जिस तरह सोच समझकर बोलना एक कला है तो मौन रहना भी किसी साधना से कम नहीं
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक:-08/02/2023, बुधवार*
तृतीया, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन समाप्ति काल
तिथि |
तृतीया 30:22:35 तक |
पक्ष |
कृष्ण |
नक्षत्र |
पूर्वा फाल्गुनी 20:13:24 |
योग |
अतिगंड 16:28:42 |
करण |
वणिज 17:27:15 |
करण |
विष्टि भद्र 30:22:35 |
वार |
बुधवार |
माह |
फाल्गुन |
चन्द्र राशि |
सिंह 26:48:21 |
चन्द्र राशि |
कन्या |
सूर्य राशि |
मकर |
रितु |
वसंत |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
07:03:08 |
सूर्यास्त |
18:03:54 |
दिन काल |
11:00:45 |
रात्री काल |
12:58:34 |
चंद्रास्त |
चंद्रोदय |
20:23:13 |
लग्न—- मकर 24°50′ , 294°50′
सूर्य नक्षत्र |
धनिष्ठा |
चन्द्र नक्षत्र |
पूर्वा फाल्गुनी |
नक्षत्र पाया |
रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
टी |
पूर्वा फाल्गुनी 13:37:25 |
टू |
पूर्वा फाल्गुनी 20:13:24 |
टे |
उत्तरा फाल्गुनी 26:48:21 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य |
मकर 24 : 29 धनिष्ठा , 1 गा |
चन्द्र |
सिंह 20°:23, पू o फा o , 3 टी |
बुध |
मकर 01 °: 34′ उ o षा o ‘ 2 भो |
शुक्र |
कुम्भ 29°05, शतभिषा ‘ 1 से |
मंगल |
वृषभ 17°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी |
गुरु |
मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 3 झ |
शनि |
कुम्भ 01°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु |
राहू |
(व) मेष 14°10 भरणी , 1 ली |
केतु |
(व) तुला 14°10 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
12:34 – 13:56 अशुभ |
यम घंटा |
08:26 – 09:48 अशुभ |
गुली काल |
11:11 – 12:34 अशुभ |
अभिजित |
12:12 – 12:56 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
12:12 – 12:56 अशुभ |
वर्ज्यम |
28:07 – 29:52 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
लाभ |
07:03 – 08:26 शुभ |
अमृत |
08:26 – 09:48 शुभ |
काल |
09:48 – 11:11 अशुभ |
शुभ |
11:11 – 12:34 शुभ |
रोग |
12:34 – 13:56 अशुभ |
उद्वेग |
13:56 – 15:19 अशुभ |
चर |
15:19 – 16:41 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग |
18:04 – 19:41 अशुभ |
शुभ |
19:41 – 21:19 शुभ |
अमृत |
21:19 – 22:56 शुभ |
चर |
22:56 – 24:33* शुभ |
रोग |
24:33 – 26:11 अशुभ |
काल |
26:11 – 27:48 अशुभ |
लाभ |
27:48 – 29:25 शुभ |
उद्वेग |
29:25 – 31:02 अशुभ |
🚩होरा, दिन
बुध |
07:03 – 07:58 |
चन्द्र |
07:58 – 08:53 |
शनि |
08:53 – 09:48 |
बृहस्पति |
09:48 – 10:43 |
मंगल |
10:43 – 11:38 |
सूर्य |
11:38 – 12:34 |
शुक्र |
12:34 – 13:29 |
बुध |
13:29 – 14:24 |
चन्द्र |
14:24 – 15:19 |
शनि |
15:19 – 16:14 |
बृहस्पति |
16:14 – 17:09 |
मंगल |
17:09 – 18:04 |
🚩होरा, रात
सूर्य |
18:04 – 19:09 |
शुक्र |
19:09 – 20:14 |
बुध |
20:14 – 21:19 |
चन्द्र |
21:19 – 22:23 |
शनि |
22:23 – 23:28 |
बृहस्पति |
23:28 – 24:33 |
मंगल |
24:33* – 25:38 |
सूर्य |
25:38* – 26:43 |
शुक्र |
26:43* – 27:48 |
बुध |
27:48* – 28:53 |
चन्द्र |
28:53* – 29:58 |
शनि |
29:58* – 31:02 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मकर |
04:36 से 06: 20 तक |
कुम्भ |
06: 20 से 08:08 तक |
मीन |
08: 08 से 09:30 तक |
मेष |
09:30 से 11:06 तक |
वृषभ |
11:06 से 13:02 तक |
मिथुन |
13:02 से 15:30 तक |
कर्क |
15:30 से 18:34 तक |
सिंह |
18:34 से 19:46 तक |
कन्या |
19:46 से 22:54 तक |
तुला |
22:54 से 01:16 तक |
वृश्चिक |
01:16 से 02:28 तक |
धनु |
02:28 से 04: 30 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———— पूर्व
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 3 + 4 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
सांय 17:27 से रात्रि 30:22 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
विशेष जानकारी
अतिगंड योग 16:21 तक