सामुद्रिक शास्त्र में हाथ का देखना सबसे महत्वपूर्ण विषय है। वैसे तो सामुद्रिक शास्त्र में मानव के प्रत्येक अंग का अध्ययन एवं फल कहना होता है। परंतु हाथ उन सबसे महत्वपूर्ण है अगर हाथ ठीक प्रकार से देखकर निश्चित कर लिया तो फिर फल कहना कठिन नहीं है। सामुद्रिक शास्त्र की नींव की प्रथम ईट अगर हम किसी अंग को कह सकते हैं,तो वह हाथ ही है।

साधारणतया हाथ दो प्रकार के होते हैं।

1 कोमल हाथ

2 कठोर हाथ

कोमल हाथ

इस प्रकार के हाथ वाले पुरुष विलासी,आराम प्रिय, छोटी-सी मुसीबत ऊपर आने पर घबरा जाते हैं

कठोर हाथ

इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति अधिक परिश्रम करने वाले, धैर्यवान तथा कम आराम करने वाले होते हैं

इसके अलावा भी हाथ को दो और भागों में विभाजित किया जा सकता है।

लंबा हाथ

इस प्रकार के हाथ की, हथेली और अंगुलियां प्राय: लंबी हुआ करती हैं। इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति प्राय: बुद्धिजीवी हुआ करते हैं

चौड़ा हाथ

इस प्रकार के हाथ की लंबाई ज्यादा नहीं होती, बल्कि लंबाई और चौड़ाई सम्मान हुआ करती है। इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति प्राय: कलाकार एवं श्रमिक हुआ करते हैं।

सामुद्रिक शास्त्र में हाथों के सात भेद होते हैं।

1 समकोण हाथ
2 चम साकार हाथ
3 दार्शनिक हाथ
4 कलाकार व्यवसायिक हाथ
5 निकृष्ट हाथ
6 आदर्शवादी विषम हाथ
7 मिश्रित हाथ

समकोण हाथ

यह हाथ सबसे श्रेष्ठ होता है। यह समकोण की तरह होता है। इस हाथ की लंबाई एवं चौड़ाई प्राय: करीब 2 बराबर होती है। अगर इस हाथ की अंगुलियों को एवं हथेली को नापो तो प्राय: बराबर होती है। इस हाथ की अंगुलियाँ सरल एवं सपाट तथा मुलायम और हथेली में सुड़ोल जुड़ी हुई होती है। मध्यमा अंगुली की बीच की गाँठ प्राय :आकार से कुछ बड़ी रहती है,इसके नाखून छोटे तथा चौकोर होते हैं।

इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति प्रायः अनुशासन प्रिय होते हैं ऐसे हाथ वाला पुरुष मिलनसार कोमल स्वभाव वाला एवं प्रत्येक मनुष्य के साथ प्रेम व नम्रता का व्यवहार करने वाला आज्ञा को मानने वाला अपने सिद्धांत का पक्का बीच में टोका टोकी नहीं करने वाला ऊंचे पद की प्राप्ति को लेकर के चलने वाला किसी के बीच में टांग ना उड़ाने वाला घमंड ना तो खुद करने वाला और ना किसी घमंडी का सम्मान करने वाला ऐसा व्यक्ति होता है।को प्रेम मान कर चलने वाला होता है तथा उसकी वास्तविकता से प्रीत करने वाला होता हैं इस प्रकार हाथ वाले कि अगर अंगुलियां समकोण एवं गठीली हो तो वह व्यक्ति सत्य भाषी शांत स्वभाव वाला एवं सत्य से अधिक प्रेम करने वाला होता है तथा सत्य की खोज में ही रहता है इस प्रकार के पुरुष पर प्राय:अध्यापक राजनीतिज्ञ विद्या विषय मे सुचारू रूप से काम करने वाले तथा भगवान के भक्त होते तथा अच्छे विचार एवं चरित्रवान कर्म प्रेमी हुआ करते हैं।

चम साकार हाथ

इस प्रकार के हाथ की अंगुलियां या तो कुछ टेडी एवं भरी हुई होती हैं या फिर बिल्कुल ठीक सीधी होती हैं या तो यह हाथ में कलाई के पास अधिक चौड़ा होगा या तो अंगुलियों के पास कम चौड़ा होगा अगर नीचे के हिस्से में कलाई के पास कम चौड़ा होगा तो अंगुलियों के पास अधिक चौड़ा होगा

अगर इस प्रकार के हाथ अंगुलियों के पास अधिक जोड़ें हो और नीचे के भाग में कम हो तो ऐसा पुरुष अधिक कार्य करने वाला तथा व्यवहार में अति कुशल होता है अगर इस प्रकार का व्यक्ति विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करता है तो विज्ञान में एटम बम का निर्माण नहीं करता परंतु इस प्रकार की वस्तुओं का आविष्कार किया करता है जो मानव को मानव बनाने में तथा सभ्यता की ओर ले जाने में अग्रसर होता है यह मानव के विनाश के लिए नहीं बल्कि विकास के लिए कार्य करता है।

अगर इस प्रकार की कलाई के पास अधिक चौड़ा है और ऊपर कम है तो इस प्रकार का मनुष्य उपयोगी कार्य करेगा अगर इस प्रकार के मनुष्य ने धार्मिक क्षेत्र में कार्य किया तो वह नवीन प्रकार के भजन एवं सारे धार्मिक समाज को अपनी और आकर्षित कर लेता है इस प्रकार के व्यक्ति संसार का मार्गदर्शन करते हैं

