आप कभी भी सर्व गुण संपन्न नहीं हो सकते ऐसा बनने की कोशिश भी आपके दुखों का कारण बनती है आपका आज का दिन मंगलमय है

दिनाँक:04/01/2023, बुधवार त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष, पौष समाप्ति काल प्रदोष व्रत

तिथि त्रयोदशी 24:00:07 तक
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र रोहिणी 18:47:25
योग शुक्ल 31:32:07
करण कौलव 10:58:34
करण तैतुल 24:00:07
वार बुधवार
माह पौष
चन्द्र राशि वृषभ
सूर्य राशि धनु
रितु शिशिर
आयन उत्तरायण
संवत्सर नल
विक्रम संवत 2079
शक संवत 1944
सूर्योदय 07:11:44
सूर्यास्त 17:36:26
दिन काल 10:24:41
रात्री काल –13:35:29
चंद्रोदय 15:23:25
चंद्रास्त 29:51:28

लग्न—- धनु 19°14′ , 259°14′

सूर्य नक्षत्र पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र रोहिणी
नक्षत्र पाया लोग

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

वी रोहिणी 12:10:08
वु0 रोहिणी 18:47:25
वे मृगशिरा 25:25:37

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य धनु 19 : 29 पू oषाo , 2 धा
चन्द्र वृषभ 17°23, रोहिणी , 3 वी
बुध धनु 27 ° 34′ उ o षाo ‘ 1 भे
शुक्र मकर 07°05, उ o षाo ‘ 4 जी
मंगल वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु मीन 07°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि मकर 28°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू (व) मेष 15°50 भरणी , 2 ली
केतु (व) तुला 15°50 विशाखा , 3 रो

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 12:24 – 13:42 अशुभ
यम घंटा 08:30 – 09:48 अशुभ
गुली काल 11:06 – 12:24 अशुभ
अभिजित 12:03 – 12:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:03 – 12:45 अशुभ
वर्ज्यम 09:58 – 11:44 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 07:12 – 08:30 शुभ
अमृत 08:30 – 09:48 शुभ
काल 09:48 – 11:06 अशुभ
शुभ 11:06 – 12:24 शुभ
रोग 12:24 – 13:42 अशुभ
उद्वेग 13:42 – 15:00 अशुभ
चर 15:00 – 16:18 शुभ
लाभ 16:18 – 17:36 शुभ

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 17:36 – 19:18 अशुभ
शुभ 19:18 – 21:00 शुभ
अमृत 21:00 – 22:42 शुभ
चर 22:42 – 24:24* शुभ/td>
रोग 24:24 – 26:06 अशुभ
काल 26:06 – 27:48 अशुभ
लाभ 27:48 – 29:30 शुभ
उद्वेग 29:30 – 31:12 अशुभ

🚩होरा, दिन

बुध 07:12 – 08:04
चन्द्र 08:04 – 08:56
शनि 08:56 – 09:48
बृहस्पति 09:48 – 10:40
मंगल 10:40 – 11:32
सूर्य 11:32 – 12:24
शुक्र 12:24 – 13:16
बुध 13:16 – 14:08
चन्द्र 14:08 – 15:00
शनि 15:00 – 15:52
बृहस्पति 15:52 – 16:44
मंगल 16:44 – 17:36

🚩होरा, रात

सूर्य 17:36 – 18:44
शुक्र 18:44 – 19:52
बुध 19:52 – 21:00
चन्द्र 21:00 – 22:08
शनि 22:08 – 23:16
बृहस्पति 23:16 – 24:24
मंगल 24:24* – 25:32
सूर्य 25:32* – 26:40
शुक्र 26:40* – 27:48
बुध 27:48* – 28:56
चन्द्र 28:56* – 30:04
शनि 30:04* – 31:12

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

धनु 04:50 से 07:00 तक
मकर 07:04 से 08:40 तक
कुम्भ 08:40 से 10:18 तक
मीन 10: 14 से 11:42 तक
मेष 11:42 से 13:22 तक
वृषभ 13:22 से 17:40 तक
कर्क 17:40 से 19:50 तक
सिंह 19:50 से 22:06 तक
कन्या 22:06 से 00:16 तक
तुला 00:16 से 03:24 तक
वृश्चिक 02:24 से 04:40 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार । शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥ रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार । अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥ अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें । उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें । शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें । रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें । काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है । अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

13 + 4 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*:

13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*रोहिणी व्रत
*सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष-साधना

ज्योतिषाचार्य डॉ विष्णु शास्त्री