महत्वपूर्ण यह नही की हमारी उम्र क्या है, महत्वपूर्ण यह है कि हम किस उम्र की सोच रखते है
आपका आज का दिन मंगलमय हो
दिनाँक:-09/02/2023, गुरुवार* चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,फाल्गुन समाप्ति काल),आज चतुर्थी व्रत
तिथि |
चतुर्थी अहोरात्र तक |
पक्ष |
कृष्ण |
नक्षत्र |
उ०फा०22:26:09 |
योग |
सुकर्मा 16:43:56 |
करण |
बव 19:13:03 |
वार |
गुरूवार |
माह |
फाल्गुन |
चन्द्र राशि |
कन्या |
चन्द्र राशि |
कन्या |
सूर्य राशि |
मकर |
रितु |
वसंत |
आयन |
उत्तरायण |
संवत्सर |
नल |
विक्रम संवत |
2079 |
शक संवत |
1944 |
सूर्योदय |
07:02:28 |
सूर्यास्त |
18:04:39 |
दिन काल |
11:02:10 |
रात्री काल |
12:57:07 |
चंद्रास्त |
09:07:07 |
चंद्रोदय |
21:16:29 |
लग्न—- मकर 25°50′ , 295°50′
सूर्य नक्षत्र |
धनिष्ठा |
चन्द्र नक्षत्र |
उत्तरा फाल्गुनी |
नक्षत्र पाया |
रजत |
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
टो |
उत्तरा फाल्गुनी 09:22:11 |
पा |
उत्तरा फाल्गुनी 15:54:49 |
पी |
उत्तरा फाल्गुनी 22:26:09 |
पू |
हस्त 28:56:06 |
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
सूर्य |
मकर 25 : 29 धनिष्ठा , 1 गा |
चन्द्र |
कन्या 02°:23, उ o फाo , 3 टी |
बुध |
मकर 02 °: 34′ उ o षा o’ 2 भो |
शुक्र |
कुम्भ 21°05, पू o भा o ‘ 1 से |
मंगल |
वृषभ 18°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी |
गुरु |
मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 3 झ |
शनि |
कुम्भ 02°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु |
राहू |
(व) मेष 14°10 भरणी , 1 ली |
केतु |
(व) तुला 14°10 स्वाति , 3 रो |
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल |
15:19 – 16:42अशुभ |
यम घंटा |
07:02 – 08:25 अशुभ |
गुली काल |
09:48 – 11:11 अशुभ |
अभिजित |
12:11 – 12:56 शुभ |
दूर मुहूर्त |
10:43 – 11:27 अशुभ |
दूर मुहूर्त |
15:08 – 15:52 अशुभ |
वर्ज्यम |
31:32 – 33:15 अशुभ |
💮चोघडिया, दिन
शुभ |
07:02 – 08:25 शुभ |
रोग |
08:25 – 09:48 अशुभ |
उद्वेग |
09:48 – 11:11 अशुभ |
चर |
11:11 – 12:34 शुभ |
लाभ |
12:34 – 13:56 शुभ |
अमृत |
13:56 – 15:19 शुभ |
काल |
15:19 – 16:42 अशुभ |
शुभ |
16:42 – 18:05 शुभ |
🚩चोघडिया, रात
अमृत |
18:05 – 19:42 शुभ |
चर |
19:42 – 21:19 शुभ |
रोग |
21:19 – 22:56 अशुभ |
काल |
22:56 – 24:33*अशुभ |
लाभ |
24:33 – 26:10 शुभ |
उद्वेग |
26:10 – 27:48 अशुभ |
शुभ |
27:48 – 29:25 शुभ |
अमृत |
29:25 – 31:02 शुभ |
🚩होरा, दिन
बृहस्पति |
07:02 – 07:58 |
मंगल |
07:58 – 08:53 |
सूर्य |
08:53 – 09:48 |
शुक्र |
09:48 – 10:43 |
बुध |
10:43 – 11:38 |
चन्द्र |
11:38 – 12:34 |
शनि |
12:34 – 13:29 |
बृहस्पति |
13:29 – 14:24 |
मंगल |
14:24 – 15:19 |
सूर्य |
15:19 – 16:14 |
शुक्र |
16:14 – 17:09 |
बुध |
17:09 – 18:05 |
🚩होरा, रात
चन्द्र |
18:05 – 19:09 |
शनि |
19:09 – 20:14 |
बृहस्पति |
20:14 – 21:19 |
मंगल |
21:19 – 22:24 |
सूर्य |
22:24 – 23:28 |
शुक्र |
23:28 – 24:33 |
बुध |
24:33* – 25:38 |
चन्द्र |
25:38* – 26:43 |
शनि |
26:43* – 27:48 |
बृहस्पति |
27:48* – 28:52 |
मंगल |
28:52* – 29:57 |
सूर्य |
29:57* – 31:02 |
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मकर |
04:32 से 06: 16 तक |
कुम्भ |
06: 16 से 08:04 तक |
मीन |
08: 04 से 09:26 तक |
मेष |
09:27 से 10:56 तक |
वृषभ |
10:57 से 12:58 तक |
मिथुन |
12:56 से 15:26 तक |
कर्क |
15:26 से 18:30 तक |
सिंह |
18:30 से 19:42 तक |
कन्या |
19:42 से 22:50 तक |
तुला |
22:50 से 01:12 तक |
वृश्चिक |
01:12 से 02:24 तक |
धनु |
02:24 से 04: 26 तक |
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार (लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली |
+10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट |
जयपुर |
+5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट |
कोटा |
+5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट |
लखनऊ |
+25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट |
कोलकाता |
+54—–जैसलमेर -15 मिनट |
नोट-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———— पूर्व
परिहार-:आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 4 + 5 + 1 = 25÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
सांय 17:27 से रात्रि 30:22 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
विशेष जानकारी
चतुर्थी व्रत चंद्रोदय रात्रि 21:16
सिद्ध विनायक प्रतिष्ठा महोत्सव मुम्बई