बुद्धिमान वही है,जो सबसे कुछ न कुछ सीख लेता है शक्तिशाली वही है,जिसका अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण है सम्मानित वही है,जो दूसरों का सम्मान करता है आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक:-07/01/2023, शनिवार प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष, माघ
तिथि |
प्रतिपदा 31:06:34 तक |
पक्ष |
कृष्ण |
नक्षत्र |
पुनर्वसु 27:06:57 |
योग |
ऐन्द्र 08:52:49 |
करण |
बालव 17:51:10 |
करण |
कौलव 31:06:34 |
वार |
शनिवार |
माघ |
पौष |
चन्द्र राशि |
मिथुन 20:22:58 |
चन्द्र राशि |
कर्क |
सूर्य राशि |
धनु |
रितु |
शिशिर |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
07:12:13 |
सूर्यास्त |
17:38:37 |
दिन काल |
10:26:24 |
रात्री काल |
13:33:42 |
चंद्रोदय |
17:55:02 |
चंद्रास्त |
31:31:25 |
लग्न—- धनु 22°18′ , 262°18′
सूर्य नक्षत्र |
पूर्वाषाढा |
चन्द्र नक्षत्र |
पुनर्वसु |
नक्षत्र पाया |
रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
को |
पुनर्वसु 13:39:14 |
हा |
पुनर्वसु 20:22:58 |
अ |
कृत्तिका 20:50:46 |
ही |
पुनर्वसु 27:06:57 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह |
राशी , अंश ,नक्षत्र, पद |
सूर्य |
धनु 22:29 पू oषाo, 3 फा |
चन्द्र |
मिथुन 23°23, पुनर्वसु , 2 को |
बुध |
मकर 10 ° 34′ पू o षाo ‘ 4 ढा |
शुक्र |
मकर 09°05, उ o षाo ‘ 4 जी |
मंगल |
वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा |
गुरु |
मीन 07°30 ‘ उ o भा o, 2 थ |
शनि |
मकर 28°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी |
राहू |
(व) मेष 15°50 भरणी , 1 ली |
केतु |
(व) तुला 15°47 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
09:49 – 11:07 अशुभ |
यम घंटा |
13:44 – 15:02 अशुभ |
गुली काल |
07:12 – 08: 31अशुभ |
अभिजित |
12:05 – 12:46 शुभ |
दूर मुहूर्त |
08:36 – 09:18 अशुभ |
वर्ज्यम |
13:39 – 15:27 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
अमृत |
15:02 – 16:20 शुभ |
काल |
07:12 – 08:31 अशुभ |
शुभ |
08:31 – 09:49 शुभ |
रोग |
09:49 – 11:07 अशुभ |
उद्वेग |
11:07 – 12:25 अशुभ |
चर |
12:25 – 13:44 शुभ |
लाभ |
13:44 – 15:02 शुभ |
अमृत |
16:17 – 17:35 शुभ |
काल |
16:20 – 17:39 अशुभ |
🚩चोघडिया, रात
चर |
24:25 – 26:07 शुभ |
रोग |
26:07 – 27:49 अशुभ |
काल |
27:49 – 29:31 अशुभ |
लाभ |
29:31 – 31:12 शुभ |
उद्वेग |
19:20 – 21:02 अशुभ |
शुभ |
21:02 – 22:44 शुभ |
अमृत |
22:44 – 24:25* शुभ |
चर |
29:29 – 31:12 शुभ |
💮होरा, दिन
चन्द्र |
07:12 – 08:04 |
शनि |
08:03 – 08:55 |
बृहस्पति |
08:04 – 08:57 |
मंगल |
08:57 – 09:49 |
सूर्य |
09:49 – 10:41 |
शुक्र |
10:41 – 11:33 |
बुध |
11:33 – 12:25 |
चन्द्र |
12:25 – 13:18 |
शनि |
13:18 – 14:10 |
बृहस्पति |
14:10 – 15:02 |
मंगल |
15:02 – 15:54 |
सूर्य |
15:54 – 16:46 |
शुक्र |
16:46 – 17:39 |
🚩होरा, रात
बुध |
17:39 – 18:46 |
चन्द्र |
18:46 – 19:54 |
शनि |
19:54 – 21:02 |
बृहस्पति |
21:02 – 22:10 |
मंगल |
22:10 – 23:18 |
सूर्य |
23:18 – 24:25 |
शुक्र |
24:25* – 25:33 |
बुध |
25:33* – 26:41 |
चन्द्र |
26:41* – 27:49 |
शनि |
27:49* – 28:57 |
बृहस्पति |
28:57* – 30:05 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
धनु |
04:39 से 06:48 तक |
मकर |
06:48 से 08:28 तक |
कुम्भ |
08:28 से 10:06 तक |
मीन |
10: 06 से 11:30 तक |
मेष |
11:30 से 13:10 तक |
वृषभ |
13:10 से 17:28 तक |
|
17:28 से 19:38 तक |
सिंह |
19:38 से 21:54 तक |
कन्या |
21:54 से 00:04 तक |
तुला |
00:04 से 03:12 तक |
वृश्चिक |
02:12 से 04:22 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 1 + 7 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
07:47 से 20:23 तक
स्वर्ग लोक =शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*ऊंट महोत्सव 2 दिन बीकानेर