रिश्तों को अच्छी तरीके से निभाने का सिर्फ एक ही मंत्र है, अपनो से उम्मीद कम और विश्वास ज्यादा रखना
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 30/01/2023, सोमवार* नवमी, शुक्ल पक्ष, माघ समाप्ति काल
तिथि | नवमी 10:11:04 तक |
पक्ष | शुक्ल |
नक्षत्र | कृत्तिका 22:14:06 |
योग | शुक्ल 10:46:54 |
करण | कौलव 10:11:04 |
करण | तैतुल 22:58:16 |
वार | सोमवार |
माह | माघ |
चन्द्र राशि | वृषभ |
सूर्य राशि | मकर |
रितु | वसंत |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | नल |
विक्रम संवत | 2079 |
शक संवत | 1944 |
सूर्योदय | 07:08:14 |
सूर्यास्त | 17:56:56 |
दिन काल | 10:48:41 |
रात्री काल | 13:10:49 |
चंद्रोदय | 12:40:46 |
चंद्रास्त | 26:49:42 |
लग्न—- मकर 15°42′ , 285°42′
सूर्य नक्षत्र | श्रवण |
चन्द्र नक्षत्र | कृत्तिका |
नक्षत्र पाया | स्वर्ण |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
ई | कृत्तिका 09:12:41 |
उ | कृत्तिका 15:42:23 |
ए | कृत्तिका 22:14:06 |
ओ | रोहिणी 28:47:41 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह | राशी , अंश ,नक्षत्र, पद |
सूर्य | मकर 15 : 29 श्रवण , 2 खू |
चन्द्र | वृषभ 03°:23, कृतिका , 2 ई |
बुध | धनु 20°: 34′ पूo षा o ‘ 3 फा |
शुक्र | कुम्भ 09°05, शतभिषा ‘ 1 गो |
मंगल | वृषभ 15°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा |
गुरु | मीन 11°30 ‘ उ o भा o, 3 झ |
शनि | कुम्भ 01°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी |
राहू | (व) मेष 14°30 भरणी , 1 ली |
केतु | (व)तुला 14°30 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 08:29 – 09:50 अशुभ |
यम घंटा | 11:12 – 12:33 अशुभ |
गुली काल | 13:54 – 15:15 अशुभ |
अभिजित | 12:11 – 12:54 शुभ |
दूर मुहूर्त | 12:54 – 13:37 अशुभ |
दूर मुहूर्त | 15:04 – 15:47 अशुभ |
वर्ज्यम | 09:13 – 10:56 अशुभ |
💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ
🚩पंचक 07:10 – 18:36 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत | 07:08 – 08:29 शुभ |
लाभ | 15:15 – 16:36 शुभ |
काल | 08:29 – 09:50 अशुभ |
शुभ | 09:50 – 11:12 शुभ |
रोग | 11:12 – 12:33 अशुभ |
उद्वेग | 12:33 – 13:54 अशुभ |
चर | 13:54 – 15:15 शुभ |
अमृत | 16:36 – 17:57 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
अमृत | 17:54 – 19:33 शुभ |
चर | 17:57 – 19:36 शुभ |
रोग | 19:36 – 21:15 अशुभ |
काल | 21:15 – 22:53 अशुभ |
लाभ | 22:53 – 24:32* शुभ |
उद्वेग | 24:32 – 26:11 अशुभ |
शुभ | 26:11 – 27:50 शुभ |
अमृत | 27:50 – 29:29 शुभ |
चर | 29:29 – 31:08 शुभ |
🚩होरा, दिन
चन्द्र | 07:08 – 08:02 |
शनि | 08:02 – 08:56 |
बृहस्पति | 08:56 – 09:50 |
मंगल | 09:50 – 10:44 |
सूर्य | 10:44 – 11:39 |
शुक्र | 11:39 – 12:33 |
बुध | 12:33 – 13:27 |
चन्द्र | 13:27 – 14:21 |
मंगल | 16:09 – 17:03 |
शनि | 14:21 – 15:15 |
बृहस्पति | 15:15 – 16:09 |
सूर्य | 17:03 – 17:57 |
🚩होरा, रात
बुध | 19:03 – 20:09 |
बृहस्पति | 22:21 – 23:26 |
मंगल | 17:55 – 19:01 |
सूर्य | 24:32* – 25:38 |
शुक्र | 17:57 – 19:03 |
चन्द्र | 20:09 – 21:15 |
शनि | 21:15 – 22:21 |
बृहस्पति | 30:02* – 31:08 |
मंगल | 23:26 – 24:32 |
सूर्य | 26:44* – 27:50 |
शुक्र | 25:38* – 26:44 |
शनि | 28:56* – 30:02 |
बुध | 26:44* – 27:50 |
चन्द्र | 27:50* – 28:56 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
धनु | 03:20 से 05:30 तक |
मकर | 05:40 से 07:26 तक |
कुम्भ | 07:26 से 09:06 तक |
मीन | 09: 06 से 10:26 तक |
मेष | 10:26 से 12:08 तक |
वृषभ | 12:08 से 16:26 तक |
कर्क | 16:26 से 18:38 तक |
सिंह | 18:38 से 20:52 तक |
कन्या | 20:52 से 10:56 तक |
तुला | 10:56 से 02:10 तक |
वृश्चिक | 02:10 से 03:20 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———— पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
9 + 2 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
गुप्त नवरात्रि समाप्त
*श्री हरि जयंती
*महानंदा नवमी
*सर्वार्थ सिद्धि योग22:14 से
* शनि अस्त पश्चिमे
*माखनलाल चतुर्वेदी निधन दिवस
*महात्मा गांधी शहीद दिवस
*कुष्ठ निवारण दिवस