अच्छे रहिये अच्छे बनिए लेकिन अच्छाई को अपनी कमजोरी कभी मत बनने दीजिये
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक 30/03/2023, गुरुवार* नवमी, शुक्ल पक्ष, चैत्र समाप्ति काल
श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏जय श्री राम
तिथि | नवमी 23:29:41 तक |
पक्ष | शुक्ल |
नक्षत्र | पुनर्वसु 22:58:13 |
योग | अतिगंड 25:00:53 |
करण | बालव 10:16:43 |
करण | कौलव 23:29:41 |
वार | गुरूवार |
माह | चैत्र |
चन्द्र राशि | मिथुन 16:14:06 |
चन्द्र राशि | कर्क |
सूर्य राशि | मीन |
रितु | वसंत |
आयन | उत्तरायण |
संवत्सर | पिंगल |
विक्रम संवत | 2080 |
शक संवत | 1945 |
सूर्योदय | 06:13:42 |
सूर्यास्त | 18:34:08 |
दिन काल | 12:20:25 |
रात्री काल | 11:38:27 |
चंद्रोदय | 12:28:55 |
चंद्रास्त | 26:55:48 |
लग्न—– मीन 14°53′ , 344°53′
सूर्य नक्षत्र | उo भाo |
चन्द्र नक्षत्र | पुनर्वसु |
नक्षत्र पाया | रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
को | पुनर्वसु 09:30:30 |
हा | पुनर्वसु 16:14:06 |
पुनर्वसु 22:58:13 | |
हु | पुष्य 29:42:39 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य | मीन 14 : 59 उ o भा o , 4 ञ |
चन्द्र | मिथुन 25°:23, पुनर्वसु, 2 को |
बुध | मीन 27°: 34′ रेवती’ 4 ची |
शुक्र | मेष 21 °05, भरणी ‘ 3 ले |
मंगल | मिथुन 08°30 ‘ आर्द्रा ‘ 1 कु |
गुरु | मीन 24°30 ‘ रेवती , 3 च |
शनि | कुम्भ 8°53 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो |
राहू | (व) मेष 11°25 अश्विनी , 4 ला |
केतु | (व) तुला 11°25 स्वाति , 2 रे |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल | 13:56 – 15:29 अशुभ |
यम घंटा | 06:14 – 07:46 अशुभ |
गुली काल | 09:19 – 10: 51अशुभ |
अभिजित | 11:59 – 12:49 शुभ |
दूर मुहूर्त | 10:21 – 11:10 अशुभ |
दूर मुहूर्त | 15:17 – 16:06 अशुभ |
वर्ज्यम | 09:31 – 11:18 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
शुभ | 06:14 – 07:46 शुभ |
रोग | 07:46 – 09:19 अशुभ |
उद्वेग | 09:19 – 10:51 अशुभ |
चर | 10:51 – 12:24 शुभ |
लाभ | 12:24 – 13:56 शुभ |
अमृत | 13:56 – 15:29 शुभ |
काल | 15:29 – 17:02 अशुभ |
शुभ | 17:02 – 18:34 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
अमृत | 18:34 – 20:01 शुभ |
चर | 20:01 – 21:29 शुभ |
रोग | 21:29 – 22:56 अशुभ |
काल | 22:56 – 24:23* अशुभ |
लाभ | 24:23 – 25:51 शुभ |
उद्वेग | 25:51 – 27:18 अशुभ |
शुभ | 27:18 – 28:45 शुभ |
अमृत | 28:45 – 30:13 शुभ |
🚩होरा, दिन
बृहस्पति | 06:14 – 07:15 |
मंगल | 07:15 – 08:17 |
सूर्य | 08:17 – 09:19 |
शुक्र | 09:19 – 10:21 |
बुध | 10:21 – 11:22 |
चन्द्र | 11:22 – 12:24 |
शनि | 12:24 – 13:26 |
बृहस्पति | 13:26 – 14:27 |
मंगल | 14:27 – 15:29 |
सूर्य | 15:29 – 16:31 |
शुक्र | 16:31 – 17:32 |
बुध | 17:32 – 18:34 |
🚩होरा, रात
चन्द्र | 18:34 – 19:32 |
शनि | 19:32 – 20:3 |
बृहस्पति | 20:31 – 21:29 |
मंगल | 21:29 – 22:27 |
सूर्य | 22:27 – 23:25 |
शुक्र | 23:25 – 24:23 |
बुध | 24:23* – 25:22 |
चन्द्र | 25:22* – 26:20 |
शनि | 26:20* – 27:18 |
बृहस्पति | 27:18* – 28:16 |
मंगल | 28:16* – 29:14 |
सूर्य | 29:14* – 30:13 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मीन | 04:40 से 06:10 तक |
मेष | 06:10 से 07:56 तक |
वृषभ | 07:56 से 09:46 तक |
मिथुन | 09:46 से 12:06 तक |
कर्क | 12:06 से 14:18 तक |
सिंह | 14:18 से 16:30 तक |
कन्या | 16:30 से 18:40 तक |
तुला | 18:40 से 20:56 तक |
वृश्चिक | 20:56 से 23:16 तक |
धनु | 23:16 से 01:22 तक |
मकर | 01:22 से 02:56 तक |
कुम्भ | 02:56 से 04:36 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली | +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर | +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा | +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ | +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता | +54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———–उत्तर
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
9 + 5 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ= शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 08:01 तक समाप्त
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
विशेष जानकारी
नवरात्रि नवम दिवस सिद्धदात्री पूजन
श्री राम नवमी
नवरात्रि समाप्त
सर्वार्थ सिद्धि योग 22:58 से