त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष, माघ समाप्ति काल, प्रदोष व्रत आज
तिथि |
त्रयोदशी 18:57:11 तक |
पक्ष |
शुक्ल |
नक्षत्र |
पुनर्वसु 33:15:16 |
योग |
विश्कुम्भ 12:59:58 |
करण |
तैतुल 18:57:11 |
वार |
शुक्रवार |
माह |
माघ |
चन्द्र राशि |
मिथुन 26:30:42 |
चन्द्र राशि |
कर्क |
सूर्य राशि |
मकर |
रितु |
वसंत |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
गुजराती संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
07:06:12 |
सूर्यास्त |
18:00:05 |
दिन काल |
10:53:52 |
रात्री काल |
13:05:32 |
चंद्रोदय |
15:49:28 |
चंद्रास्त |
30:17:59 |
लग्न—- मकर 19°46′ , 28 9°46′
सूर्य नक्षत्र |
श्रवण |
चन्द्र नक्षत्र |
पुनर्वसु |
नक्षत्र पाया |
रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
के |
पुनर्वसु 13:01:28 |
को |
पुनर्वसु 19:46:04 |
हा |
पुनर्वसु 26:30:42 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह |
राशी , अंश ,नक्षत्र, पद |
सूर्य |
मकर 19 : 29 श्रवण , 3 खे |
चन्द्र |
मिथुन 15°:23, आर्द्रा , 3 ड |
बुध |
धनु 24°: 34′ पूo षा o ‘ 4 ढा |
शुक्र |
कुम्भ 13°05, शतभिषा ‘ 2 सा |
मंगल |
वृषभ 16°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा |
गुरु |
मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ |
शनि |
कुम्भ 01°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु |
राहू |
(व) मेष 14°20 भरणी , 1 ली |
केतु |
(व) तुला 14°20 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
11:11 – 12:33 अशुभ |
यम घंटा |
15:17 – 16:38 अशुभ |
गुली काल |
08:28 – 09:50 अशुभ |
अभिजित |
12:11 – 12:55 शुभ |
दूर मुहूर्त |
09:17 – 10:01 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
12:55 – 13:39 अशुभ |
वर्ज्यम |
19:46 – 21:34 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
अमृत |
09:50 – 11:11 शुभ |
काल |
11:11 – 12:33 अशुभ |
शुभ |
12:33 – 13:55 शुभ |
रोग |
13:55 – 15:17 अशुभ |
उद्वेग |
15:17 – 16:38 अशुभ |
चर |
07:06 – 08:28 शुभ |
लाभ |
08:28 – 09:50 शुभ |
शुभ |
16:38 – 17:59 शुभ |
चर |
16:38 – 18:00 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग |
22:55 – 24:33* अशुभ |
शुभ |
24:33 – 26:11 शुभ |
अमृत |
26:11 – 27:49 शुभ |
चर |
27:49 – 29:27 शुभ |
रोग |
18:00 – 19:38 अशुभ |
काल |
19:38 – 21:16 अशुभ |
लाभ |
21:16 – 22:55 शुभ |
अमृत |
29:28 – 31:06 शुभ |
रोग |
29:27 – 31:06 अशुभ |
🚩होरा, दिन
बुध |
08:01 – 08:55 |
चन्द्र |
08:55 – 09:50 |
शनि |
09:50 – 10:44 |
बृहस्पति |
10:44 – 11:39 |
मंगल |
11:39 – 12:33 |
सूर्य |
12:33 – 13:28 |
शुक्र |
07:06 – 08:01 |
बुध |
14:22 – 15:17 |
चन्द्र |
15:17 – 16:11 |
शनि |
16:11 – 17:06 |
बृहस्पति |
17:06 – 18:00 |
शुक्र |
13:28 – 14:22 |
🚩होरा, रात
सूर्य |
19:06 – 20:11 |
शुक्र |
20:11 – 21:16 |
बुध |
21:16 – 22:22 |
चन्द्र |
22:22 – 23:27 |
शनि |
23:27 – 24:33* |
बृहस्पति |
24:33* – 25:38 |
मंगल |
18:00 – 19:06 |
सूर्य |
26:44* – 27:49 |
शुक्र |
27:49* – 28:55 |
बुध |
28:55* – 30:00 |
चन्द्र |
30:00* – 31:06 |
शनि |
26:44* – 27:49 |
बृहस्पति |
27:49* – 28:55 |
मंगल |
25:38* – 26:44 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मकर |
04:54 से 06: 36 तक |
कुम्भ |
06: 36 से 08:24 तक |
मीन |
08: 24 से 09:46 तक |
मेष |
09:46 से 11:22 तक |
वृषभ |
11:22 से 15:46 तक |
कर्क |
15:46 से 18:50 तक |
सिंह |
18:50 से 20:02 तक |
कन्या |
20:02 से 10:10 तक |
तुला |
10:10 से 01:32 तक |
वृश्चिक |
01:32 से 02:44 तक |
धनु |
02:44 से 04: 46 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———— पश्चिम
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
13 + 6 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृशाभारूढ़= शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
सर्वार्थ सिद्धि योग
प्रदोष व्रत
गुरु गोरखनाथ जयंती
श्री विश्वकर्मा जयंती
श्री नित्यानंद जयंती