अगर इस प्रकार की अंगुलियां गद्दार हो तो इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति सुंदर सा भाव वाले अधिक परिश्रम करने वाले शांतिप्रिय क्रोध पर विजय प्राप्त करने वाले प्रत्येक कार्य की पूर्ति करते हैं वीर एवं निडर और धैर्यवान हुआ करते हैं प्राय शिकार खेलना दौड़ना कूदना खेल खेलना धनुष आदि चलाना तथा अश्व की सवारी आधी करना तथा वीरता पूर्ण कार्यों से अधिक रूचि रखने वाले ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनके हाथ की उंगलियां गांठ दार हो

इस प्रकार के हाथ की अंगुलियां सरल चिकनी तथा गांठ दार नहीं हो तो इस प्रकार के हाथ वाला पुरुष दस्तकार और लोगों को इसके सीखने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होता है तथा सिखाता भी है परंतु वह इसमें ख्याति प्राप्त नहीं कर सकता अगर इस प्रकार की अंगुलियां हो और लंबी हो तो ऐसे पुरुष प्राकृतिक तथा पेड़ पौधे के कार्यों से विशेष प्रेम करते हैं

अगर इस प्रकार के हाथ कठोर ना होकर मुलायम है तो ऐसे पुरुष और लोगों के दबाव में नहीं रहना चाहते परंतु अन्य लोगों पर शासन करने की इच्छा रखते हैं इस प्रकार के कार्य किसी हद तक सफल नहीं हो पाते यह वीर तथा झगड़े आदि करने में सफल तथा समाज में कुछ ना कुछ इस प्रकार की नवीन बाद खोज कर दिया करते हैं जिसके कारण कुछ समय के लिए समाज में उथल-पुथल मच जाती है

अगर इस प्रकार का हाथ कठोर एवं मजबूत प्रतीत हो और अंगुलियां गद्दार हो तो इस प्रकार के हाथ वाले पुरुष पर आए कठिन परिश्रम करने वाले हर समय किसी ने किसी कार्य में लगे रहने वाले व्यर्थ एक भी पल नहीं खोया करते ऐसे होते हैं अगर यह शारीरिक दृष्टि से कुछ नहीं करते तो मानसिक दृष्टि से खाली नहीं रहते।
ऐसे व्यक्ति अपने ऊपर किसी का बंधन स्वीकार नहीं करते अगर इनके विचारों से किसी पुरुष के विचार नहीं मिला करते तो उसका अंतिम क्षण तक जब तक कि वह इनके विचार को स्वीकार न कर लेवे विरोध किया करते हैं इस प्रकार के हाथ वाला पुरुष दयावान शांतिप्रिय मानसिक दृष्टिकोण से कमजोर अच्छे तथा सुंदर विषयों पर मनन करने वाला व्यर्थ कार्य से प्रेम नहीं करने वाला गाना विद्या का प्रेमी राशि का सौंदर्य प्रिय दूसरों का उपकार करने वाला तथा समाज सेवक हुआ करता है।

दार्शनिक हाथ

यह हाथ लंबा तथा मध्य में कुछ झुका हुआ और इसकी अंगुलियां चिकनी तथा सपाट नहीं होती जोड़ स्थान पर कुछ उठे हुए प्रतीत होते हैं नाखून पर आए हैं लंबे कोंडा तथा बीच में कुछ झुका हुआ प्रतीत होता है।
इस हाथ वाले पुरुष रहे हैं दार्शनिक लेखक वैज्ञानिक जॉब से नीतिशास्त्र के पंडित शांत स्वभाव तथा गुण विचार वाले विवेकी भोगी की साधना करने वाले चिकित्सक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले तथा अध्यापक विरोध न करने वाले भगवान के भगत ज्ञानवान कर्तव्य परायण नेता आदि होते हैं।

रायर कम होते हैं और प्रत्येक से घनिष्ठता प्रायर कम हो पाती है यह पीछे चलने वाले नहीं होते बहुत विवेक के साथ किसी विचार को सुनकर उस पर अपनी सहमति कायम करते हैं और उसकी कमी जब तक नहीं मानते जब तक कि पूर्ण रूप से कोई समझाने दे यह मानव से प्रेम करते हैं तथा ईश्वर को साक्षात्कार करने में लीन रहते हैं इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति प्रायः ब्राह्मण साधु योगी एवं दार्शनिक हुआ करते हैं अगर अंगुली का जोड़ समतल है और अंगुली निकली है तो कम विचार वान वाले ऐसे व्यक्ति होते हैं।

ऐसे हाथ वाले पूर्व एक ही विषय का अध्ययन करते हैं और उसका संपूर्ण ज्ञान करना अपना अध्ययन समझते हैं अगर यह प्रचार भी करते हैं और राजनीति में कार्य करते हैं तो धर्म के अनुसार ही राजनीति को चलाने का प्रयास करते हैं अन्यथा वह दूर दूर रहकर आध्यात्मिक क्षेत्र में कार्य किया करते हैं।

साधु योगी और दार्शनिक हुआ करते हैं अगर अंगुली का जोड़ समतल है खुली है तो कम विचार मान होते हैं ऐसे हाथ वाले पुरुष एक ही विषय का अध्ययन करते हैं और उसका संपूर्ण ज्ञान अपना समझते हैं अगर यह प्रचार भी करते हैं और राजनीति में कार्य करते हैं तो धर्म के अनुसार ही राजनीति को चलाने का प्रयत्न करते हैं अन्यथा वह दूर दूर रहकर आध्यात्मिक क्षेत्र में कार्य किया करते हैं।

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ज्योतिष साधना

ज्योतिषाचार्य डॉ विष्णु शास्त्री