केवल आत्मविश्वास होना चाहिए, जिंदगी तो कहीं से भी शुरू हो सकती है आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक:03/01/2023, मंगलवार द्वादशी, शुक्ल पक्ष, पौष (समाप्ति काल)
तिथि |
द्वादशी 22:01:20 तक |
पक्ष |
शुक्ल |
नक्षत्र |
कृत्तिका 16:24:41 |
योग |
शुभ 31:04:54 |
करण |
बव 09:09:07 |
करण |
बालव 22:01:20 |
वार |
मंगलवार |
माह |
पौष |
चन्द्र राशि |
मेष 20:50:46 |
चन्द्र राशि |
वृषभ |
सूर्य राशि |
धनु |
रितु |
शिशिर |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
07:11:31 |
सूर्यास्त |
17:35:43 |
दिन काल |
10:24:12 |
रात्री काल |
13:36:00 |
चंद्रोदय |
14:41:24 |
चंद्रास्त |
28:54:57 |
लग्न—- धनु 18°13′ , 258°13′
सूर्य नक्षत्र |
पूर्वाषाढा |
चन्द्र नक्षत्र |
कृत्तिका |
नक्षत्र पाया |
लोहा |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
उ |
कृत्तिका 09:51:58 |
ए |
कृत्तिका 16:24:41 |
ओ |
रोहिणी 22:58:41 |
वा |
रोहिणी 29:33:52 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह |
राशी , अंश ,नक्षत्र, पद |
सूर्य |
धनु 18 : 29 पू oषाo , 2 धा |
चन्द्र |
वृषभ 05°23, कृतिका , 3 उ |
बुध |
धनु 28 ° 34′ उ o षाo ‘ 1 भे |
शुक्र |
मकर 05°05, उ o षाo ‘ 3 जा |
मंगल |
वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा |
गुरु |
मीन 07°30 ‘ उ o भा o, 2 थ |
शनि |
मकर 28°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी |
राहू |
(व) मेष 16°00 भरणी , 2 ली |
केतु |
(व) तुला 16°00 विशाखा , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
13:42 – 14:59 अशुभ |
यम घंटा |
09:48 – 11:06 अशुभ |
गुली काल |
12:24 – 13:42 अशुभ |
अभिजित |
12:03 – 12:44 शुभ |
दूर मुहूर्त |
09:16 – 09:58 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
23:02 – 23:44 अशुभ |
वर्ज्यम |
33:58 – 35:44 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
रोग |
07:12 – 08:30 अशुभ |
चर |
08:30 – 09:48 अशुभ |
लाभ |
11:06 – 12:24 शुभ |
अमृत |
12:24 – 13:42 शुभ |
काल |
13:42 – 14:59 अशुभ |
शुभ |
14:59 – 16:18 शुभ |
रोग |
16:18 – 17:36 अशुभ |
🚩चोघडिया, रात
काल |
17:36 – 19:18 अशुभ |
लाभ |
19:18 – 20:59 शुभ |
उद्वेग |
20:59 – 22:42 अशुभ |
शुभ |
22:42 – 24:24* शुभ |
अमृत |
24:24 – 26:06 शुभ |
चर |
26:06 – 27:48 शुभ |
रोग |
27:48 – 29:30 अशुभ |
काल |
29:30 – 31:12 अशुभ |
🚩होरा, दिन
मंगल |
07:12 – 08:04 |
सूर्य |
08:04 – 08:56 |
शुक्र |
08:56 – 09:48 |
बुध |
09:48 – 10:40 |
चन्द्र |
10:40 – 11:32 |
शनि |
11:32 – 12:24 |
बृहस्पति |
12:24 – 13:16 |
मंगल |
13:16 – 14:08 |
सूर्य |
14:08 – 14:59 |
शुक्र |
14:59 – 15:52 |
बुध |
15:52 – 16:44 |
चन्द्र |
16:44 – 17:36 |
🚩होरा, रात
शनि |
17:36 – 18:44 |
बृहस्पति |
18:44 – 19:52 |
मंगल |
19:52 – 20:59 |
सूर्य |
20:59 – 22:08 |
शुक्र |
22:08 – 23:16 |
बुध |
23:16 – 24:24 |
चन्द्र |
24:24* – 25:32 |
शनि |
25:32* – 26:40 |
बृहस्पति |
26:40* – 27:48 |
मंगल |
27:48* – 28:56 |
सूर्य |
28:56* – 30:04 |
शुक्र |
30:04* – 31:12 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
धनु |
04:54 से 07:04 तक |
मकर |
07:04 से 08:44 तक |
कुम्भ |
08:44 से 10:18 तक |
मीन |
10: 18 से 11:46 तक |
मेष |
11:46 से 13:26 तक |
वृषभ |
13:26 से 17:44 तक |
कर्क |
17:44 से 19:54 तक |
सिंह |
19:54 से 22:10 तक |
कन्या |
22:10 से 00:20 तक |
तुला |
00:20 से 03:28 तक |
वृश्चिक |
02:28 से 04:44 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार । शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥ रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार । अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥ अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें । उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें । शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें । रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें । काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है । अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
12 + 3 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*सर्वार्थ सिद्धि 16:25 तक
* छप्पन भोग गरुण गोविन्द छटीकरा